उम्रदराज लोगों के लिए अपने जीवित रहते अपनी प्रॉपर्टी की फाइल बना लेना समझदारी है।

उम्रदराज लोगों के लिए अपने जीवित रहते अपनी प्रॉपर्टी की फाइल बना लेना समझदारी है।

हाई नेट वर्थ वाले व्यक्तियों और सेलिब्रिटीज द्वारा अपनी संपत्ति अपने बच्चों या पोते-पोतियों को उपहार में देने के कई उदाहरण हैं। बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन ने हाल ही में अपनी बेटी श्वेता को अपना मुंबई का जुहू स्थित एक बंगला गिफ्ट किया है। सुनने में आया था कि रणबीर कपूर भी अपने नए बंगले को अपनी बेटी राहा के नाम पर रजिस्टर्ड कराने की योजना बना रहे हैं। यदि ये लोग ऐसा कर रहे हैं, तो आप भी कर सकते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि मौत और टैक्स को छोड़कर इस दुनिया में कुछ भी निश्चित नहीं है। फिर भी, चौंकाने वाली बात यह है कि आज भी हममें से कई लोग दुनिया से जाने के बाद होने वाली कानूनी प्रक्रिया के बारे में बहुत कम जानकारी रखते हैं।

कई बच्चों को अपने बूढ़े माता-पिता के साथ मौत और उनकी विरासत के बारे में चर्चा करना असहज लगता है। लेकिन यह एक अहम बातचीत है। फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि उम्रदराज माता-पिता को यह बातचीत खुद शुरू करनी चाहिए।

यदि आपके एक से ज्यादा बच्चे हैं, तो उन्हें एक साथ इकट्ठा करें और खुद इस पर बातचीत शुरू करें। एक वसीयत होना और भी बेहतर विकल्प है। इससे आपको स्पष्ट होगा कि कई दशकों की कड़ी मेहनत से जुटाई संपत्ति का आगे क्या होगा। साथ ही, आप अपने जीवित रहते हुए यह देख पाएंगे कि इसका प्रबंधन कैसे होगा।

इन्वेस्टमेंट अकाउंट और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों में अक्सर नॉमिनी के नाम बताने की जरूरत होती है। इसके बाद आपात स्थिति में यह राशि नॉमिनी को स्वत: मिल जाएगी। ऐसे में अपने जीवनकाल में जुटाई गई हरेक संपत्ति के लाभार्थियों का उत्तराधिकारी तय करने से आगे जाकर बंटवारे की कानूनी कार्रवाई (प्रोबेट) की प्रक्रिया को सरल बना सकती है। या प्रियजनों को पारिवारिक लड़ाई से दूर रखने में मदद कर सकते हैं।

ऐसे में संपत्ति से संबंधित एक फाइल तैयार करनी चाहिए और इसे सुरक्षित स्थान या लॉकर में रखना चाहिए। ताकि बाद में बच्चों को यूटिलिटी बिल, बैंक अकाउंट, ऑनलाइन न्यूजपेपर, मोबाइल फोन, टीवी सब्सक्रिप्शन से लेकर क्रेडिट और डेबिट कार्ड के पिन तक के सभी प्रकार के पासवर्ड की उलझन सुलझाने में परेशानी नहीं होगी। इसमें वे चाबियां भी शामिल हैं, जिन्हें आपने घर में कहीं छिपा कर रखा हैै।

कुछ लोग इस फाइल को “ट्रेजर मैप’ या खजाने की चाबी भी कहते हैं। एक विस्तृत खजाने का नक्शा बनाने से प्रियजन को यह जानने की मशक्कत नहीं करनी पड़ेंगी, आप उनके लिए कहां क्या छोड़ गए हैं।

मैनेजमेंट tip
उम्रदराज लोगों के लिए अपने जीवित रहते अपनी प्रॉपर्टी, निवेश, जरूरी पासवर्ड जैसी जानकारी की फाइल बना लेना समझदारी है। आपका यह ट्रैजर मैप बाद में परिजन को उलझन और दिक्कत से बचा सकता है।

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