MP: कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव हत्याकांड में पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य सबूतों के अभाव में बरी

भिंड: कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव के 11 साल पुराने बहुचर्चित हत्याकांड मामले में आरोपी पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. जाटव की भिंड जिले की गोहद तहसील के छिरैंटा गांव में 13 अप्रैल 2009 को रात 8 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

इस हत्याकांड में पुलिस ने सुरक्षा गार्ड शिवराज सिंह की रिपोर्ट पर आरोपी नारायण शर्मा, शेरा उर्फ शेर सिंह, पप्पू उर्फ मेवाराम, सेठी कौरव, गंधर्व सिंह, केदार सिंह, तेजनारायण शर्मा, रामरूप सिंह गुर्जर को आरोपी बनाया था. स्पेशल कोर्ट ने पहले आर्य को हत्याकांड में आरोपी बनाया था. इसके बाद आर्य हाईकोर्ट गए तो वहां स्पेशल कोर्ट का फैसला निरस्त हो गया.

इस दौरान मंत्री आर्य ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की. सुप्रीम कोर्ट ने भिंड कोर्ट के फैसले को सही माना. इसके बाद भिंड के स्पेशल कोर्ट ने 24 अगस्त को राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य को आरोपी बनाते हुए 25 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया था. मंत्री आर्य के वकील की ओर से कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया था.

स्पेशल कोर्ट में अरविंद जाटव, श्रीपाल सिंह के अलावा हत्या के समय विधायक माखनलाल जाटव के साथ गाड़ी में मौजूद रहे सुरक्षा गार्ड एएसआई बालकृष्ण ढोंगरा के बयान भी दर्ज हुए थे. सुरक्षा गार्ड ढोंगरा ने कोर्ट में कहा था कि उन्होंने वारदात के समय 2 गोली चलने की आवाज तो सुनी थी, लेकिन अंधेरा होने से किसी को पहचान नहीं पाए थे.

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