ग्वालियर : कोरियर संचालक के फर्जी आधार से लिया 30 लाख का लोन !
क्राइम ब्रांच ने इस मामले में गुरुवार रात को एफआइआर दर्ज की। जांच में एलआइसी से मिले दस्तावेज से यह सामने आया है कि जो आधार कार्ड लगाया गया, वह फर्जी है। संजीव के नाम से पहले ही आधार कार्ड जारी हो चुका है। हालाकि अभी आरोपित के बारे में पता नहीं लग सका है।
कोरियर संचालक के फर्जी आधार से लिया 30 लाख का लोन। सांकेतिक चित्र
ग्वालियर: सिटी सेंटर इलाके में रहने वाले डीटीडीसी कोरियर के संचालक संजीव शर्मा का फर्जी आधार कार्ड तैयार कर एलआइसी हाउसिंग फाइनेंस से 30 लाख रुपये का लोन निकाल लिया गया। संजीव को इसका पता तब लगा, जब वह अपने मोबाइल में अपना सिविल स्कोर देख रहे थे। एलआइसी के दफ्तर जाकर पूछा तो सामने आया, उनके नाम से लोन की जानकारी सही निकली, जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की।
क्राइम ब्रांच ने इस मामले में गुरुवार रात को एफआइआर दर्ज की। जांच में एलआइसी से मिले दस्तावेज से यह सामने आया है कि जो आधार कार्ड लगाया गया, वह फर्जी है। संजीव के नाम से पहले ही आधार कार्ड जारी हो चुका है। हालाकि अभी आरोपित के बारे में पता नहीं लग सका है। लोन देने वाले भी कटघरे में: लोन स्वीकृत होने से पहले घर से लेकर व्यापारिक प्रतिष्ठान तक का सर्वे होता है।
इधर…पिता-पुत्र ने खदान में साझेदार बनाने का झांसा देकर ठगे 40 लाख रुपये
गोला का मंदिर के रहने वाले सुनील कटियार से भिंड निवासी दोस्त राहुल प्रताप तोमर व उसके पिता ने 40 लाख की ठगी कर दी। राहुल और उसके पिता बृजेंद्र तोमर ने सुनील को बताया कि उनकी बांदा में रेत और मुरम की खदान है। इसमें 10 प्रतिशत का साझेदार बनाने के नाम पर पहले 25 लाख रुपये लिए। फिर 15 लाख रुपये और लिए। कहा कि वह उन्हें 15 प्रतिशत का साझेदार बना लेंगे। 10 दिन बाद से ही कमाई का लालच दिया। लंबे समय तक रुपये नहीं मिले तो सुनील ने पड़ताल की।
तब सामने आया पिता-पुत्र की फर्म शीतल इंटरप्राइजेज के नाम पर किसी खदान की लीज ही नहीं है। फिर रुपये वापस मांगे तो यह लोग धमकाने लगे। इन लोगों ने अपने साथी रोहित राजपाल निवासी दिल्ली से भी मिलवाया था। रुपये नहीं मिले तो शिकायत की। कोर्ट के आदेश पर यूनिवर्सिटी पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली है।