नोएडा की योजना में डिफाल्टर बिल्डर की नो एंट्री …26 हजार करोड़ का बकाया ?
नोएडा की योजना में डिफाल्टर बिल्डर की नो एंट्री
90 दिन में जमा करना होगा पूरा पैसा, इसके बाद बिल्डर के नाम होगी लीज डीड
चार ग्रुप हाउसिंग भूखंड की योजना ला रहा प्राधिकरण
नए नियमों के तहत नोएडा प्राधिकरण चार ग्रुप हाउसिंग भूखंडों की योजना लाने जा रहा है। ये भूखंड सेक्टर-44 और 151 में हैं। सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बताया कि सेक्टर-151 में छह ग्रुप हाउसिंग भूखंड के लिए जगह चिह्नित की गई है, लेकिन इस महीने आने वाली योजना में सिर्फ तीन भूखंड शामिल किए जाएंगे। बाकी भूखंड को दूसरी योजना में शामिल किया जाएगा। सीईओ ने बताया कि नए नियमों के तहत भूखंड पाने के बाद बिल्डर को 90 दिन के अंदर पूरा पैसा जमा करना होगा। इसके बाद ही भूखंड की रजिस्ट्री की जाएगी।
सीईओ ने बताया कि प्रयास है कि जल्द यह भूखंड योजना लाई जाए। उन्होंने बताया कि 90 दिन के अंदर पैसा जमा करने की शर्त की वजह से वही बिल्डर योजना में आगे आएंगे, जिनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। सीईओ ने कहा कि बीते सालों में भूखंड लेने के बाद बिल्डरों की तरफ से प्राधिकरण का बकाया नहीं देने की वजह से नियमों को सख्त बनाया गया है।
डिफाल्टर बिल्डर को योजना में स्थान नहीं
प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि नई ग्रुप हाउसिंग योजनाओं में कोई भी ऐसा बिल्डर भूखंड के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा, जिसके ऊपर प्राधिकरण का बकाया है। ऐसे में नए बिल्डरों को नई योजना में शामिल होने का मौका मिलेगा, इसकी वजह यह है कि यहां अधिकांश बिल्डर डिफाल्टर हैं।
2006 के आसपास शुरू हुआ था बिल्डरों को जमीन देना
नोएडा में ग्रुप हाउसिंग से जुड़े बिल्डरों ने फ्लैट बनाने के लिए वर्ष 2006-07 के आसपास जमीन लेना शुरू किया था। बिल्डरों को जमीन देने का सिलसिला वर्ष 2014-15 तक बड़ी संख्या में चला। इस समय शहर में करीब 110 ग्रुप हाउसिंग परियोजनाएं हैं। वर्ष 2006-07 से पहले ग्रुप हाउसिंग के लिए भूखंड लेने के बाद आवंटन राशि 30 प्रतिशत जमा करनी जरूरी थी। लेकिन 2007 के आसपास बसपा सरकार में नियमों में बदलाव कर दिया गया। इसके तहत सिर्फ 10 प्रतिशत आवंटन राशि लेने का नियम लागू किया गया।
26 हजार करोड़ का बकाया
10 प्रतिशत जमा करके भूखंड आवंटन किया गया। इसके बाद दो से तीन किस्त जमा की और पैसा देना भूल गए। ऐसे में बिल्डरों पर 26 हजार करोड़ रुपए का बकाया हो गया। ये बकाया वापस लाने के लिए अमिताभ कांत की सिफारिश लाई गई। इसके बाद भी बिल्डर बकाया जमा करने में आनाकानी कर रहे हैं।
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नोएडा के 8 बिल्डरों के खिलाफ प्राधिकरण लेगा एक्शन ….
1171 करोड़ रुपया है बकाया, अनसॉल्व्ड इन्वेंट्री की जाएंगी सीज, जानें पूरी खबर विस्तार से…
इन 8 बिल्डरों पर बकाया है कुल 1171 करोड़ रुपए:आपको बता दें कि इन सभी 8 बिल्डरों पर कुल 1171.94 करोड़ रुपए बकाया हैं। वहीं इन सभी बिल्डरों को पहले फेज में अपनी बकाया राशि का महज 25 प्रतिशत अर्थात 251.40 करोड़ रुपए ही जमा करना है। यह पैसा जमा होने के बाद 533 बायर्स की रजिस्ट्री हो सकेगी।वहीं अगर यह सभी बिल्डर पूरा बकाया राशि यानि 1171.94 करोड़ जमा करते है तो इससे करीब 2123 बायर्स की रजिस्ट्री पूरी हो सकेगी …
9 हजार से भी अधिक बनी यूनिट : आकडों को देखें तो इन सभी 8 बिल्डरों को 10 हजार 328 यूनिट सेक्शन है। जिसमें से करीब 9348 यूनिट बन चुकी है।वहीं 4850 यूनिट का OC जारी किया जा चुका है। वहीं इसमें से कुल 3839 की रजिस्ट्री भी हो चुकी है। आपको बता दें कि फिलहाल बाकी काम अधूरा है और इन सभी बिल्डरों की साइट पर प्राधिकरण के द्वारा पहले ही बोर्ड लगाया जा चुका है। ऐसे में यह अनुमान है कि अब इन सभी पर प्राधिकरण के द्वारा कार्रवाई हो सकती हे …
इन बिल्डरों पर होगा एक्शन:
1)TGB इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड
2)MPG रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड
3)AGC रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड
4)मनीषा कीबी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड
5)IVR प्राइम
6)RG रेजिडेंसी
7)गार्डेनिया इंडिया लिमिटेड
8)फ्यूटेक शेल्टर प्राइवेट लिमिटेड