बच्चों को जरूर सिखाएं ये तीन चीजें ?
बच्चों को बचपन से ही सिखाना शुरू कर दें ये 3 बातें, जीवन भर मिलेगी सफलता
कहते हैं कि एक बच्चे की उम्र बहुत नाजुक होती है और ऐसे में बहुत ध्यान से बच्चों की परवरिश करनी चाहिए. कई सारे पेरेंट्स ऐसे हैं जो अपने बच्चों के भविष्य को लेकर काफी फिक्रमंद रहते हैं. अगर आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा जीवन में तरक्की करे तो इसके लिए चाणक्य की 3 बातें ध्यान रखनी बहुत जरूरी हैं.
Chanakya Niti: पेरेंट्स हमेशा अपने बच्चों को लेकर फिक्रमंद रहते हैं. उनकी बस एक ही तकलीफ रहती है कि मेरे बच्चे का क्या होगा. उसका भविष्य कैसा रहेगा. वो बड़ा होकर क्या बनेगा. इसका ध्यान माता-पिता बचपन से रखते हैं. ऐसा माना जाता है कि बच्चों के बचपन की आदत चाहें अच्छी हो या फिर बुरी, हमेशा के लिए हो जाती है और जल्दी से छूटती नहीं है. इसलिए माता-पिता कुछ बातें बच्चों को बचपन से ही सिखाते हैं. कुछ माता-पिता ऐसे भी होते हैं जो बच्चे की परवरिश पर ध्यान नहीं दे पाते या कुछ जरूरी चीजें समझने से चूक जाते हैं. ऐसे में आचार्य चाणक्य के अनुसार 3 चीजें ऐसी हैं जो अपने बच्चों को बचपन से ही सिखानी चाहिए. इससे ना सिर्फ उन्हें जीवन में सफलता मिलती है बल्कि इससे देश के उज्जवल भविष्य का आधार भी बनता है.
चाणक्य कहते हैं कि इंसान को कभी भी किसी भी चीज के लिए झूठ का सहारा लेने से बचना चाहिए. सच के रास्ते पर चलने वाले लोगों के साथ कभी बुरा नहीं होता है और ऐसे लोगों के जीवन में समस्याएं भी कम होती हैं. कहा जाता है कि एक झूठ को छिपाने के लिए और भी झूठ बोलने पड़ते हैं. अगर आपके बच्चे बचपन से ही सच की राह पर चलेंगे जो आगे जाकर काबिल बनेंगे. इसलिए चाणक्य हमेशा सच बोलने पर जोर देते हैं.
अनुशासन में रहना सिखाएं
किसी के भी जीवन में अनुशासन की बहुत महत्ता है. क्योंकि ये हर जगह लागू होता है. ये घर में लागू होता है, स्कूलों में लागू होता है, कॉलेज में लागू होता है फिर दफ्तरों में लागू होता है. कोई भी इंसान कभी भी अनुशासन से भाग नहीं सकता है. इसलिए अगर बच्चों के अंदर बचपन से ही अनुशासित होकर रहने की आदत डाल दी जाएं तो इससे भविष्य में बहुत फायदा मिलता है. इंसान की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं. एक अनुशासित व्यक्ति की समाज में इज्जत भी होती है और उसका स्वास्थ्य भी दूसरों के मुकाबले बहुत बेहतर रहता है. अनुशासन इंसान को समय की कीमत बताता है और आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दुनिया में समय से बलवान और कुछ भी नहीं है.
जरूर दें अच्छे संस्कार
इंसान कैसा है इसका आकलन उसके रूप-रंग से नहीं होता है बल्कि उसके आचरण से होता है. अगर आप अपने बच्चों को बचपन से ही अच्छे संस्कार देंगे तो वे कभी भी आपका नाम बदनाम नहीं करेंगे. वे खुद भी समाज में रिस्पेक्ट पाएंगे और अपने परिवार का नाम भी रोशन करेंगे. इसलिए मां-बाप को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे बच्चों को बचपन से ही अच्छी शिक्षा दें, उन्हें जीवन के सच्चे आदर्शों से रूबरू कराएं और उनके आचरण में प्रेम, सद्भाव, निर्मलता और सहजता भरें. इससे उसे आगे भी मदद मिलेगी और समाज में उसकी तरक्की होगी.