सुखबीर बादल पर फायरिंग …. मजीठिया का दावा-एक दिन पहले SP हमलावर आतंकी से मिले ?
पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल पर फायरिंग को लेकर शिरोमणि अकाली दल और पंजाब पुलिस व AAP सरकार आमने-सामने हो गए हैं। एक तरफ CM भगवंत मान से लेकर समूची AAP लीडरशिप और मंत्री पंजाब पुलिस को सुखबीर की जान बचाने का क्रेडिट दे रहे है। वहीं अमृतसर पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर ने कहा कि वह फायरिंग की घटना की सुखबीर के प्रति सहानुभूति के एंगल से जांच करेंगे।
इसके बाद अकाली नेता बिक्रम मजीठिया ने गोल्डन टेंपल का एक CCTV फुटेज जारी कर दिया। इसमें उनका दावा है कि 4 दिसंबर को हुए हमले से एक दिन पहले 3 दिसंबर को अमृतसर पुलिस के SP हरपाल सिंह आतंकी हमलावर आतंकी नारायण सिंह चौड़ा से मिले थे।
अकाली नेता परमबंस सिंह रोमाणा ने भी इसको लेकर सवाल खड़े किए कि SP ने चौड़ा से हाथ मिलाया। उसके साथ बात की। आखिर चौड़ा को उसी वक्त गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। इसको लेकर अभी अमृतसर पुलिस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
वहीं सुखबीर बादल हमले के बाद आज गुरूवार (5 दिसंबर) को रोपड़ स्थित तख्त श्री केसगढ़ साहिब में सेवादार की सजा भुगतने पहुंचे हैं। यहां पंजाब पुलिस ने उन्हें थ्री लेयर सिक्योरिटी दी है। सुखबीर के ईर्द-गिर्द पुलिसकर्मियों का सुरक्षा घेरा बनाया गया है।
सेवादार बने सुखबीर पर करीब आकर चलाई थी गोली, सुरक्षाकर्मी ने बचाया अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में बुधवार को पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने फायरिंग की। सुखबीर गोल्डन टेंपल के गेट पर सेवादार बनकर बैठे थे। डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को माफी और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी जैसी गलतियों पर सिखों की सर्वोच्च अदालत अकाल तख्त ने उन्हें यह सजा दी है।
वारदात के वक्त हमलावर ने जैसे ही चंद कदमों की दूरी से सुखबीर पर गोली चलाई, उसी समय सिविल वर्दी में तैनात उनके सुरक्षाकर्मियों ने उसका हाथ पकड़कर ऊपर उठा दिया। जिससे गोली गोल्डन टेंपल की दीवार पर जा लगी। इससे सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए।
इसके बाद हमलावर ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। सुखबीर बादल को तुरंत सुरक्षा घेरे में ले लिया गया। गोल्डन टेंपल के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
सुखबीर बादल पर फायरिंग की 2 तस्वीरें…
पुलिस कमिश्नर ने कहा था- सुखबीर पर आरोपों से आहत था आरोपी वारदात के बाद पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर गोल्डन टेंपल पहुंचे। उन्होंने बताया कि आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार चौड़ा ने बयान दिया कि सुखबीर बादल पर बेअदबी और डेरा मुखी राम रहीम को माफी दिलाने के आरोप थे। इसी से आहत होकर उसने यह कदम उठाया।
अकाली नेता डॉ. दलजीत चीमा ने कहा कि गुरदासपुर से कांग्रेस सांसद सुखजिंदर रंधावा का एक साथी मार्केट कमेटी का चेयरमैन है। गोली चलाने वाला व्यक्ति चेयरमैन के साथी का भाई है।
कौन है आतंकी नारायण सिंह चौड़ा, जिसने सुखबीर बादल पर फायरिंग की….
1. आतंकवाद के दौर में एक्टिव रहा, पाकिस्तान गया नारायण सिंह चौड़ा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के दौर में सक्रिय रहा। वह साल 1984 में पाकिस्तान भी गया, जहां वह भारत विरोधी संगठनों से मिला। पाकिस्तान में रहते हुए गुरिल्ला वॉर पर किताब और देशद्रोही साहित्य भी लिखा। पंजाब में आतंकवाद के दौरान आतंकी गुरिल्ला वॉर की तरह ही वारदात किया करते थे। वह हथियारों-विस्फोटकों की स्मगलिंग भी करता रहा।
2. पुलिस ने उसके ठिकाने से RDX पकड़ा अमृतसर, तरनतारन और रोपड़ जिले में चौड़ा पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के केस भी दर्ज हैं। पंजाब पुलिस ने नारायण सिंह चौड़ा को 28 फरवरी 2013 को तरनतारन से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उसके मोहाली के कुराली गांव में रेड करके RDX और हथियारों का जखीरा बरामद किया था। इस केस में नारायण सिंह चौड़ा को जमानत मिली हुई है।
3. बुड़ैल जेलब्रेक में आतंकियों की मदद की चौड़ा 2004 में चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल ब्रेक में भी शामिल रहा। उसने पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे आतंकी जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भ्यौरा और जगतार सिंह तारा को जेल के अंदर सुरंग खोदकर फरार होने में मदद की। वह पगड़ी देने के बहाने आतंकियों से मिलता था। जब ये आतंकी जेल से भागे तो इसी कपड़े की मदद से ही जेल की दीवार फांदी थी। चौड़ा पर फरारी के वक्त जेल की बिजली गुल करने का भी आरोप है।
4. चौड़ा की हिटलिस्ट में था बादल परिवार बादल परिवार काफी समय से नारायण सिंह चौड़ा के निशाने पर था। जनवरी-2013 में केंद्र ने पंजाब सरकार को इंटेलिजेंस इनपुट भी दिया था। जिसमें लिखा था कि चौड़ा पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर बादल को टारगेट कर सकता है। उसके बाद पंजाब के तत्कालीन DGP सुमेध सिंह सैनी ने दोनों की सुरक्षा बढ़ा दी थी। वह बादल परिवार को सिख धर्म का गद्दार मानता था।
5. अपनी आर्मी बना रखी, नकली नाम भी रखा था चौड़ा ने अपनी खालिस्तान लिब्रेशन आर्मी बना रखी थी। उसके एक ठिकाने पर रेड के वक्त ही पुलिस को कंप्यूटर-पेन ड्राइव से उसके खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से लिंक मिले थे। उसने आतंकी गतिविधियां चलाने के लिए खालिस्तानी समर्थकों के बीच अपना नाम रणधीर सिंह रखा हुआ था।