राजधानी के 96 प्रतिशत छात्रों को नहीं मिली सेक्सुअल हेल्थ एजुकेशन !

राजधानी के 96 प्रतिशत छात्रों को नहीं मिली सेक्सुअल हेल्थ एजुकेशन

भारत में 25.30 करोड़ किशोर हैं। किशोरावस्था एक विशेष चरण है जिसमें शारीरिक और मानसिक विकास होता है। ऐसे में यह जिम्मेदारी है कि किशोर सही जानकारी के साथ भविष्य में आगे बढ़े।

Bhopal News: राजधानी के कक्षा 9 से लेकर 12 वीं कक्षा में पढऩे वाले 96 फीसदी छात्रों को स्कूलों में प्रजनन और यौन स्वास्थ्य शिक्षा नहीं मिली। किशोरों का यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति ज्ञान और दृष्टिकोण पर की गई स्टडी से यह पता चला है। इसमें राजधानी के 47 सरकारी और 110 प्राइवेट स्कूलों के 322 छात्रों को शामिल किया गया। यह अध्ययन दी नर्सिंग जनरल ऑफ इंडिया में प्रकाशित हुई है। 20 फीसदी किशोरों ने बताया कि उन्हें मूत्र पथ के संक्रमण का अनुभव हुआ व 52 फीसदी किशोरियों ने कहा कि उन्हें मासिक धर्म से पहले के लक्षणों का अनुभव होता है। शोध में एक अच्छी बात यह निकल कर आई कि 98 फीसदी स्टूडेंट्स शराब, सिगरेट या ड्रग्स का सेवन नहीं करते हैं।
देश पर बड़ी जिम्मेदारी
भारत में 25.30 करोड़ किशोर हैं। किशोरावस्था एक विशेष चरण है जिसमें शारीरिक और मानसिक विकास होता है। ऐसे में यह जिम्मेदारी है कि किशोर सही जानकारी के साथ भविष्य में आगे बढ़े। अध्ययन के निष्कर्ष यह हैं कि किशोरों को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने की बहुत आवश्यकता है।
क्यों जरूरी प्रजनन और यौन स्वास्थ्य शिक्षा
किशोरों में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी कम जानकारी होने पर कई खतरे बढ़ हैं। जिसमें गर्भधारण, यौन संचारित संक्रमण, प्रजनन अंग संक्रमण और मातृ और शिशु मृत्यु दर के बढ़े हुए जोखिम समेत अन्य शामिल हैं।
इन्होंने की स्टडी
जेमिमा वीआर (एमएससी स्टूडेंट, एम्स भोपाल), मैक्सी मार्टिस (एसोसिएट प्रोफेसर, एम्स भोपाल), नसीमा शफकत (असिस्टेंट प्रोफेसर, एम्स भोपाल), नंथिनी सुब्बैया (एचओडी डिपार्टमेंट ऑफ सीएचए, एनएचएफडब्लू, न्यू दिल्ली)

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