ट्रैफिक सिग्नल की गड़बड़ी से वाहन चालक असमंजस में

गोले का मंदिर चौराहा शहर का सबसे बड़ा चौराहा है। यहां से शहर के तीनों उपनगरों मुरार, ग्वालियर और लश्कर के लिए रास्ता है। साथ ही दीनदयाल नगर, शताब्दी पुरम की तरफ से वाहन आते हैं। यहां कई दिनों से ट्रैफिक सिग्नल गड़बड़ होने से लोग परेशान हैं …

ग्वालियर. शहर में यातायात व्यवस्था नियंत्रित करने के लिए लगे चौराहों पर लगे ट्रैफिक सिग्नल का संचालन इन दिनों गड़बड़ाया हुआ है। किसी चौराहे पर चलते नहीं हैं, चलते हैं तो कभी भी अपने आप बंद हो जाते हैं। इससे वाहन चालक असमंजस में पड़ जाते हैं। पिछले 15 दिन से गोले का मंदिर चौराहा पर लगे ट्रैफिक सिग्नल का हाल भी खराब है।

यहां आधा मिनट तक रेड सिग्नल पर रुकने के बाद जब ग्रीन सिग्नल होने को होता है तो फिर से रेड लाइट की उल्टी गिनती 30 से शुरू हो जाती है। इससे वाहन चालक असमंजस में पड़ जाते हैं, कई वाहन चालक गफलत में आगे भी बढ़ जाते हैं। उसके बाद फिर से रेड सिग्नल की 30 से गिनती होने लगती है। इसके चलते लोगों को एक मिनट तक इंतजार करना पड़ रहा है। सिग्नल की गड़बड़ी से अब लोग परेशान होने लगे हैं। इससे हादसों की भी स्थिति बन रही है, क्योंकि रेड लाइट की 30 से गिनती 1 पर आते ही कई लोग तेजी से वाहन चलाकर आगे निकल जाते हैं, लेकिन तभी दूसरी तरफ से ट्रैफिक आ जाता है, जिससे वाहनों के टकराने की स्थिति बन जाती है। चौहारे पर चारों तरफ लेफ्ट टर्न हैं, इसलिए हर तरफ भीड़ होती है।
शहर का सबसे बड़ा चौराहा
गोले का मंदिर चौराहा शहर का सबसे बड़ा चौराहा है। यहां से शहर के तीनों उपनगरों मुरार, ग्वालियर और लश्कर के लिए रास्ता है। साथ ही दीनदयाल नगर, शताब्दी पुरम की तरफ से वाहन आते हैं। यहां कई दिनों से ट्रैफिक सिग्नल गड़बड़ होने से लोग परेशान हैं। यहां पर दो चार पहिया वाहनों के साथ काफी संख्या में ट्रक और बसें भी निकलती हैं। ऐसे में यह सिग्नल बंद चालू होने से हादसों का खतरा भी बढ़ गया है।

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