पुराने भोपाल से तेजी से हो रहा हिंदुओं का पलायन, 3,000 परिवार घर बेचकर गए

अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मध्यभारत क्षेत्र में सामाजिक अध्ययन कर 103 प्रकार की समस्याओं की पहचान की है। ये समस्याएं हर जिले के हिसाब से अलग-अलग हैं। संघ ने दावा किया है कि भोपाल के पुराने शहर से हिंदुओं का पलायन सबसे गंभीर मुद्दा बनकर उभरा है।
संघ के अनुसार, बीते तीन दशकों में करीब 3,000 हिंदू परिवारों ने अपने मकान बेचे, जिन्हें दूसरे समुदाय के लोगों ने खरीद लिया। संघ का दावा है कि उनके विदिशा विभाग की 56 व्यवसायी शाखाओं के प्रयास से मध्यभारत में यह सामाजिक अध्ययन कराया गया है।
संघ के मध्य भारत प्रांत संघचालक अशोक पांडेय ने मंगलवार को विश्व संवाद केंद्र में मीडिया को बताया कि पलायन चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी बताया कि एक साल में मध्यभारत में संघ की 312 नई शाखाएं खुलीं, जिससे कुल संख्या 3,384 हो गई।
संघ 2 अक्टूबर से 6 योजनाओं पर काम शुरू करेगा, जिनमें हिंदू सम्मेलन, सद्भाव बैठकें और पंच परिवर्तन शामिल हैं। 31 मई को भोपाल और इंदौर में अहिल्याबाई होल्कर जयंती पर बड़े आयोजन होंगे।
दावा– शाहजहानाबाद, मंगलवारा, बुधवारा में घटी आबादी, अनुपात 80:20 से घटकर 30:70 रह गया
- भोपाल के शाहजहानाबाद, मंगलवारा, बुधवारा, कोहेफिजा, सिंधी कॉलोनी, कबाड़खाना, टीलाजमालपुरा, चौकसेनगर और ग्रीन पार्क कॉलोनी में हिंदुओं की संख्या तेजी से घटी है।
- कोहेफिजा में 1990 में हिंदू-मुस्लिम अनुपात 80:20 था, यानी प्रति 100 परिवारों में 80 हिंदू और 20 अन्य समुदायों के थे। हाउसिंग बोर्ड और बीडीए ने इस क्षेत्र में आवासीय प्रोजेक्ट बनाए। आज यह अनुपात 30:70 हो गया है, यानी अब हिंदू 30% और अन्य समुदाय के लोग 70% हो गए हैं।
- 1990 के बाद से 3,000 हिंदू परिवारों ने अपने घर बेचे, जिन्हें दूसरे समुदाय के लोगों ने खरीदा
- सिंधी कॉलोनी, जहां संघ का पुराना कार्यालय था, वहां भी हिंदुओं की संख्या आधी से ज्यादा घट गई है।
- किराए पर रहने वाले हिंदू परिवार भी पुराना भोपाल छोड़कर नई बसाहटों की ओर जा रहे हैं।