महाकुंभ जा रहे हैं तो सारे सवालों के जवाब जानिए !
महाकुंभ में मंगलवार देर रात हुई भगदड़ में मौतों के बाद सख्ती बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने कड़े कदम उठाते हुए बड़े बदलाव लागू किए हैं। अब पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। इससे किसी भी तरह के वाहनों को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी। VVIP पास रद्द कर दिए गए हैं।
अभी प्रयागराज शहर में भी बड़े वाहन नहीं चल रहे हैं। ऑटो-ई रिक्शा चलना शुरू हुए, लेकिन फिर यह पर्याप्त नहीं हैं। लोगों को पैदल ही आना पड़ रहा है।
भगदड़, मौतें और उसके बाद के हालातों को लेकर आपके मन में उठ रहे सवालों के जवाब जानिए…
सवाल 1: क्या मुझे महाकुंभ मेले में एंट्री मिलेगी?
जवाब: हां, लेकिन पैदल ही जाना होगा। पूरे मेले को नो-व्हीकल जोन कर दिया गया है।
सवाल 2: क्या मैं कार लेकर महाकुंभ में जा सकता हूं?
जवाब: नहीं, मेले में सभी तरह के वाहन प्रतिबंधित हैं। आपको शहर के बाहर बनी पार्किंग में कार पार्क करना होगा, क्योंकि अभी बाहरी वाहनों को शहर में एंट्री नहीं दी जा रही है। संगम से सभी पार्किंग 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से ऑटो या बाइक मिलने के चांस नहीं हैं, इसलिए पैदल ही यह दूरी तय करनी होगी।
हालांकि देर शाम को प्रयागराज के डीएम रविन्द्र कुमार मांदड़ ने कहा कि प्रयागराज कमिश्नरेट (शहर) में प्रवेश और डायवर्जन की स्कीम केवल मौनी अमावस्या पर लगाई गई थी। 30 जनवरी को लगभग सभी श्रद्धालु वापस लौट रहे हैं। इसलिए पुलिस के डायवर्जन की स्कीम और बैरिकेड्स हटाने के आदेश दिए हैं। 31, 1 और 4 फरवरी को वाहनों का प्रवेश वर्जित नहीं रहेगा। केवल 2 और 3 को बंसत पंचमी वाले दिन डायवर्जन की स्कीम लागू होगी। मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश की अलग गाइडलाइन है।
सवाल 3: किस रूट पर कहां पार्किंग मिलेगी?
जवाब: ऐसे समझें, किस रूट पर कहां पार्किंग है और कितनी दूरी है…
1- जौनपुर की तरफ से आने वाले वाहनों के लिए सहसों से गारापुर होते हुए आगे बढ़ने पर दो पार्किंग हैं। चीनी मिल झूंसी और पूरेसूरदास गारापुर रोड पार्किंग।
2- वाराणसी की तरफ से आने वालों के लिए कनिहार रेलवे अंडरब्रिज होते हुए आगे बढ़ने पर शिवपुर उस्तापुर पटेल बाग और कान्हा मोटर्स पार्किंग है।
3- कानपुर, लखनऊ और प्रतापगढ़ से आने वाले वाहन नवाबगंज, मलाक हरहर सिक्स लेन होते हुए आएंगे। बेली कछार और बेला कछार में पार्किंग है।
4- रीवा रोड से आने पर नैनी एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट पार्किंग और नव प्रयागम पार्किंग है।
5- मिर्जापुर की तरफ से आने पर देवरख उपरहार और सरस्वती हाईटेक पार्किंग है।
6- कौशांबी की तरफ आने पर नेहरू पार्क पार्किंग और एयरफोर्स मैदान पार्किंग है।
सवाल 4: मैं ट्रेन से आ रहा हूं, कैसे महाकुंभ पहुंचूंगा?
जवाब: प्रयागराज जंक्शन, संगम प्रयाग, प्रयाग स्टेशन, दारागंज, रामबाग, नैनी, सूबेदारगंज, फाफामऊ और छिवकी स्टेशन हैं। इन स्टेशनों से संगम की दूरी क्रमश: 12, 6, 7, 3, 8, 12, 15, 8 और 16 किलोमीटर है। अभी लोग पैदल ही आ रहे हैं। इससे मेला क्षेत्र के बाहर तक आ सकेंगे, लेकिन मेले में पैदल ही एंट्री मिलेगी। 2 और 3 फरवरी को बसंत पंचमी के स्नान पर स्टेशन से पैदल ही संगम आना होगा, क्योंकि उस दिन ट्रैफिक डायवर्जन लागू रहेगा।
सवाल 5: मैं एयरपोर्ट से महाकुंभ तक कैसे पहुंचूंगा?
जवाब: एयरपोर्ट से उतरने के बाद कार या ऑटो मेला क्षेत्र के बाहर तक आ सकते हैं। यहां से 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलकर संगम तक आना होगा।
सवाल 6: प्रयागराज जिले के बॉर्डर से पहले कितने लंबे जाम का सामना करना पड़ेगा?
जवाब: वहां के ताजा हालात पर निर्भर करता है। अभी की स्थिति में वाहनों को एंट्री दी जा रही है। आप जिस रास्ते आ रहे हैं, वहां शहर के बाहर जगह-जगह पार्किंग बनाई गई हैं। वहीं वाहन खड़े करने होंगे। लेकिन 1 और 2 फरवरी को वाहनों की भीड़ बढ़ सकती है। इसलिए बॉर्डर पर रोक लग सकती है।

सवाल 7: कई ट्रेनें कैंसिल हुईं, नई ट्रेनें प्रयागराज से चल रही हैं, उनकी टाइमिंग क्या है? यूपी के प्रमुख शहरों के लिए ट्रेनों की टाइमिंग क्या है?
जवाब: प्रयागराज के 9 रेलवे स्टेशनों से अलग-अलग शहरों के लिए ट्रेनें चल रही हैं। मेला स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं। रूटीन की कई ट्रेनें रद्द की गई हैं। श्रद्धालुओं की संख्या देखते हुए ट्रेनें चलाई जा रही हैं। पूरा फोकस स्नान के बाद श्रद्धालुओं को सुरक्षित वापस पहुंचाने पर है।
प्रयागराज से जाने वाली ट्रेनें रूट वाइज इन स्टेशनों से मिलेंगी
- विंध्याचल, मिर्जापुर और चुनार की ओर जाने वाली ट्रेनें नैनी और प्रयागराज जंक्शन से मिलेंगी।
- कानपुर, भरवारी, सिराथू, फतेहपुर की ओर जाने वाली ट्रेनें प्रयागराज जंक्शन से मिलेंगी।
- जबलपुर, मानिकपुर, डभैरा, सतना, झांसी की ओर जाने वाली ट्रेनें प्रयागराज जंक्शन, नैनी और छिवकी स्टेशन से मिलेंगी।
- लखनऊ, बरेली, अयोध्या कैंट, सुल्तानपुर की ओर जाने वाली ट्रेनें प्रयाग और फाफामऊ स्टेशन से मिलेंगी।
- इसी तरह वाराणसी, ज्ञानपुर, बलिया, भटनी और गोरखपुर जाने के लिए ट्रेनें रामबाग और झूंसी स्टेशन से मिलेंगी।

रूट वाइज ट्रेनें यहां रुकेंगी
- मुंबई की ओर से आने वाली ट्रेनों को नैनी और छिवकी स्टेशन पर रोका जाएगा।
- लखनऊ और अयोध्या की ओर से आने वाली ट्रेनों को फाफामऊ और संगम स्टेशन पर रोका जाएगा।
- वाराणसी, गोरखपुर आदि रूट से आने वाले यात्रियों को झूंसी और रामबाग स्टेशन पर उतरना होगा।
सवाल 8: मेला क्षेत्र तक पहुंचने के लिए क्या बाइक, ई कार्ट, ऑटो वगैरह मिलेगी?
जवाब: ओला, रैपिडो बाइक सर्विस और ऑटो, ई-रिक्शा और निजी वाहन शहर में चल रहे हैं। लेकिन भीड़ की वजह से यह सुविधा कम पड़ रही है। बसें नहीं चल रही हैं।
सवाल 9: VVIP घाट पर क्या गाड़ी की अनुमति रहेगी?
जवाब: सभी के VVIP पास कैंसिल कर दिए हैं। कोई प्रोटोकॉल 4 फरवरी तक नहीं रहेगा। सिर्फ मेले में तैनात अफसरों की गाड़ियां चलेंगी।
सवाल 10: जो लोग कुंभ के कैंपों में अपनी गाड़ी लेकर फंसे हैं, वो बाहर कैसे निकल सकते हैं?
जवाब: मेले में फंसे वाहनों को बाहर निकालने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सिर्फ एंट्री पर बैन है। उन्हें निकाला जा रहा है।
सवाल 11: कल्पवासियों के घर वाले उन्हें राशन और बाकी सामान पहुंचाने आते हैं? क्या इंतजाम हैं?
जवाब: पहले किसी साधन से मेला क्षेत्र के बाहर आना होगा। फिर पैदल ही सामान लेकर आना होगा।
सवाल 12: संगम नोज पर आना-जाना आसान हो गया है या अभी प्रतिबंधित है?
जवाब: पूरा मेला वन-वे है। जाना और आना पहले से आसान है।
सवाल 13: लेटे हनुमान मंदिर, अक्षयवट, नागवासुकी मंदिर, आनंद भवन जैसी प्रमुख जगहों पर भी क्या आने-जाने को लेकर प्लान में बदलाव किया गया है?
जवाब: सभी मंदिर खुले हैं। यहां पैदल ही जा सकते हैं। बसंत पंचमी पर 2 और 3 फरवरी को मेला प्रशासन नया आदेश जारी करेगा। मुख्य स्नान पर्वों पर भीड़ को देखते हुए अक्षयवट और लेटे हनुमान मंदिर पर पहले रोक लगी थी। इसलिए बसंत पंचमी पर यह रोक लग सकती है।
सवाल 14: अगर मेरी गाड़ी नहीं जा पाएगी और लोकल कन्वेंस नहीं मिलेगा तो मुझे कितना पैदल चलना पड़ेगा?
जवाब: मेला क्षेत्र के बाहर तक लोकल वाहनों की एंट्री है। वहां से संगम के लिए 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलना होगा।
सवाल 15: गंगा में नाव चल रही है या नहीं? घाट से संगम तक नाव की अनुमति है या नहीं?
जवाब: नावें चल रही हैं। संगम तक जाने की अनुमति है, लेकिन बसंत पंचमी के दिन इस पर रोक लगाई जा सकती है। अभी मुख्य स्नान पर ऐसा ही होता आया है।
सवाल 16: संगम से अखाड़ों तक पहुंचने के लिए पैदल कितनी दूरी तय करनी होगी?
जवाब: दो से ढाई किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होगी।
सवाल 17: दिव्यांग और बुजुर्ग मेला और स्नान के लिए संगम कैसे जाएंगे?
जवाब: अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। पैदल ही जाना होगा।