ग्वालियर :कागजों में ही एक्शन तक सिमटा प्लान ?

कागजों में ही एक्शन तक सिमटा प्लान …
35 दिन बीते, लेकिन न तो शिफ्ट में चले ई-रिक्शा और न हो पाई बिना पंजीयन वालों की धरपकड़

दो शिफ्ट में ई-रिक्शा चलाने का प्लान एक महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी सिर्फ कागजों में ही सिमटा हुआ है। 35 दिन (20 अक्टूबर से 24 नवंबर तक) बीतने के बाद भी ट्रैफिक पुलिस व परिवहन विभाग बिना पंजीयन वाले या नियमों को तोड़ रहे ई-रिक्शा की धरपकड़ कर पाए हैं। इसका कारण ये है कि दोनों ही विभागों का मैदानी अमला सड़क पर सख्ती के लिए उतरा ही नहीं। इस कारण ई-रिक्शा चालक किसी भी समय रूट पर दौड़ रहे हैं। जिससे ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ी हुई है।

ट्रैफिक लोड कम करने के लिए शिफ्ट की व्यवस्था थी

ग्वालियर में 14 हजार से अधिक ई-रिक्शा हैं। जिनके कारण शहर की सड़कों का ट्रैफिक लोड बेकाबू हो रहा है और इसी लोड को कम करने के लिए ई-रिक्शा का संचालन 2 शिफ्टों में कराने की व्यवस्था शुरू की गई थी। इसके तहत ई-रिक्शा वाहनों को दो कलर की कोडिंग की गई। इसमें रात 3 बजे से दोपहर 3 बजे तक नीले रंग की पट्टी वाले ई-रिक्शा सड़कों पर चलने थे।

वहीं दोपहर 3 से रात 3 बजे तक पीले रंग की पट्टी वाले ई- रिक्शा चलने थे, लेकिन ये व्यवस्था कागजों में ही लागू हो पाई और सड़कों पर ट्रैफिक लोड आज भी उसी तरह से मौजूद है। विशेषकर शहर के व्यस्त मार्गों पर ये ई रिक्शा ज्यादा मुसीबत बने हुए हैं। क्योंकि महाराज बाड़ा, सराफा बाजार, जीवाजीगंज, माधवगंज, सदर बाजार, हजीरा आदि ऐसे क्षेत्र में हैं। जहां अधिक सवारी के चक्कर में सबसे ज्यादा ई-रिक्शा चल रहे।

क्या होना था और क्या हुआ

20 अक्टूबर से ई रिक्शा 2 शिफ्ट में चलने थे। {हुआ क्या: शुरूआत के 4 से 5 दिन ई रिक्शा शिफ्ट के अनुसार चले। अब सारे ई रिक्शा सुबह से रात के बीच ही चल रहे हैं। जिस कारण यह व्यवस्था बिगड़ी हुई है। शिफ्ट की व्यवस्था तोड़कर चलने वाले ई रिक्शा के चालान होने थे। {हुआ क्या: ट्रैफिक पुलिस ने शुरूआत के कुछ दिन में चालान और जब्ती की कार्रवाई की। लेकिन फिर दीपावली त्योहार की बात कहकर कार्रवाई बंद कर दी गई। बिना पंजीयन और नियम विरूद्ध चलने वाले ई रिक्शा की जब्ती। {हुआ क्या: ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की टीम ने कोई संयुक्त मुहिम इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए नहीं चलाई। जिस कारण ऐसे ई रिक्शा, जिन्होंने नई व्यवस्था के लिए पंजीयन नहीं कराया। वे भी धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ रहे हैं। सभी ई-रिक्शा के पंजीयन नगर निगम को करने थे। {हुआ क्या: शहर में लगभग 14 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा हैं। इनमें से अब तक 6700 वाहनों के ही नगर निगम कलर कोडिंग कर पाया है, जबकि आधे वाहन बिना कोडिंग के धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से यह दोनों शिफ्ट में चल रहे हैं, जिस कारण ट्रैफिक जाम की समस्या हो रही है। ​​​​​​​

जिम्मेदार अधिकारियों का रटारटाया जबाव- ई-रिक्शा पर होगी सख्त कार्रवाई, संयुक्त टीम जगह-जगह करेगी चेकिंग

^शहर में रजिस्टर्ड ई-रिक्शे को दो शिफ्ट में चलाने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। कई स्थानों पर ट्रैफिक लोड घटा है। शहर में 10 हजार ऑटो भी हैं, उनके लिए भी प्लानिंग की जा रही है। – धर्मवीर सिंह, एसपी

^पिछले कुछ दिनों से काली फिल्म, हूटर एवं मॉडिफाई वाहनों पर फोकस कर कार्रवाई की जा रही थी इसलिए ई रिक्शा कार्रवाई कम हुई जिसे बढाया जाएगा। –कृष्ण लालचंदानी, एएसपी ट्रैफिक

^ई-रिक्शा यदि शिफ्ट के मुताबिक नहीं चल रहे हैं तो इस मामले में ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से कार्रवाई की जाएगी।-विक्रमजीत कंग, आरटीओ, ग्वालियर

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