कोरोना वायरस रूप बदलने की वजह से ज्यादा खतरनाक
दुनिया के 70 देशों तक पांव पसार चुका कोरोना वायरस अपना रूप बदलने की क्षमता के कारण रोकथाम के बावजूद दायरा बढ़ाता जा रहा है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह भी सार्स और मर्स की तरह ऐसा खतरनाक संक्रमण है जिसकी चपेट में आने से करीब 10 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है।
भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) में महामारी विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रधान वैज्ञानिक डॉ. भोजराज सिंह कहते हैं कि इस संक्रमण में खुद को बदलने की अदभुत क्षमता है। इसका जीनोम छह जीन से बना होता है। उन्होंने बताया कि जब कोई संक्रमण कोशिका में पहुंचता है और उसी जाति का कोई दूसरा संक्रमण वहां पहले से मौजूद हो तो दोनों के जीन मिलकर जानलेवा बन जाते हैं।
भले ही यह प्राकृतिक प्रक्रिया है पर वे इसी क्षमता के जरिए ये महामारी स्ट्रेन विकसित करने में कामयाब हो जाते हैं। दूसरी ओर चीन में एक कुत्ते में भी कोरोना वायरस की बात सामने आई है। अब तक यह माना जाता था कि यह जूनोटिक (मनुष्य से पशु में फैलने वाला) नहीं है, पर कुत्ते में वायरस मिलना यह संकेत देता है कि कोरोना जूनोटिक है। ऐसे में वैज्ञानिक यह आशंका जता रहे हैं कि यह संक्रमण कुत्तों में फैल गया तो दूसरे जानवरों में भी हो सकता है।