सरकारी निर्माण के ढह जाने की न हो अनदेखी, कन्नौज की घटना से लें सबक ?
सरकारी निर्माण के ढह जाने की न हो अनदेखी, कन्नौज की घटना से लें सबक
कन्नौज में एक निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन का एक हिस्सा ढह जाने से कई सवाल उठ रहे हैं। इस घटना की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया गया है। इस घटना पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि दुर्घटना का कारण कहीं सुरक्षा उपायों की अनदेखी तो नहीं थी? कुछ समय पहले दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की छत गिर गई थी।
कन्नौज में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन का एक हिस्सा ढह जाने से कोई बड़ी जन हानि न होना राहतकारी है। यह सौभाग्य की बात रही कि रेलवे स्टेशन के ढहे हिस्से में दबे अधिकांश मजदूरों को निकाल लिया गया और जो गंभीर रूप से घायल हुए, उनके समुचित उपचार की व्यवस्था कर दी गई।
गंभीर रूप से घायल मजदूरों के लिए मुआवजे की घोषणा करने के साथ ही इस बात का पता लगाने के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन भी कर दिया गया है कि यह हादसा कैसे हुआ? आशा की जानी चाहिए कि यह समिति हादसे के मूल कारणों का पता लगाने में समर्थ रहने के साथ ऐसे उपाय भी सुझाएगी, जिससे भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाएं न हो सकें।
इस समिति को इस बिंदु पर ध्यान देना चाहिए कि दुर्घटना का कारण कहीं सुरक्षा उपायों की अनदेखी तो नहीं थी? इसके अतिरिक्त उसे यह भी अवश्य देखना होगा कि कहीं निर्माण कार्य की गुणवत्ता से समझौता तो नहीं किया गया था?
इस पहलू पर विशेष रूप से ध्यान देना इसलिए आवश्यक है, क्योंकि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश भर में 12 सौ से अधिक रेलवे स्टेशनों को उन्नत किया जा रहा है, ताकि रेल यात्रियों को समुचित सुविधाएं मिल सकें।
इसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए कि अपने देश में सरकारी योजना के तहत होने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का वैसा ध्यान नहीं रखा जा रहा है, जैसा अपेक्षित ही नहीं, अनिवार्य है। इसी कारण सड़क, पुल आदि के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर रह-रहकर सवाल उठते रहते हैं।
यह किसी से छिपा नहीं कि कुछ समय पहले दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की छत गिर गई थी। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी। इसके कुछ दिनों बाद राजकोट हवाईअड्डे की भी छत ढह गई थी। कुछ इसी तरह की घटना जबलपुर हवाईअड्डे में भी हुई थी।
इससे सभी परिचित ही होंगे कि बिहार में किस तरह पुल गिरने के समाचार आते रहे हैं। तथ्य यह भी है कि राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में गुणवत्ता की कमी को लेकर भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। ऐसे सवाल यही रेखांकित करते हैं कि सरकारी योजनाओं के निर्माण को लेकर जो मानक तय किए गए हैं, उनकी अनदेखी हो रही है।
एक ऐसे समय जब विकसित भारत के लक्ष्य को ध्यान में रखकर बुनियादी ढांचे के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और इसके चलते देश में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हो रहे हैं, तब यह सुनिश्चित किया ही जाना चाहिए कि उनकी गुणवत्ता से कोई समझौता न होने पाए। इसके लिए केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकारों को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी।