स्कूल- कॉलेजों में AI के बारे में कितना तैयार है यूनिवर्सिटी कैंपस, क्या मिल पाएंगे अच्छे स्किल वाले लोग?
टेक इंडस्ट्री के लिए कितना तैयार है यूनिवर्सिटी कैंपस, क्या मिल पाएंगे अच्छे स्किल वाले लोग?
AI तेजी से विकसित हो रही तकनीक है जो कई उद्योगों में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है. अगर छात्र AI के सिद्धांतों और तकनीकों को समझते हैं, तो वे भविष्य की नौकरी के लिए बेहतर तैयार हो सकते हैं.
भारत की टेक इंडस्ट्री तेजी से विकसित हो रही है, लेकिन इसके साथ ही यह सवाल भी उठता है कि क्या हमारे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से निकलने वाले छात्र इस बदलाव के लिए तैयार हैं? हाल ही में आई रिपोर्ट्स और सर्वेक्षणों के अनुसार हमारे देश में अभी भी स्किल वाले युवाओं की संख्या काफी कम है.
हालांकि NASSCOM और KPMG की स्टडीज, बताती हैं कि भारत के इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रों की तकनीकी ज्ञान और कौशल में सुधार हो रहा है. लेकिन अभी भी कॉलेज जरूरतों के अनुसार स्किल्ड छात्र नहीं तैयार कर पा रहे हैं.
अधिकांश कॉलेजों में इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट आधारित लर्निंग की सुविधाएं बढ़ रही हैं. लेकिन कैंपस में तैयार किए जा रहे कई छात्रों को अभी भी व्यावहारिक अनुभव की कमी होती है, जिससे उन्हें नौकरी पाने में दिक्कत होती है.
छात्रों को स्किल सिखाने के लिए क्या कर रही कॉलेज
भारत के कुछ कॉलेजों में एआई, एमएल, डाटा साइंस, और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे विषयों को अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. इसके अलावा कॉलेजों में इनोवेशन हब और स्टार्टअप इन्क्यूबेटर की संख्या बढ़ रही है, जो छात्रों को अपने विचारों को व्यावसायिक रूप देने में मदद कर रहे हैं. कॉलेजों में करियर काउंसलिंग और प्लेसमेंट सेल की गतिविधियों में भी वृद्धि हुई है, लेकिन कुछ कॉलेजों में यह अभी भी प्रभावी नहीं है.
कॉलेजों की AI तैयारी
हायर प्रो ने हाल ही में एक शोध किया. इस शोध में 20,000 से ज्यादा छात्र, 350 से ज्यादा कॉलेजों के साथ 200 से अधिक कंपनियों और 100 कैंपस टैलेंट भर्ती करने वालों ने भाग लिया था. इस शोध में पाया गया कि 63 प्रतिशत से ज्यादा कॉलेज AI के लिए तैयारी कर रहे हैं. रिसर्च में शामिल 40 प्रतिशत कॉलेज ने पिछले कुछ सालों में अपने पाठ्यक्रम में सुधार किया है, 27 प्रतिशत कॉलेज ने टेक कंपनियों के साथ सहयोग और 17 प्रतिशत कॉलेज ने AI, मशीन लर्निंग, और डेटा साइंस पर नए UG और PG पाठ्यक्रम शुरू किया है.
हालांकि, कई कॉलेजों में AI पर वर्कशॉप, गेस्ट लेक्चर, और सर्टिफिकेशन कोर्स की कमी है. कुछ विशेषज्ञ चिंतित हैं कि भले ही AI पाठ्यक्रम बढ़ रहे हैं, लेकिन क्या इन कॉलेजों में अच्छे और अनुभवी शिक्षक हैं?
उद्योग और कॉलेज मिलकर करना चाहते हैं काम
इसी सर्वे से ये भी पता चलता है कि उद्योग और कॉलेज दोनों ही मिलकर काम करना चाहते हैं. 78 प्रतिशत कंपनियां इस बात के लिए तैयार हैं कि वे कॉलेजों में गेस्ट लेक्चर दें, जबकि 67 प्रतिशत कंपनियां वर्कशॉप आयोजित कर छात्रों के स्किल सिखाने की इच्छा रखती हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि AI एक तेजी से बदलती तकनीक है, और इसलिए उद्योग का सहयोग बहुत जरूरी है. हायरप्रो के सीओओ एस. पशुपति ने बताया कि “AI जैसे नए कौशल जल्दी से विकसित हो रहे हैं. इसीलिए शैक्षणिक प्रणाली अपनी पाठ्यक्रम सामग्री को इतनी तेजी से अपडेट नहीं कर पाएगी.”
