दिल्ली में 2014 के बाद बने लाखों मकानों पर तोड़फोड़ का खतरा

दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद दिल्ली के लाखों मकानों पर तोड़फोड़ का खतरा मंडरा रहा है। दिल्ली नगर निगम जून 2014 के बाद यानी 17 साल में हुए अवैध निर्माण और कार्रवाई का डाटा जुटा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में कम से कम ऐसी 10 लाख संपत्ति हैं जिनका निर्माण जून 2014 के बाद हुआ है।

पुरानी दिल्ली में बेतरतीब तरीके से किया गया अवैध निर्माण। फोटो- जागरण आर्काइव
  1. हाईकोर्ट में मामला होने की वजह से कार्रवाई के दायरे में आ सकती हैं लाखों संपत्तिया
  2. जल्द ही हाईकोर्ट में होगी फाइलों में धूंल फांक रहे अवैध निर्माणों की लिस्ट

 नई दिल्ली। ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना के बाद एक ओर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनीटरिंग कमेटी की सक्रियता नजर आने लगी है तो वहीं दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद राजधानी में जून 2014 से अनधिकृत कॉलोनियों में हुए अवैध निर्माण पर तोड़फोड़ का खतरा मंडराने लगा है।

दरअसल, हाईकोर्ट ने न्यू फ्रैड्स कॉलोनी में अवैध निर्माण पर सुनवाई करते हुए निगम से अब तक दिल्ली में अवैध निर्माण और उस पर कार्रवाई का जो विवरण मांगा था, उससे निगम द्वारा एकत्रित किए जा रहे आंकड़ों से बड़ी संख्या में अवैध निर्माण की जानकारी सामने आ सकती है। फाइलों में धूंल फांक रहे अवैध निर्माणों की सूची जल्द ही हाईकोर्ट में होगी। इस पर आने वाले समय में कोर्ट निर्णय कर सकता है।

अनधिकृत कॉलोनियों में हुआ अवैध निर्माण

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में अवैध निर्माण को संरक्षण देने के लिए दिल्ली स्पेशल प्रोविजन एक्ट है। इसके तहत नियमित कॉलोनी में अवैध निर्माण आठ फरवरी 2007 तक संरक्षण प्राप्त हैं, जबकि ग्रामीण और अनधिकृत कॉलोनियों में अवैध निर्माण को एक जून 2014 तक संरक्षण प्राप्त है। इसके बाद जो-जो अवैध निर्माण हुए हैं वह कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं।

 …….को दिल्ली नगर निगम की ओर से जारी एक आदेश मिला है। इसमें हाई कोर्ट के आदेश पर निगम के इंजीनियरिंग विभाग ने सभी 12 जोन के अधिशासी अभियंताओं (भवन) जोन अनुसार आठ फरवरी 2007 से लेकर पांच अगस्त 2024 तक अवैध निर्माण और उन पर कार्रवाई से लेकर संपत्ति के मालिक की जानकारी के साथ वर्तमान स्थिति की जानकारी मांगी है।
करीब 10 लाख हैं ऐसी संपत्तियां

19 अगस्त तक सभी जोन को निगम मुख्यालय को यह जानकारी देनी है। विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली में कम से कम ऐसी 10 लाख संपत्ति हैं जो अवैध रूप से निर्मित हैं और उनका निर्माण खासतौर पर ग्रामीण और अनधिकृत कॉलोनियों में जून 2014 के बाद हुआ है। दिल्ली में शहरी मामलों के जानकार जगदीश ममगांई ने कहा कि निगम जब इन संपत्तियों की लिस्ट लेकर जाएगा तो संभव है कि हाईकोर्ट कार्रवाई रिपोर्ट मांग ले।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *