निशाने पर बड़े नक्सली, इस साल आठ करोड़ से ज्यादा के इनामी ढेर !
छत्तीसगढ़ में निशाने पर बड़े नक्सली, इस साल आठ करोड़ से ज्यादा के इनामी ढेर
छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों द्वारा लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसमें बड़े नक्सली उनके टारगेट पर हैं। खुद नक्सलियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी ने लिखित बयान जारी कर कहा है कि देश भर में 253 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें 226 नक्सली बस्तर में हुई मुठभेड़ों में ढेर हुए हैं।
- बस्तर में नक्सल अभियान में मिली सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता।
- 207 के शव अब तक मिले, इनमें 5 25-25 लाख के इनामी नक्सली।
- 77 नक्सली ढेर किए गए मिलिट्री फार्मेशन के कमांडर सहित।
जगदलपुर। बस्तर में इस वर्ष नक्सलियों को लगातार मात खानी पड़ी है। बस्तर के नक्सल इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब सुरक्षा बल के निशाने पर बड़े नक्सली आए। अब तक 8.84 करोड़ के इनामी नक्सलियों के शव बरामद हो चुके है।
इनमें दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के 25–25 लाख रुपये के इनामी पांच नक्सली भी शामिल है। इसी तरह 14 डिविजनल कमेटी सदस्य स्तर के नक्सलियों को ढेर किया गया है। मिलिट्री फार्मेशन के कमांडर सहित 77 नक्सलियों को मार गिराने में सुरक्षा बलों को सफलता मिली है।
16 अप्रैल को कांकेर में डीवीसीएम शंकर राव, ललिता, शंकर की पत्नी रजीता, एमएमसी जोनल कमेटी सदस्य सुरेश सहित 29 नक्सली ढेर किए। 30 अप्रैल को नारायणपुर में डीकेएसजेडसी जोगन्ना व विनय, पीपुल्स पार्टी सदस्य सुष्मिता व जोगन्ना की पत्नी एसीएम संगीता समेत 10 को मार गिराया था।
साय सरकार में नक्सलियों पर दोहरा प्रहार
भाजपा की सरकार के आते ही नक्सलियों के विरुद्ध अभियान को तेज किया गया है। पिछले कुछ वर्ष में सुरक्षा बल लगातार नक्सलियों के पैठ वाले क्षेत्र में सुरक्षा कैंपों की स्थापना की रणनीति पर काम कर रहे थे।
इस वर्ष 21 सहित विगत पांच वर्ष में 80 कैंपों की स्थापना सीधे नक्सलियों के आधार क्षेत्र में की गई है। इससे नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चलाने में सुरक्षा बल को आसानी हुई। इन कैंपों से चलाई योजनाओं ने ग्रामीणों का भरोसा जीता।
जनता का भरोसा सुरक्षाबल पर बढ़ा
केंद्र व राज्य सरकार की मंशा अनुसार सुरक्षा के साथ विकास के लक्ष्य को लेकर सुरक्षा बल कार्य कर रही है। नक्सलियों के विरुद्ध अभियान के साथ ही क्षेत्र विकास को लेकर किए गए कार्य से जनता का भरोसा भी सुरक्षा बल पर बढ़ा है। इससे सफलता का प्रतिशत भी बढ़ा है। नक्सलियों से अपील है कि वे आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटे। -सुंदरराज पी., आईजीपी बस्तर।