सीएम के स्वागत में गई जान ..मुख्यमंत्री के सामने महिला का हंगामा !

मुख्यमंत्री के सामने महिला का हंगामा, कलेक्टर ने शांत कराया
आरोप- वीआईपी सुरक्षा व्यवस्था के कारण मौत; दिग्विजय बोले- सीएम के स्वागत में गई जान

राजगढ़ जिला अस्पताल में रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान एक बुजुर्ग मरीज की मौत हो गई। इसके बाद परिजन ने जमकर हंगामा कर दिया। उनका आरोप है कि सीएम के कार्यक्रम की सुरक्षा के चलते अस्पताल परिसर में बैरिकेड्स लगाए गए थे। इससे मरीज को समय पर इलाज नहीं मिल सका और उनकी जान चली गई।

इस घटना के बाद कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वीआईपी मूवमेंट के कारण आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सवाल उठाते हुए कहा, “अगर अस्पताल में आम लोगों का इलाज ही नहीं हो पाएगा, तो इस लोकार्पण का क्या फायदा?”

इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. नितिन पटेल ने कहा कि जब बुजुर्ग को अस्पताल लाया गया था, वे मृत अवस्था में थे। राजगढ़ कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा ने ऑफिशियल X अकाउंट पर इस मामले को लेकर पोस्ट किया है।

सीएम की मौजूदगी में महिला ने किया था हंगामा

जानकारी के अनुसार, रविवार दोपहर बुजुर्ग अमिचंद की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और कई जगह बैरिकेड्स लगे थे। परिजन का कहना है कि इन बैरिकेड्स के कारण अस्पताल पहुंचने में देरी हुई और समय पर इलाज न मिलने से बुजुर्ग की मौत हो गई।

बुजुर्ग की मौत के बाद जब उनकी बहू अस्पताल पहुंची और स्टाफ से जानकारी मांगी, तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। इससे नाराज होकर वह मुख्यमंत्री की मौजूदगी में ही हंगामा करने लगी। मामला बढ़ता देख खुद कलेक्टर डॉ. गिरीश मिश्रा महिला को शांत कराने पहुंचे और समझाने की कोशिश की।

हंगामे की तीन तस्वीरें

सीएम जिला अस्पताल में लोकार्पण कार्यक्रम में पहुंचे थे। महिला वहीं मौजूद थी।
सीएम जिला अस्पताल में लोकार्पण कार्यक्रम में पहुंचे थे। महिला वहीं मौजूद थी।
सीएम के सामने महिला ने हंगामा किया। कलेक्टर डॉ. गिरीश मिश्रा उसे शांत कराने पहुंचे।
सीएम के सामने महिला ने हंगामा किया। कलेक्टर डॉ. गिरीश मिश्रा उसे शांत कराने पहुंचे।
महिला का आरोप है कि सीएम की सुरक्षा के चलते मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सका।
महिला का आरोप है कि सीएम की सुरक्षा के चलते मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सका।

डॉक्टरों ने बचाने की कोशिश, लेकिन नहीं मिली सफलता

बाद में अस्पताल स्टाफ ने बताया कि बुजुर्ग को दूसरी मंजिल के वार्ड में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उनकी हालत बिगड़ती चली गई और उन्हें बचाया नहीं जा सका।

एक और वीडियो सामने आया जिसमें डॉक्टर्स बुजुर्ग को CPR देते नजर आ रहे हैं।
एक और वीडियो सामने आया जिसमें डॉक्टर्स बुजुर्ग को CPR देते नजर आ रहे हैं।

बेटे ने कहा- निवेदन कर, हाथ जोड़कर बैरिकेड्स पार किए

मृतक के बेटे दिनेश सोनी ने बताया कि पिता जी का कुछ समय पहले बस पैर में फैक्चर हुआ था। बाकी ठीक थे। रविवार को उनकी थोड़ी तबीयत बिगड़ गई थी, तब हम हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। रास्ते में हमने दो बार पानी भी पिलाया। एक बार बोले भी, तो हम कैसे मान ले कि वो हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही मर गए थे। अगर वो मर गए होते तो हम हॉस्पिटल क्यों ले जाते?

बैरिकेड के वजह से टाइम वेस्ट हुआ। निकलने नहीं दिया जा रहा था। कही निवेदन कर के तो कही हाथ जोड़कर कैसे भी बैरिकेड्स पार किए। बाकी डॉक्टर्स ने तो अपना काम किया, ईमानदारी से चेक किया। अगर टाइम पर पहुंच जाते तो जान बच जाती।

बुजुर्ग के बेटे दिनेश सोनी ने कहा कि समय पर पहुंच जाते तो पिता की जान बच जाती।
बुजुर्ग के बेटे दिनेश सोनी ने कहा कि समय पर पहुंच जाते तो पिता की जान बच जाती।

कांग्रेस अध्यक्ष बोले- “सरकारी-हत्या” का जिम्मेदार कौन?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार से सवाल पूछते हुए X पर लिखा कि यह सरकारी अपराध ही है कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी में अस्पताल में इलाज के इंतजार में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इमरजेंसी में आए बुजुर्ग को CM सिक्योरिटी ने अस्पताल के अंदर आने से रोक दिया। समय पर इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई। इस “सरकारी-हत्या” का जिम्मेदार कौन?

दिग्विजय बोले- घटना की पूरी जांच हो

इधर, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि मुख्यमंत्री जी, आपके द्वारा अस्पताल के लोकार्पण के समय एक बुजुर्ग व्यक्ति का इलाज नहीं हो पाया, जिसकी वजह से उसकी मृत्यु हो गई। क्या यह उचित है? इस पूरी घटना की जांच होनी चाहिए। आपकी सुरक्षा आवश्यक है लेकिन उसी समय किसी मरीज के इलाज होने में प्रशासन को क्या आपत्ति थी?

जिला पंचायत अध्यक्ष बोले- यह दुर्भाग्यपूर्ण

कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष चंदर सिंह सौंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव राजगढ़ आए थे, मैं भी उनके साथ मंच पर मौजूद था। जिला अस्पताल से मेरे पास कॉल आया, बताया गया कि अमिचंद सोनी जो राजगढ़ की हेडगेवार कॉलोनी के रहने वाले हैं, उनकी मृत्यु हो गई। इसका कारण पता चला कि अमिचंद के बेटे दिनेश सोनी उन्हें अस्पताल लेकर जा रहे थे, वे जिला अस्पताल के गेट पर चिल्लाते रहे कि मेरे पिता को घबराहट हो रही है, मुझे अंदर जाने दो लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। उनकी जान चली गई।

बहुत दुर्भाग्य है, एक व्यक्ति के बच्चे जोर-जोर से चिल्ला रहे हैं कि उन्हें इलाज की जरूरत है, लेकिन उन्हें सिर्फ इस वजह से रोक लिया गया कि सीएम साहब के स्वागत में लोग फूल माला लेकर खड़े थे। उनकी अगुवानी के चक्कर में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इंसानियत, मानवता क्या होती है, इनको कोई परवाह नहीं है, इनका एक मात्र उद्देश्य है, लूटो-खसूटों खाओ और हाथ मत आओ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *