कैसे एनकाउंटर में मारे गए अक्षय शिंदे ने स्कूल में ही किया कांड?
3-4 साल की बच्चियां, सफाई कर्मचारी और घिनौनी हरकत; कैसे एनकाउंटर में मारे गए अक्षय शिंदे ने स्कूल में ही किया कांड?
13 अगस्त, 2024 को बदलापुर के एक स्कूल में नर्सरी की दो बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया. मामले में और भी ज्यादा डरावनी बात ये थी कि घटना को अंजाम देने वाला दरिंदा स्कूल में काम करने वाला सफाई कर्मचारी था. उसने स्कूल के ही टॉयलेट में बच्चियों को अपनी गंदी नियत का शिकार बनाया. बच्चियों में से एक ने 16 अगस्त को अपने माता-पिता को रोते-रोते अपने साथ हुए इस घिनौने हादसे के बारे में बताया तो माता-पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई.
महाराष्ट्र के ठाणे के बदलापुर के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में दो बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण के मामले ने लोगों को हिलाकर रख दिया. अब इस मामले में एक और बड़ी खबर सामने आई. सोमवार देर शाम मामले में मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे की मौत हो गई. आरोपी ने पुलिस पर अचानक फायरिंग कर दी जिसके बाद जवाबी फायरिंग में उसे गोली लगी. उसे गंभीर रूप से घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस केस के सामने आने के बाद लोगों में जो गुस्सा था, उन्हें तुरंत इंसाफ की उम्मीद थी. ये एक ऐसा मामला था जिसके विरोध और आरोपियों पर जल्द कार्रवाई को लेकर जनता केवल शब्दों से आक्रोशित नहीं थी बल्कि लोगों ने रेलवे स्टेशन और सड़कों का रुख किया और विरोध जताया.
जाहिर सी बात थी कि एक ऐसी जगह जहां पेरेंट्स अपने बच्चों को ये सोचकर भेजते हैं कि यहां उनके बच्चे सेफ रहेंगे, लेकिन जब शिक्षा के मंदिर में भी बच्चियों के साथ इस तरह की दरिंदगी सामने आई तो लोगों का खून खौल उठा. उन्होंने महज सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपना गुस्सा नहीं दिखाया बल्कि पूरा का पूरा बदलापुर, लोकल रेलवे स्टेशन पर उतर आया और गुनहगारों को सजा दिलाने की मांग करने लगा. उस दिन की तस्वीरें किसे याद नहीं होगी जब सारा का सारा शहर बदलापुर स्टेशन की पटरियों पर जा बैठा. क्या बूढ़ा, क्या जवान क्या महिला और क्या बच्चा… हर कोई अपना-अपना काम छोड़कर मासूमों को इंसाफ दिलाने की जिद पर अड़ गया.
क्या था मामला?
13 अगस्त, 2024 को बदलापुर के एक स्कूल में नर्सरी की दो बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया. मामले में और भी ज्यादा डरावनी बात ये थी कि घटना को अंजाम देने वाला दरिंदा स्कूल में काम करने वाला सफाई कर्मचारी था. उसने स्कूल के ही टॉयलेट में बच्चियों को अपनी गंदी नियत का शिकार बनाया. बच्चियों में से एक ने 16 अगस्त को अपने माता-पिता को रोते-रोते अपने साथ हुए इस घिनौने हादसे के बारे में बताया तो माता-पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई. आरोपी अक्षय को 17 अगस्त को अरेस्ट किया गया. उस पर पॉक्सो समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया.
‘दादा ने मेरे कपड़े उतारे’
इस केस में एक और ऐसी बात थी जिसने अभिभावकों को सोचने पर मजबूर कर दिया. दरअसल, मामले का खुलासा तब हुआ जब अचानक एक दिन बच्ची ने स्कूल जाने से मना कर दिया. माता-पिता के कई बार वजह पूछने पर बच्ची ने उन्हें बताया कि स्कूल में जब वो टॉयलेट का इस्तेमाल करने गई थी तब वहां पर सफाई करने वाले आरोपी ने उसके प्राइवेट पार्ट को छुआ. बच्ची ने कथित तौर पर अपने माता-पिता को ये बताया, “दादा (मराठी में भाई के लिए इस्तेमाल होने वाला शब्द) ने मेरे कपड़े उतारे और मेरे प्राइवेट पार्ट को छुआ.” बच्ची इतना घबराई हुई थी कि पूरी तरह माता-पिता को समझा भी नहीं पा रही थी कि उसके साथ आखिर हुआ क्या है. इसके बाद बच्ची ने बताया कि उसके साथ ही केवल ऐसा नहीं हुआ बल्कि उसकी दोस्त के साथ भी ऐसा किया गया है. ये सुनकर बच्ची के माता-पिता ने बिना वक्त गंवाए दूसरी बच्ची के पेरेंट्स को फोन किया और उनको सारी बात बताई. दूसरे पेरेंट्स ने ये बात सुनकर दूसरी बच्ची के माता-पिता भी हिल गए, फिर उन्होंने अपनी मासूम बच्ची से पूछा तो उसने भी स्कूल ना जाने की वजह का खुलासा किया. ये अपने आप में हिलाकर रख देने वाली बात है कि बच्चियों की उम्र इतनी कम है कि उनको पता भी नहीं कि उनके साथ क्या किया गया है. घटना का पता लगते ही दोनों बच्चियों के माता-पिता सबसे पहले डॉक्टर के पास गए.
डॉक्टर ने बच्चियों को एग्जामिन किया तो उनके भी रोंगटे खड़े हो गए. नर्सरी क्लास में पढ़ने वाली इन मासूमों को वैहशीपन का शिकार बनाया गया था. दोनों का यौन उत्पीड़न किया गया था. माता-पिता ने वक्त ना गंवाते हुए तुरंत थाने का रुख किया, लेकिन यहां उनकी आवास ढंग से सुनी ही नहीं गई. बच्चियों के माता-पिता ने आरोप लगाया कि थाने में उनकी शिकायत दर्ज करने में पुलिस ने 12 घंटे लगा दिए. हालांकि इसके बाद एफआईआर दर्ज हुई और पुलिस जांच में सामने आया कि स्कूल में भी बच्चों कि सुरक्षा में बड़ी लापरवाही बरती जा रही थी.
सड़क पर उतर आया पूरा शहर
अपने आप को सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों की गिनती में गिनने वाले स्कूल प्रशासन ने इस बात पर जरा भी ध्यान नहीं दिया कि उनके इस वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी वाले स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे पूरी तरह से खराब हैं जिसका फायदा अक्षय जैसे दरिंदे ने उठाया था. जब पेरेंट्स ने सवाल उठाया तो आनन-फानन में स्कूल प्रशासन जागा और मामले में प्रिंसिपल, क्लास टीचर और एक महिला कर्मी को निलंबित कर दिया गया. स्वभाविक तौर पर पेरेंट्स का गुस्सा यहीं शांत नहीं हुआ. मामला सोशल मीडिया पर सामने आया और उसके बाद पूरे देश ने एक शहर को बच्चियों के लिए इंसाफ की गुहार लगाने के लिए सड़कों पर उतरते देखा. पूरा का पूरा शहर अपना सारा कामकाज छोड़कर बदलापुर रेलवे स्टेशन की पटरियों पर जा बैठा और विरोध जताते हुए एक स्वर में कहा कि हम तबतक नहीं हटेंगे जबतक बच्चियों को इंसाफ नहीं मिल जाता. लोग सड़कों पर उतर आए.
आक्रोशित भीड़ ने स्कूल में की तोड़फोड़
यौन शोषण की घटना सामने आने के बाद हजारों की भीड़ रेलवे ट्रैक पर उतर आई जिसके बाद पत्थर बाजी होने लगी. भीड़ ने 20 अगस्त को पहले स्कूल में तोड़फोड़ की फिर सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक बदलापुर स्टेशन पर प्रदर्शन किया जिसकी तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए. लोगों के रेलवे ट्रैक पर उतरने के दौरान लगभग 10 घंटों से ज्यादा लोकल ट्रेनों की आवाजाही को प्रभावित किया. इतना आक्रोश देखकर, मंत्री गिरीश महाजन खुद रेलवे स्टेशन आए. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से आंदोलन समाप्त करने का अनुरोध किया. गिरीश महाजन ने अपील की कि आरोपियों को कड़ी सजा दी जाएगी, लेकिन फिर भी प्रदर्शनकारी वहां से नहीं हटे. इसके बाद आखिरकार पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा जिसके बाद कहीं जाकर भीड़ तितर-बितर हुई. इस विरोध को महा विकास अघाड़ी ने भी अपना समर्थन दिया और 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया, और देखते ही देखते ये आग पूरे शहर में फैल गई. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने ठाणे पुलिस आयुक्त को इस मामले में कार्रवाई करने में देरी करने वाले बदलापुर पुलिस थाने के सीनियर इंस्पेक्टर समेत तीन कर्मियों को तुरंत निलंबित करने का आदेश दिए. हालात ऐसे हो गए कि इलाके में इंटरनेट की सुविधा बंद करनी पड़ी.
पुलिस एनकाउंटर में अक्षय हुआ ढेर
मामले का तुरंत संज्ञान लेते हुए, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूरे मामले पर राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर से चर्चा की और तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए. सीएम एकनाथ शिंदे ने भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने सहित इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का भी आदेश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर स्कूल प्रबंधन की गलती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. मामले में तकरीबन एक महीना बीता ही था कि आज ये खबर आई कि मासूमों के साथ दरिंदगी करने वाले आरोपी अक्षय को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया. आज कहीं ना कहीं सिस्टम में भरोसा रखने वाले हर एक व्यक्ति को इस बात का यकीन हो गया कि देर से ही सही इंसाफ होता है. जिस तरह की घटना को अक्षय जैसे दरिंदे ने अंजाम दिया था कहीं ना कहीं उसे उसकी सजा मिली और बच्चियों को आखिरकार इंसाफ मिला.