इसका मतलब यह है कि कॉलेजों को इंडस्ट्री के साथ मिलकर काम करना होगा ताकि वे छात्रों को सही और आधुनिक ज्ञान दे सकें. अगर उद्योग और कॉलेज एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें, तो छात्र बेहतर तैयार हो सकेंगे और उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार स्किल्स हासिल कर सकेंगे. इस सहयोग से छात्र न केवल थ्योरी में बल्कि प्रैक्टिकल अनुभव में भी मजबूत होंगे, जिससे उनकी नौकरी पाने की संभावनाएं बढ़ेंगी. ऐसे प्रयासों से न केवल छात्रों की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि टेक इंडस्ट्री को भी योग्य और स्किल्ड युवा मिलेंगे. ”
AI कार्यबल में कौशल की कमी
रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में सिर्फ 2.5 प्रतिशत भारतीय इंजीनियरों के पास AI कौशल हैं, और सिर्फ 5.5 प्रतिशत इंजीनियर ही बेसिक प्रोग्रामिंग में योग्य हैं. इसका मतलब यह है कि बहुत कम छात्र ही इन महत्वपूर्ण तकनीकी कौशलों में प्रशिक्षित हैं. इसलिए, 86 प्रतिशत भारतीय कंपनियां अपने IT कर्मचारियों को फिर से प्रशिक्षित कर रही हैं ताकि वे इन आवश्यक स्किल्स को सीख सकें.
यह स्थिति इस बात का संकेत है कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों को बेहतर तरीके से AI और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों के लिए तैयार करने की जरूरत है, ताकि वे भविष्य की नौकरी की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें.
क्या है AI
AI, यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एक तकनीक है जो मशीनों को मानव जैसे सोचने, समझने और सीखने की क्षमता प्रदान करती है. यह कंप्यूटर सिस्टम को डेटा का एनालिसिस करने, पैटर्न पहचानने और निर्णय लेने में सक्षम बनाता है.
AI का इस्तेमाल अलग अलग क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे स्वास्थ्य, वित्त, परिवहन, और शिक्षा. उदाहरण के लिए, AI का इस्तेमाल चैटबॉट्स में किया जाता है, जो उपयोगकर्ताओं से बात कर सकते हैं, या ऑटोनॉमस व्हीकल्स में, जो बिना मानव हस्तक्षेप के चल सकते हैं.
यह तकनीक लगातार विकसित हो रही है और इसका उद्देश्य मशीनों को अधिक स्मार्ट बनाना है, ताकि वे जटिल समस्याओं को हल कर सकें और उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बना सकें. AI का भविष्य बहुत उज्जवल है, और इसके प्रयोगों की संभावनाएं अनंत हैं.
कॉलेज के छात्रों को AI के बारे में जानना क्यों जरूरी
AI तेजी से विकसित हो रही तकनीक है जो कई उद्योगों में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है. अगर छात्र AI के सिद्धांतों और तकनीकों को समझते हैं, तो वे भविष्य की नौकरी के लिए बेहतर तैयार हो सकते हैं. इसके अलावा AI का इस्तेमाल स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त, और परिवहन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है. छात्रों को इस तकनीक के बारे में ज्ञान होगा, तो वे अपने चुने हुए क्षेत्र में अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकेंगे.
पिछले कुछ सालों में AI कौशल की मांग बाजार में बढ़ी है. कंपनियां ऐसे कर्मचारियों की तलाश कर रही हैं जिनके पास AI और मशीन लर्निंग का ज्ञान हो. इससे छात्रों के लिए करियर के नए अवसर खुलते हैं. अंत में AI के साथ जुड़े नैतिक और सामाजिक मुद्दों को समझना भी आवश्यक है. छात्रों को यह जानने की जरूरत है कि AI का उपयोग कैसे किया जाए ताकि यह समाज के लिए फायदेमंद हो सके.