भारत में स्कूल बसों को लेकर क्या हैं नियम !

भारत में स्कूल बसों को लेकर क्या हैं नियम, जानें सब कुछ ?

बीते मंगलवार को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक स्कूल बस में आग लग गई। इस हादसे में 25 स्टूडेंट्स की मौत हो गई। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, बस में 44 लोग सवार थे, जिनमें से 16 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह बस एक स्कूल ट्रिप से लौट रही थी।

इस तरह की दुर्घटनाएं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं, लेकिन एक अभिभावक के तौर पर हमारी भी कुछ जिम्मेदारियां हैं, जिन्हें हम अक्सर अपने बच्चों के लिए स्कूल वाहन का चयन करते समय नजरअंदाज कर देते हैं।

 बात करेंगे कि बच्चों के लिए स्कूल बस का चयन कैसे करें?

  • भारत में स्कूल बसों को लेकर क्या गाइडलाइंस हैं?
  • किस तरह के वाहनों में बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहिए?

एक्सपर्ट: क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, बांदा (उत्तर प्रदेश)

सवाल- अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए किस तरह के स्कूल वाहनों का चयन करना चाहिए?

जवाब- आज के दौर में बच्चों का स्कूल बस, वैन आदि से स्कूल जाना आम बात है। जो अभिभावक अपने बच्चों को खुद स्कूल नहीं ले जा सकते, वे परिवहन के अन्य साधन चुनते हैं। ऐसे में अभिभावकों को किसी भी स्कूल वाहन का चयन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि-

सुरक्षा इंतजामों काे चेक करें बच्चे को स्कूल भेजने से पहले स्कूल गाड़ी के सेफ्टी फीचर्स की जांच करनी चाहिए। जैसे कि गाड़ी की हालत कैसी है, ड्राइवर की योग्यता क्या है और आपात स्थिति के लिए गाड़ी में क्या इंतजाम हैं।

बच्चों के लिए सुविधाएं देखें गाड़ी में बच्चों के लिए एयर कंडीशनर (AC), CCTV कैमरा, इमरजेंसी गेट और बैठने की उचित जगह होनी चाहिए।

ड्राइवर की हिस्ट्री जरूर चेक करें बच्चों को स्कूल भेजने से पहले ड्राइवर का नाम, पता, लाइसेंस नंबर और उसकी पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट जरूर चेक करें। इसके अलावा ड्राइवर को स्कूल प्रशासन द्वारा अनुमति प्राप्त होनी चाहिए।

सवाल- किस तरह के वाहनों में बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहिए?

जवाब- बच्चों को वैन, टैंपो, ई-रिक्शा और ऑटो जैसे वाहनों में स्कूल भेजने से बचना चाहिए, क्योंकि इस तरह के वाहनों में सीट बेल्ट और अन्य सुरक्षा सुविधाएं नहीं होती हैं। अधिकांश मामलों में देखा गया है कि इन वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया जाता है, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए यह वाहन सुरक्षा की दृष्टि से बिल्कुल सेफ नहीं हैं।

नोट: इन वाहनों की बजाय सुरक्षित और आरामदायक स्कूल बस या निजी वाहन से बच्चों को स्कूल भेजना ज्यादा सुरक्षित है।

सवाल- भारत में स्कूल बसों को लेकर क्या नियम हैं?

जवाब- आज शहरों में लगभग सभी निजी स्कूल बच्चों को घर से लाने और उन्हें वापस घर पहुंचाने के लिए बस की सुविधा मुहैया कराते हैं।

स्कूल बसों को बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है। हालांकि बच्चे की सुरक्षा के लिए सिर्फ इतना काफी नहीं है। स्कूल बसों का कुछ सुरक्षा मानकों पर खरा उतरना भी जरूरी है। इसमें बस के भीतर अग्निशमन उपकरण, खिड़कियों पर लोहे की रोड, प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स और सीटों के नीचे स्कूल बैग रखने की उचित जगह होना शामिल है। स्कूल बस में इन सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं, अभिभावकों को इसकी समय-समय पर जांच करनी चाहिए।

नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि स्कूल बस के लिए क्या दिशा-निर्देश तय हैं।

सवाल- स्कूल बस ड्राइवर यातायात नियमों का पालन न करें तो अभिभावक किससे शिकायत कर सकते हैं?

जवाब- बांदा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सौरभ कुमार बताते हैं कि अगर कोई स्कूल बस ड्राइवर यातायात के नियमों का उल्लंघन कर रहा है तो आप सबसे पहले स्कूल प्रशासन से संपर्क कर उसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर स्कूल प्रशासन आपकी शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लेता है तो आप निम्नलिखित जगहों पर शिकायत कर सकते हैं।

  • अगर स्कूल वाहन यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं तो आप ट्रैफिक पुलिस से संपर्क कर सकते हैं।
  • स्कूल वाहन को तय सीमा से अधिक तेज गति से चलाने की स्थिति में आप नजदीकी पुलिस स्टेशन में भी शिकायत कर सकते हैं।
  • स्कूल प्रशासन आपकी शिकायत पर ध्यान नहीं देता है तो आप जिला शिक्षा अधिकारी (DFO) से संपर्क कर सकते हैं।
  • अगर बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है तो आप राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) से संपर्क कर सकते हैं।

इन अधिकारियों से संपर्क करने से पहले, आपको अपनी शिकायत के समर्थन में आवश्यक दस्तावेज और सबूत इकट्ठा करने होंगे।

सवाल- अगर स्कूल वाहनों में गाइडलाइंस का पालन न हो तो उस पर क्या कार्रवाई हो सकती है?

जवाब- अगर स्कूल वाहन सुरक्षा गाइडलाइंस का पालन नहीं करते हैं तो उसके खिलाफ कई तरह की कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

  • स्कूल वाहन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • स्कूल वाहन को जब्त किया जा सकता है।
  • स्कूल वाहन का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
  • वाहन ड्राइवर का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
  • स्कूल प्रशासन और वाहन मालिक के खिलाफ पुलिस केस दर्ज हो सकता है।

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