अमेरिका में पुरुषों से ज्यादा महिला वोटर, आधी आबादी के पास है ट्रंप कार्ड!
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में एक हफ्ते से कम वक्त बचा है और दोनों ही खेमे अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। इस चुनावी रेस में जीते कोई भी, मगर व्हाइट हाउस में एक रिकॉर्ड बनना तय है। डोनाल्ड ट्रंप जीते तो अमेरिका को इतिहास का सबसे उम्र दराज़ राष्ट्रपति मिलेगा। वहीं कमला हैरिस बाज़ी मारती हैं तो पहली बार अमेरिका में एक महिला राष्ट्रपति की सत्ता होगी।
नॉर्थ कैरोलिना में आम चुनाव के लिए मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में हिस्सा लेते विद्यार्थी…
अमेरिका में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच जारी चुनावी मुकाबला अब फाइनल फेज में पहुंच चुका है। चुनाव में एक हफ्ते से कम वक्त बचा है और दोनों ही खेमे अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। इस चुनावी रेस में जीते कोई भी, मगर व्हाइट हाउस में एक रिकॉर्ड बनना तय है। डोनाल्ड ट्रंप जीते तो अमेरिका को इतिहास का सबसे उम्र दराज़ राष्ट्रपति मिलेगा। वहीं कमला हैरिस बाज़ी मारती हैं तो पहली बार अमेरिका में एक महिला राष्ट्रपति की सत्ता होगी।
अमेरिका में नए राष्ट्रपति का यह चुनाव कई मायनों में अहम भी है और वैश्विक राजनीति के लिहाज से निर्णायक भी माना जा रहा है। वहीं इस निर्णायक चुनाव में महिलाओं के निर्णय की एक बड़ी अहमियत है। यही वजह है कि गर्भपात को लेकर दोनों उम्मीदवारों की नीतियां इस बार चुनाव का एक बड़ा मुद्दा है। डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच 10 सितंबर 2024 को हुई सीधी टीवी बहस में भी दोनों नेता इस मुद्दे पर उलझते नजर आए थे। ट्रंप 6 हफ्ते से अधिक अवधि के बाद गर्भपात पर प्रतिबंध के हक में हैं। वहीं कमला हैरिस महिला के अधिकारों की दुहाई देते हुए कहती हैं कि इस बारे में निर्णय का अधिकार औरत को होना चाहिए।
गर्भपात के मुद्दे पर मुखर महिला मतदाता साल 2022 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से आए फैसले के बाद देश के कई राज्यों में गर्भपात व उसमें इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर रोक लगाई गई। वहीं महिला अधिकार के लिए काम करने वाले संगठनों से लेकर डेमोक्रेट नेताओं तक ने इस प्रतिबंध को गलत बताया। मुखर महिला वोटरों के बीच इस मामले को निजता व स्वतंत्रता से जोड़ा जा रहा है। 1994 से 2022 तक अमेरिका में हुए अलग-अलग चुनावों में 18 से 64 साल आयु वर्ग में महिला मतदाता वोटिंग में पुरुषों से आगे रही हैं। प्रजनन के लिहाज से यह महिलाओं का सक्रिय आयुवर्ग है व गर्भपात जैसे मुद्दे के लिहाज से संवेदनशील भी।
प्रचार के मैदान में भी कमला का डेमोक्रैटिक खेमा महिला मतदाताओं को लामबंद करने के लिए ट्रंप के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों से लेकर गर्भपात के मुद्दे तक को उछाल रहा है। वहीं ट्रंप भी महिला मतदाताओं को लुभाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। महिला श्रोताओं की मौजूदगी में गर्भपात समेत हर मुद्दे पर बेबाक साक्षात्कार व बच्चों के लिए चाइल्ड केयर सपोर्ट बढ़ाने जैसे कई वादे करते नजर आते हैं।
अमेरिका में अब तक कोई महिला राष्ट्रपति भले न बनी हो पर महिला मतदाता पुरुषों के मुकाबले संख्या में भारी पड़ती रही हैं। सेंटर फॉर अमेरिकन वुमन एंड पॉलिटिक्स के आंकड़े बताते हैं कि बीते चार दशकों के दौरान हुए राष्ट्रपति चुनावों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही है। इतना ही नहीं 1994 के अपवाद को छोड़कर अमेरिका में 1980 से लेकर अब तक पंजीकृत मतदाताओं में महिलाओं का ही पलड़ा भारी रहा है। इसे राजनीतिक समीकरण कहें या संयोग, डोनाल्ड ट्रंप जब 2016 में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीते तो उनके मुकाबले डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन थीं।