ग्वालियर‎ : ग्वालियर-चंबल अंचल के 132 गांवों में नहीं पहुंचती एम्बुलेंस ?

सांसों पर संकट:ग्वालियर-चंबल अंचल के 132 गांवों में नहीं पहुंचती एम्बुलेंस, प्रदेश के कई गांवों में सड़कें नहीं होने से परेशानी‎

इस समस्या को बर्धाबुजुर्ग पंचायत के सचिव रमेश मीणा और कोंथर कलां पंचायत के सचिव राजेंद्र सिंह भी स्वीकार करते हैं। उनका कहना है कि ग्राम पंचायतों को 1 किलो मीटर व इससे अधिक लंबी सड़कों को बनाने की अनुमति नहीं है। ऐसे में पंचायत गांवों की सड़कें बनाने के लिए ठहराव-प्रस्ताव तैयार कर शासन व प्रशासन को सौंप देते है।

लेकिन उनके स्तर से इन सड़कों को मंजूरी देने के बजाय फाइलों को लटका दिया जाता है। जिससे सालों बाद भी यह गांव अच्छी सड़कें न होने से शहरों से कटे हुए हैं और आपात स्थिति में इलाज व अन्य सुविधाओं से वंचित होकर कष्ट भोग रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समस्या को लेकर विस अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को समस्या बताई थी। उन्होंने आश्वासन दिया है।

खटिया पर या गोद में उठाकर ले जाना पड़ रहा गंभीर मरीज व गर्भवतियों को‎

ग्रामीणों की व्यथा‎

गर्भवती का रास्ते में ही हुआ प्रसव: मुरैना में दफेदार का पुरा, शोभापुरा सहित 3 गांव में सड़कें नहीं है। यहां कच्चे कीचड़ भरे रास्ते से ग्रामीण 5 किमी पैदल चलकर खटिया से मरीजों को लेकर आते है। कई बार तो इलाज के अभाव में उनकी मौत हो जाती है। हाल ही में यहां राधा बाई नामक महिला को प्रसव पीड़ा उसे खटिया पर लेटाकर अस्पताल जे जा रहे थे लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही उसे प्रसव हो गया।

बच्चों को गोद में लेकर अस्पताल पहुंची महिलाएं: श्योपुर के श्रीजी गांवड़ी गांव में उल्टी-दस्त से बच्चों की हालत बिगड़ी तो महिलाएं उन्हें गोद में लेकर खुद ही अस्पताल पहुंची। इस गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने 5 किमी रास्ता पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो चुका जिससे यहां एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती। हालात संभालने के लिए डॉक्टरों की टीम को खुद गांव पहुंचना पड़ा। यही हालात जुलानियांपुरा गांव सहित अन्य गांवों के है।

^हां यह सही है कि ग्वालियर-चंबल के 100 से अधिक गांव में 108 एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती। इसका कारण यह है कि इन गांवों के कच्चे रास्ते कीचड़ के कारण खराब हो जाते है। जिनमें एम्बुलेंस फंस जाती है। प्रदेश में सबसे ज्यादा समस्या श्योपुर जिले में है।’ -तरुण सिंह, मैनेजर, 108 एम्बुलेंस भोपाल

^कई गांव ऐसे है, जिनमें बारिश के समय में कीचड़ के कारण एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती। ऐसे गांवों की सड़कें बनाने के लिए मैंने प्रस्ताव भेजा है। जल्द सड़कें बनेंगी।’ -देवेंद्र सखवार, विधायक, अंबाह

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