पब्लिक टॉयलेट यूज करना खतरनाक …हर साल 5 लाख लोगों की मौत ?
पब्लिक टॉयलेट यूज करना खतरनाक:गंदगी के कारण हर साल 5 लाख लोगों की मौत, डॉक्टर से जानें बचाव के तरीके
क्या आपने कभी पब्लिक टॉयलेट यूज किया है? अगर हां, तो वहां की स्थिति को आपसे बेहतर कौन जानता है। हर तरफ गंदगी-ही-गंदगी। टॉयलेट सीट का हाल तो पूछिए ही मत। मानो बैक्टीरिया ने उसे अपना घर समझ लिया हाे। देश में अधिकांश पब्लिक टॉयलेट का यही हाल होता है। कोई भी व्यक्ति वहां जाना पसंद नहीं करता, जब तक कि इमरजेंसी न हो।
यहां हर कोने में बैक्टीरिया मौजूद होते हैं और जैसे ही हम टॉयलेट के दरवाजे को छूते हैं, तुरंत इसके संपर्क में आ जाते हैं। ये बैक्टीरिया हमें कई तरह के इन्फेक्शन और बीमारियों के जोखिम में डाल सकते हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, गंदगी के कारण दुनिया में हर साल 14 लाख लोगों की मौत होती है। इनमें 5,64,000 मौतें अनसेफ हाइजीन के कारण होती हैं।
हम गंदा पब्लिक टॉयलेट यूज करने से होने वाले नुकसान के बारे में बात करेंगे….
- इसके इस्तेमाल से कौन सी बीमारियां हो सकती हैं?
- इससे कैसे बचा जा सकता है?
एक्सपर्ट- डॉ. अजय AIIMS, भोपाल
सवाल- गंदा पब्लिक टॉयलेट यूज करने के क्या नुकसान हैं?
जवाब- अधिकांश पब्लिक टॉयलेट बैक्टीरिया और खतरनाक वायरस से भरे होते हैं, जिससे यूजर्स में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। यहां मौजूद हेपेटाइटिस ए वायरस और स्ट्रेप्टोकोकस, स्टेफिलोकोकस और ई. कोली जैसे बैक्टीरिया से कई बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे ही 20 नाम और हैं। लेकिन उन बैक्टीरिया के नामों से ज्यादा जरूरी है बस ये बात ध्यान में रखना कि गंदे पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करना बीमारियों को दावत देने जैसा है।
नीचे पॉइंटर्स में इससे होने वाली बीमारियों के बारे में विस्तार से जानिए।
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)
पब्लिक टॉयलेट में गंदगी की वजह से विशेष रूप से महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हो सकता है। इसकी वजह से टॉयलेट करते समय दर्द या जलन होना, बार-बार टॉयलेट आना, टॉयलेट में झाग या खून जैसा दिखना, पीठ या पेट के निचले हिस्से में दर्द होना जैसी गंभीर हेल्थ कंडीशंस बन सकती हैं।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन ई कोली और साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया के कारण होता है, जो पब्लिक टॉयलेट की सीट, फ्लश हैंडल और दरवाजे के हैंडल पर अकसर ही मौजूद होते हैं। ये बैक्टीरिया जब दूषित हाथों के माध्यम से भोजन के जरिए पेट में जाते हैं तो दस्त, पेट दर्द और मतली जैसे लक्षण पैदा कर सकते हैं।
हेपेटाइटिस ए
हेपेटाइटिस ए एक वायरल इन्फेक्शन है, जो पब्लिक टॉयलेट में मौजूद दूषित सतहों या मल पदार्थ के संपर्क में आने से हो सकता है। हेपेटाइटिस ए वायरस आमतौर पर संक्रमित व्यक्तियों के मल में पाया जाता है और एक निश्चित अवधि तक सतह पर जीवित रह सकता है। यदि विशेष रूप से सफाई पर ध्यान नहीं दिया गया तो इन्फेक्शन का खतरा होता है। हेपेटाइटिस ए लिवर की सूजन का कारण बन सकता है और थकान, पीलिया, पेट दर्द व मतली जैसे लक्षणों को जन्म दे सकता है।
वायरल इन्फेक्शन
नोरोवायरस और इन्फ्लूएंजा जैसे अन्य वायरस नल, सिंक, फ्लश आदि पर होते हैं ये किसी माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इससे हम सर्दी-जुकाम और अन्य वायरल बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। नीचे ग्राफिक में गंदा टॉयलेट यूज करने से होने वाली बीमारियों के बारे में जानें।
सवाल- पब्लिक टॉयलेट यूज करते समय कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?
