मुख्यमंत्री जी, आपके निर्देश के बाद भी खुले घूम रहे नौ लोगों की मौत के जिम्मेदार

ग्रेनो लिफ्ट हादसा: मुख्यमंत्री जी, आपके निर्देश के बाद भी खुले घूम रहे नौ लोगों की मौत के जिम्मेदार

ग्रेनो वेस्ट आम्रपाली की ड्रीमवैली फेज-2 की निर्माणाधीन साइट पर लिफ्ट गिरने से नौ लोगों की मौत के कई जिम्मेदार अब तक फरार हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर पुलिस ने निर्माण कंपनी गिरधारी कंस्ट्रक्शन के जीएम समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। हालांकि उसके बाद से लापरवाही बरती जा रही है। शुक्रवार को होने वाले मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए परिजनों को आशा बंधी है कि अब अधिकारी जागेंगे और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मामले में शुरुआती कार्रवाई के बाद जांच के नाम पर लीपापोती की गई। पुलिस, प्रशासन व प्राधिकरण की कमेटी ने मामले की लंबी जांच की। जिसमें आरोपियों के नाम का खुलासा नहीं कर पुलिस के पाले में गेंद डाल दी गई। अब, डीसीपी ने कंस्ट्रक्शन कंपनी की जांच और कार्रवाई के लिए टीम गुजरात भेजने की बात कही है। इस बीच लिफ्ट हादसे में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए कंस्ट्रक्शन कंपनी के जीएम व एडमिन कॉमर्शियल लवजीत कुमार को बुधवार को जमानत मिल गई।

ग्रेनो वेस्ट टेकजोन-4 स्थित आम्रपाली ड्रीम वैली प्रोजेक्ट की साइट पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) के अधिकारी निर्माण करा रहे थे। 15 सितंबर को बारिश के दौरान यहां लिफ्ट चला दी गई। तकनीकी खामी की वजह से लिफ्ट 14वीं मंजिल से गिर गई थी। हादसे में आठ मजदूर और लिफ्ट ऑपरेटर की मौत हो गई थी। मामले में  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पुलिस ने मामले में गिरधारी लाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के जीएम देवेंद्र सिंह उर्फ देवेंद्र शर्मा, जीएम व एडमिन कॉमर्शियल लवजीत कुमार, फोरमैन राहुल, फिनशिंग फोरमैन मनोज कुमार और सुपरवाइजर बोएलाल पासवान को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से जांच के नाम पर लगभग डेढ़ महीने का समय निकाल दिया गया। 

कदम-कदम पर बरती गई लापरवाही
पुलिस की जांच में आरोपियों की घोर लापरवाही का खुलासा हुआ था। आरोपियों ने श्रमिकों की जान से खिलवाड़ कर उन्हें मौत के मुंह में धकेल दिया था। लिफ्ट का दो साल से थर्ड पार्टी तकनीकी मुआयना नहीं कराया गया था। तकनीकी खामी आने के कारण लिफ्ट से गरगराहट की आवाज आ रही थी। चार सितंबर को मजदूरों के शिकायत करने पर पांचवीं पास फोरमैन ने पीनियन गरारी स्वयं बदल दी। इसके बाद भी गरगराहट बंद नहीं हुई थी। इससे सेफ्टी डिवाइस ने काम नहीं किया और लिफ्ट 14 मंजिल से सीधे नीचे गिर गई। साइट पर मजदूरों की सुरक्षा का कोई बंदोबस्त नहीं था। मौके पर एंबुलेंस भी नहीं थी। कमेटी की लंबी जांच में भी यही सामने आया। 

नए थाना प्रभारी को सौंपी गई है जांच
कमेटी की जांच में हादसे का कारण दर्शाया गया था। लेकिन कौन-कौन आरोपी दोषी हैं, इसकी जांच जारी है। इस मामले की जांच बादलपुर थाना प्रभारी ब्रह्मपाल सिंह कर रहे थे। उनका स्थानांतरण हो गया है। अब इस मामले की जांच नए थाना प्रभारी अमरेश सिंह को दी गई है। कंपनी व अन्य आरोपियों की जांच व कार्रवाई के लिए एक टीम गुजरात भेजी जाएगी।

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