आज फिर देश की बेटियां मांग रहीं इंसाफ ?

रेप की सजा फांसी या एनकाउंटर… आज फिर देश की बेटियां मांग रहीं इंसाफ
तारीख पे तारीख… मिलती रही है… इंसाफ नहीं मिला माई लॉर्ड… ये फल्मी डायलॉग है लेकिन इसी वजह से वास्तविक दुनिया में जुल्म और दरिंदगी के शिकार लोग सालों साल कोर्ट के चक्कर काटते हैं. शायद यही वजह है कि दरिंदों की केवल एक ही सजा की मांग होती है, और वह है फास्ट ट्रैक कोर्ट से फांसी. कई बार तो लोगों ने रेपिस्ट के एनकाउंटर पर भी प्रसन्नता जाहिर की.

रेप की सजा फांसी या एनकाउंटर... आज फिर देश की बेटियां मांग रहीं इंसाफ

कई बार हो चुका है रेपिस्ट एनकाउंटर

कोलकाता गैंगरेप और मर्डर के अलावा बदलापुर मासूम दुष्कर्म कांड के खिलाफ हर तरफ उबाल है, उसे फांसी की सजा देने की मांग हो रही है. इस बीच असम में गैंगरेप के आरोपी ने तालाब में डूबकर जान दे दी. काश कि उसने दरिंगदी से पहले भी शर्म के दरिया में गोता लगाया होता, लेकिन नहीं. हैरत तो ये है कि जो शख्स जुर्म करते वक्त नहीं घबराया, वह क्राइम सीन रीक्रिएशन के दौरान डर गया. हैरत तो ये भी कि वह पुलिस कस्टडी से फरार हो गया और भागा ही नहीं बल्कि पुलिस पर हमले करने का भी प्रयास किया. पुलिस से बचने के लिए उसने तालाब में छलांग लगा दी और मौत के मुंह में समा गया. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस वारदात को लेकर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी. सीएम ने कहा था कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा था कि पश्चिम बंगाल में सरकार ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, इसलिए हालात बेकाबू हो गए.

गैंगरेप के आरोपी के अंतिम संस्कार का बहिष्कार

असम में गैंगरेप के आरोपी के तालाब में डूबने की घटना शनिवार सुबह की है. स्थान- नावांग जिला का धींग. पुलिस का कहना है कि गैंगरेप के तीन आरोपियों में से एक तफलुज़ इस्लाम को शुक्रवार को ही धर दबोचा गया था और जांच को आगे बढ़ाने के वास्ते उसे घटनास्थल पर क्राइम सीन दोहराने के लिए ले जाया गया था तभी उसने हमला किया, फरार हुआ और तालाब में छलांग लगा दी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. सबकुछ आनन फानन में हुआ. असम में गैंगरेप की वारदात को लेकर तफलुज़ इस्लाम के खिलाफ गुस्से का आलम इस बात से समझा जा सकता है कि स्थानीय लोगों ने उसके अंतिम संस्कार में भाग लेने से मना कर दिया.

मथुरा में बुजुर्ग महिला के रेपिस्ट का एनकाउंटर

पुलिस ने 65 साल की महिला के साथ रेप के आरोपी के पैरों में गोली मार कर गिरफ्तार किया था. पुलिस ने उसका इलाज भी करवाया लेकिन ताज्जुब कि जब वह पुलिस कस्टडी से भाग निकला. और पुलिस के ऊपर फायरिंग करने लगा.जिसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में उसे ढेर कर दिया गया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि आत्मरक्षा में उसे गोली मारी गई, वह खूंखार हो चुका था. गौरतलब है कि 29 साल के उस आरोपी को 2015 में बंदूक का भय दिखाकर अपने ही गांव की बुजुर्ग महिला के साथ रेप और लूटपाट करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था.

हैदराबाद गैंगरेप के आरोपियों का बहुचर्चित एनकाउंटर

यह बहुचर्चित पुलिस एनकाउंटर साल 2019 का है. सोशल मीडिया पर तेलंगाना पुलिस की तारीफ के कसीदे आज भी चस्पां हैं. वारदात 6 दिसंबर 2019 की है. चटनपल्ली इलाके के हाइवे के पास एक वेटनरी डॉक्टर युवती की लाश मिली थी. उससे पहले 27 नवंबर को उसका किडनैप कर लिया गया था. जिसके बाद उसका गैंगरेप किया गया था. और दरिंदों ने उसकी हत्या करके उसका शव जलाकर फेंक दिया था. इस घटना के सामने आने के बाद प्रदेश और देश में जनाक्रोश फैल गया. आरोपियों को गिरफ्तार करने और फांसी की सजा देने की मांग होने लगी.

इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई. जांच का जिम्मा आईपीएस वीसी सज्जनार के पास था. फुल एक्शन आकर उन्होंने चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया. और इसके बाद उनकी टीम चारों आरोपियों को वारदात स्थल पर लेकर पहुंची. लेकिन यहां भी क्राइम सीन के रिक्रिएशन के दौरान आरोपियों ने फरार होने की कोशिश करके बड़ी गलती कर दी. हैदराबाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एनकाउंटर में चारों को वहीं ढेर कर दिया. सुबह होकर पूरे देश में इस एनकाउंटर पर खुशियां प्रकट की गईं. हैदराबाद पुलिस को शाबाशी दी गई.

विकास दुबे का एनकाउंटर कभी भूला नहीं जा सकता

रेपिस्ट हो या दुर्दांत अपराधी, इनमें कानपुर के विकास दुबे का एनकाउंटर को कोई कभी भूल नहीं सकता. विकास दुबे कानपुर देहात का गैंगस्टर और नेता था. सन् 1990 के दौर से ही वह अपराध की दुनिया में शामिल हो गया था. बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के अलावा मंत्री का मर्डर समेत 60 से अधिक क्राइम उसके नाम दर्ज था. उसे 9 जुलाई 2020 को मध्य प्रदेश के उज्जैन से धर दबोचा गया था. विकास दुबे को सड़क के रास्ते यूपी लाया जा रहा था.

पुलिस के मुताबिक बारिश की वजह से उसकी गाड़ी सड़क पर पलट गई और वह फरार होने लगा तभी पुलिस को एनकाउंटर करना पड़ा. और विकास दुबे ढेर हो गया. हालांकि इस पुलिस एनकाउंटर पर कई सवाल भी उठाए गए थे. लेकिन पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक वह ना केवल भागा बल्कि पुलिस पर हमले करने के लिए उसकी पिस्तौल भी छीनने की कोशिश की थी.

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