क्यों विवादों में आ जाती है NTA?

क्यों विवादों में आ जाती है NTA? अब 12 सवाल हटे तो एरर बढ़ा, जानें अनुवाद में गलती से पेपर लीक तक पूरी कहानी

NTA JEE Main 2025 12 Questions Errors Row: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA एक बार फिर सवालों के घेरे में है. यह सवाल खड़ा हुआ है जेईई मेन-2025 सेशन 1 की फाइनल आंसर-की से 12 प्रश्न हटाने के बाद. इसमें सवालों की संख्या 90 से घटा कर 75 कर दी गई है. इसके बावजूद गलती की दर बढ़कर 1.6% हो गई है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. पहले भी एनटीए विवादों में आती रही है. आइए जान लेते हैं इसका कारण.

क्यों विवादों में आ जाती है NTA? अब 12 सवाल हटे तो एरर बढ़ा, जानें अनुवाद में गलती से पेपर लीक तक पूरी कहानी

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) एक बार फ‍िर विवादों में है.

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) एक बार फिर विवादों से घिरती दिख रही है. इस बार परीक्षा में पूछे गए सवालों को लेकर वह सवालों के घेरे में है. यह सवाल खड़ा हुआ है जेईई मेन-2025 सेशन 1 की फाइनल आंसर-की से 12 प्रश्न हटाने के बाद. इसमें सवालों की संख्या 90 से घटा कर 75 कर दी गई है. इसके बावजूद गलती की दर बढ़कर 1.6% हो गई है. यह ऐतिहासिक सीमा 0.6% से कहीं अधिक है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. पहले भी एनटीए विवादों में आती रही है. आइए जान लेते हैं इसका कारण.

फाइनल आंसर-की में 12 सवाल हटाएमीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि एनटीए का दावा था कि जेईई मेन-2025 के सेशन 1 में कुल छह प्रश्न हटाए गए थे. हालांकि, 2025 के इस सेशन की जब आधिकारिक फाइनल आंसर-की सामने आई तो इसमें हटाए गए 12 प्रश्न सूचीबद्ध हैं. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि न्यूटन का लॉ ऑफ कूलिंग को लेकर दो सालों से इस परीक्षा में सवाल नहीं पूछे जा रहे थे. इस बार सेशन-1 की परीक्षा में इससे भी सवाल शामिल कर लिया गया. वास्तविक सिलेबस और परीक्षा में सवाल पूछने के बीच इस अंतर से अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ गई. इसके अलावा फाइनल आंसर-की से हटाए गए सवालों में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के सवाल शामिल हैं.

अनुवाद में भी मिलीं गलतियांजेईई-नीट की कोचिंग चलाने वाले डीके मिश्र की मानें तो प्रश्न पत्र में भाषा अनुवाद में भी विसंगतियां थीं. जेईई मेन-2025 के सेशन-1 की फाइनल आंसर-की में अनुवाद की कम से कम दो गलतियां थीं. इनसे भ्रम की स्थिति पैदा हुई. गलत उत्तर को बाद में सही चिह्नित करने से और भी विसंगति हुई.

अभ्यर्थियों के अनुसार क्वेश्चन पेपर से लॉजिक गेट के सवाल को अमान्य मानकर हटाया गया. अभ्यर्थियों ने इन सवालों से जूझते हुए परीक्षा में अपना काफी बहुमूल्य समय गंवा दिया. इसके कारण रैंकिंग भी प्रभावित हुई.

एक साथ 67 टॉपर किए गए थे घोषितइससे पहले पिछले साल (2024) में एनटीए द्वारा गए नीट-यूजी के रिजल्ट आने के बाद देशभर में बवाल मच गया था. तब परीक्षा में 24 लाख से भी ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इनमें से एक साथ 67 टॉपर घोषित किए गए थे, जिनमें से आठ ने तो एक ही परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दी थी.

दरअसल, एनटीए ने उस समय सात केंद्रों पर परीक्षा में विलंब के कारण समय को हुए नुकसान की भरपाई के लिए नीट में शामिल 1563 अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स दे दिए थे. इसको लेकर लाखों अभ्यर्थी सड़क पर उतर आए थे. वे परीक्षा रद्द करने की मांग करने लगे थे. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था. इसके बाद परीक्षा तो रद्द नहीं की गई थी पर टॉपर छात्र-छात्राओं के लिए दोबारा परीक्षा की व्यवस्था की गई थी.

डार्कनेट पर लीक हुआ था प्रश्न पत्रटॉपर विवाद के बाद बिहार पुलिस की जांच में दावा किया गया था कि नीट-यूजी का क्वेश्चन पेपर लीक हुआ था. इसके बाद एहतियात के दौरान पर यूजीसी-नेट होने के एक ही दिन बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. शिक्षा मंत्रालय ने भी पुष्टि की थी कि क्वेश्चन पेपर डार्कनेट पर लीक हुआ था.

दरअसल, साल 2017 में स्थापित की गई नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और फार्मेसी इंस्टीट्यूट्स में प्रवेश और फेलोशिप के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रवेश परीक्षाएं आयोजित कराती है. एनटीए शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के अधीन है. हालांकि, यह एक स्वायत्त एजेंसी है.

इसको लेकर भी एनटीए पर उठे थे सवालएनटीए को साल 2019 में उस वक्त आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, जब JEE Mains के दौरान सर्वर में दिक्कत के कारण अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था. NEET UG को साल 2020 में स्थगित करना पड़ा था. साल 2021 में JEE Mains में गलत सवालों को लेकर खूब हंगामा हुआ था. साथ ही NEET में राजस्थान के भांकरोटा में सॉल्वर गैंग द्वारा गड़बड़ी करने का मामला प्रकाश में आया था. साल 2022 में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) में गड़बड़ी की शिकायतें भी मिली थीं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *