जस्टिस वर्मा कैश कांड: पहले सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया वीडियो !
जस्टिस वर्मा कैश कांड: पहले सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया वीडियो, अब दिखे 500-500 के जले नोट
जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर आग लगने के बाद मिले जले हुए नोटों का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब सफाई कर्मचारियों को सफाई के दौरान फिर से जले हुए 500-500 रुपये के नोट मिले हैं. इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक वीडियो जारी किया था. हालांकि जस्टिस वर्मा इन पैसों से साफ तौर पर इंकार कर रहे हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहे जस्टिस वर्मा के घर पिछले दिनों लगी भले ही बुझ गई हो, पर इसकी लपटें आज भी उठ रही हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि आग लगने और बुझने के बाद पहले सुप्रीम कोर्ट ने कथित पैसों से भरे कमरें का वीडियो जारी किया, तो वहीं अब जस्टिस वर्मा के घर के बाहर से जले हुए नोट बरामद हुए हैं.
हालांकि, जस्टिस वर्मा ने अपनी सफाई में कहा है कि कथित नोट से उनका या उनके परिवार का कोई संबंध नहीं है. घटना के वक्त वो मध्यप्रदेश में थे, जिस जगह नोट बरामदगी की बात की जा रही है वो एक स्टोर रूम है. जहां स्टाफ का आना जाना रहता था.
क्या बोले सफाई कमर्चारी?सफाई कर्मचारी इंद्रजीत ने बताया कि हम इस सर्कल में काम करते हैं. सड़कों से कूड़ा इकट्ठा करते हैं. हम 4-5 दिन पहले यहां सफाई कर रहे थे और कूड़ा इकट्ठा कर रहे थे, तभी हमें 500 रुपये के जले हुए नोटों के कुछ छोटे-छोटे टुकड़े मिले. हमें उसी दिन ये मिले थे. अब हमें 1-2 टुकड़े फिर मिले हैं. हमें नहीं पता कि आग कहां लगी थी. हम सिर्फ़ कूड़ा इकट्ठा करते हैं.
क्या है पूरा मामला?दरअसल, जस्टिस वर्मा के 30 तुगलक क्रीसेंट स्थित सरकारी आवास मे 14 मार्च यानी होली के दिन रात करीब साढ़े ग्यारह आग लगी थी. पहली कॉल PCR को की गई जिसके बाद तकरीबन 11 बजकर 43 मिनट पर दमकल की दो गाड़िया मौके पर आईं. उस वक्त घर के बाहर दिल्ली पुलिस और CPWD के कर्मचारी मौजूद थे. दमकल विभाग के मुताबिक आग बुझाने के दौरान वहां से जले हुए नोट मिले थे.
15 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने CJI को कहा की दिल्ली पुलिस के पास एक वीडियो है, जिसमे बोरे में जले हुए नोट मिले हैं. वीडियो देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए एक कमेटी बनाई और सुप्रीम कोर्ट ने पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक की.
जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठितजस्टिस वर्मा मामले में सीजेआई ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है. इस कमेटी में जस्टिस शील नागू, जस्टिस संधावालिया और जस्टिस शिवरमन शामिल हैं. CJI ने संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा को न्यायिक कार्य से दूर रहने के लिए कहा गया है.