ग्वालियर में कोचिंग और स्कूल के आसपास असुरक्षित हैं बेटियां ?
ग्वालियर शहर में कोचिंग ओर स्कूलों के पास महिलाओं और छात्राओं से छेडछाड की घटनाएं बढ् गई हैं। लेकिन पुलिस बालिकाओ व छात्राओं की सुरक्षा में काफी पीछे है। ऐसे में पहले की तरह कोई बडी घटना हो सकती है। हालांकि अफसरों का कहना है कि सोमवार से बालिकाओं की सुरक्षा के लिए इंतजाम किए जाएंगे और गश्त कराया जाएगा।
- अब महिला पुलिस अधिकारी करेंगी गश्त
- सोमवार से चलेगा शहर में अभियान
ग्वालियर। कोचिंग, स्कूल और कालेज के आसपास शहर की बेटियां मनचलों से परेशान हैं। आते-जाते इन पर फब्तियां कसी जाती हैं। पान और चाय की गुमटियाें पर मनचले समूह में खड़े रहते हैं। यह शिकायतें अब पुलिस अफसरों तक पहुंची हैं, इसके चलते अब दफ्तरों में सालों से तैनात महिला पुलिस अधिकारियों से गश्त करवाने की तैयारी है। इन्हें शैक्षणिक संस्थानों के आसपास तैनात किया जाएगा। सोमवार से यह अभियान चलाया जाएगा। महिला थाने का बल भी पेट्रोलिंग में लगाया जाएगा।
यह हैं वह स्पाट, जहां छात्राओं के साथ सबसे ज्यादा होती हैं छेड़छाड़ की घटनाएं
लक्ष्मीबाई कालोनी, रायसिंह का बाग, चिठनीस की गोठ, चेतकपुरी, मयूर मार्केट, ओल्ड हाइकोर्ट के पास, दीनदयाल नगर, पटेल नगर, कैलाश विहार, अनुपम नगर।
दिनभर मंडराते रहते हैं मनचले:
जब पुलिस अधिकारियों के पास लगातार शिकायतें पहुंची तो पड़ताल कराई। यहां जिन मनचलों की वजह से छात्राओं को परेशानी हो रही है। वह न तो यहां पढ़ते हैं, न यहां रहते हैं। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से यहां आ जाते हैं। यहां सुबह से शाम तक रहते हैं। गुमटियों पर खड़े होकर सिगरेट पीते हैं। तेज रफ्तार में गाड़ियां दौड़ाते हैं। यहां स्टंट करते हैं। छात्राएं परेशान होती हैं।
पुलिस ने अब तक किया..सिर्फ दिखावा
- बेटी की पेटी : बार-बार यह चालू होती है, कुछ दिन तक जारी रहती है, फिर इस पर जिम्मेदार ध्यान देना बंद कर देते हैं।
- निर्भया मोबाइल: शहर में चुनिंदा जगह दिखती है, सिर्फ खड़ी रहती है।
- थाने: जिन क्षेत्रों में कोचिंग सेंटर हैं, वहां के थानों का स्टाफ यहां झांकने तक नहीं जाता। अफसर जब घटना होती है तो आदेश देते हैं, एक या दो दिन ही यहां स्टाफ जाता है।