जवाब- पब्लिक टॉयलेट यूज करना वाकई एक बुरा सपना है, लेकिन इमरजेंसी में हमारे पास इसका उपयोग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है। हालांकि चिंता न करें हमारे पास एक एक्शन प्लान है, जो आपकी अगले पब्लिक टॉयलेट विजिट को थोड़ा कम खतरनाक बना देगी। गंदगी से होने वाली बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए ग्राफिक में दिए गए सुझावों को आजमा सकते हैं।
सवाल- पब्लिक टॉयलेट के इस्तेमाल का सबसे ज्यादा रिस्क महिलाओं को होता है। इससे बचने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए?
जवाब- पब्लिक टॉयलेट यूज करने के लिए महिलाओं को काफी चैलेंज का सामना करना पड़ता है। अधिकांश महिलाएं असुरक्षा और गंदगी के कारण इसका इस्तेमाल से बचना चाहती हैं। नीचे ग्राफिक में महिलाओं के लिए कुछ टिप्स बताए गए हैं, जिन्हें वह पब्लिक टॉयलेट यूज करने के दौरान फॉलो कर सकती हैं।
अब आइए सुरक्षित तरीके से पब्लिक टॉयलेट यूज करने के बारे में थोड़ा विस्तार से बात कर लेते हैं। इसके लिए नीचे दिए पॉइंट्स काे फॉलो करें।
पब्लिक टॉयलेट का चुनाव समझदारी से
किसी भी पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल मत करिए। ऐसे पब्लिक टॉयलेट में जाइए, जहां सफाई की व्यवस्था ठीक हो। भले ही इसके लिए थोड़ा अधिक भुगतान करना पड़े। आमतौर पर ऐसे टॉयलेट की सफाई बेहतर होती है, जिसे इस्तेमाल करने के लिए पैसे देने पड़ते हैं।
जो छूना जरूरी है, सिर्फ उन्हीं चीजों को हाथ लगाएं
पब्लिक टॉयलेट में जाते समय इस बात का ध्यान रखें कि कम-से-कम सरफेस को अपने हाथों से छुएं। निकलने के बाद बिना हाथ धुले कोई भी काम न करें। इससे क्रॉस कंटैमिनेशन की संभावना कम होती है।
ढक्कन बंद करके फ्लश करें
निकलने से पहले टॉयलेट को फ्लश करना न भूलें, लेकिन ऐसा करने से पहले उसका ढक्कन बंद कर दें। इससे टॉयलेट के अंदर हवा फंस जाती है और कमरे में बैक्टीरिया फैलने से रुक जाते हैं।
अपने बैग और कोट आदि को टॉयलेट के फर्श पर न रखें
कोशिश करें कि अपने सामान को टॉयलेट के फर्श पर न रखें। इससे ज्यादा सामानों के बैक्टीरियल सरफेस के संपर्क में आने और इन्फेक्शन फैलने के चांस बढ़ जाते हैं। सामान को किसी ऊंची जगह रखें, हैंगर में टांगें या बाहर किसी को पकड़ा दें।
अपने हाथ जरूर धोएं
यह कोई बड़ी बात नहीं लगती, लेकिन आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सिर्फ साबुन से अच्छे से हाथ धोने से इन्फेक्शन के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसलिए टॉयलेट से आने के बाद अपने हाथों को कम-से-कम 20 सेकेंड तक धोएं।