JNU में हुई हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह ने की दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात, मांगी रिपोर्ट
नई दिल्ली: जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में रविवार शाम हुई हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की है और रिपोर्ट मांगी है. ज्वॉइंट कमिश्नर पुलिस इस मामले की जांच करेंगे और रिपोर्ट सबमिट करेंगे. गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने इस जांच के आदेश दिए हैं. दिल्ली पुलिस ने एक स्पेशल टीम गठित की है. दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह यह जांच करेंगी. दिल्ली पुलिस का कहना है कि दो गुटों में बीते तीन दिन से तनाव चल रहा था. जेएनयू के प्रशासन के अनुरोध पर पुलिस ने आज कैंपस में प्रवेश किया. दिल्ली पुलिस ने फ्लैग मार्च भी किया है.
रविवार शाम जेएनयू में हुई हिंसा की जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन ने दिल्ली पुलिस को दी है. जानकारी के साथ ही हिंसा की वारदातों को रोकने के लिए पुलिस को भी यूनिवर्सिटी कैंपस में बुलाया गया है. जेएनयू हिंसा पर डीसीपी साउथ वेस्ट देवेंद्र आर्या का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को जेएनयू परिसर में दाखिल होने की लिखित अनुमति दी. इसके बाद पुलिस ने यहां पहुंचकर स्थिति को अपने नियंत्रण में ले लिया. डीसीपी देवेंद्र आर्या के मुताबिक फिलहाल जेएनयू के अंदर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. पुलिस ने सभी आवश्यक प्वाइंट्स पर पुलिस बल तैनात कर दिए हैं.
उन्होंने बताया कि हिंसा में 21 छात्रों के घायल होने की सूचना है. घायलों को उपचार के लिए एम्स ले जाया गया है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई इस हिंसा के दौरान छात्र संघ की नेता आईशी घोष भी बुरी तरह जख्मी हो गई. आईसी को भी उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है. फिलहाल इन सभी का उपचार चल रहा है. पुलिस का कहना है कि जख्मी छात्रों द्वारा दिए गए बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. विश्वविद्यालय में हुई इस हिंसा का विरोध कर रहे जेएनयू के कुछ छात्रों ने विश्वविद्यालय में पहुंचे पुलिस अधिकारियों को बताया कि नकाबपोश हमलावर छात्रों को पीटने के लिए पेरियार, कावेरी, साबरमती व कोईना हॉस्टल तक पहुंच गए थे.
जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने हिंसा फैलाई है. इस हमले में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष के सिर पर गंभीर चोट आई हैं. वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ पर अपने कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया है. इस मामले में दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने पूछा है कि क्या हिंदुस्तान ऐसे विकास करेगा.
वहीं, दूसरी ओर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ पर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया है. जेएनयू में एबीवीपी के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा, ‘जेएनयू में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ से जुड़े लोगों ने हमला किया है. इस हमले में एबीवीपी से जुड़े करीब 15 छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं.”
दुर्गेश ने आरोप लगाया है कि जेएनयू के अलग-अलग हॉस्टल में एबीवीपी से जुड़े छात्रों पर हमला किया गया है और हॉस्टलों की खिड़कियों, दरवाजों को लेफ्ट के छात्र संगठनों ने बुरी तरह से तोड़ दिया है. हालांकि जेएनयूएसयू ने दावा किया कि साबरमती और अन्य हॉस्टल में एबीवीपी ने प्रवेश कर छात्रों की पिटाई की. एबीवीपी ने पथराव और तोड़फोड़ भी की. हालांकि तोड़फोड़ करने वाले लोगों ने नकाब पहना हुआ था.