साइबर क्राइम विंग की कार्रवाई ..हर ट्रांसफर पर मिलती थी रकम ??
भोपाल साइबर क्राइम पुलिस ने शेयर मार्केट में निवेश में ज्यादा मुनाफा का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह को खाते बेचने वाले 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उन्हें पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र से पकड़ा है। भोपाल में 1.22 करोड़ की ठगी कर चुका ये गिरोह शेयर मार्केट की बड़ी कंपनियों के नाम से लोगों को व्हाट्सएप मैसेज भेजकर अपने झांसे में फंसाता है।
भरोसा बनाने के लिए आरोपी पहली बार के निवेश की गई रकम लौटा भी देते हैं। जैसे ही कोई बड़ी रकम निवेश करता तो आरोपी उसे ब्लॉक कर देते थे। पकड़े गए आरोपी फर्जी नाम-पते से बैंक खाते खुलवाकर धोखेबाज गिरोहों को महंगे दाम में बेचते थे। इनमें दो आरोपी ऐसे भी हैं, जो डीफार्मा और बीएड की पढ़ाई भी कर चुके हैं। हालांकि, पुलिस उन जालसाजों को नहीं पकड़ पाई है, जिन्होंने भोपाल के व्यापारी से 1.22 करोड़ रुपए की ठगी की है।
शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर ठगा था
पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि इस संबंध में भोपाल के एक व्यापारी ने शिकायत की थी। बताया था कि अप्रैल 2024 में अज्ञात व्यक्ति ने व्यापारी का नंबर एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया। उस ग्रुप में शेयर मार्केट में निवेश से जुड़े मैसेज आने लगे। एक महिला ने उन्हें भी मैसेज किए और बताया कि हमारी कंपनी एस्सेल में निवेश करने पर कम समय में ज्यादा मुनाफा होगा। इसके बाद महिला ने उन्हें ACVVL ONLINE नामक एप्लीकेशन की लिंक भेजी और इसे डाउनलोड करने के बाद इस्तेमाल के लिए यूजर नेम व पासवर्ड भी दिया गया।
पैसे जमा करने के लिए व्हाट्सएप पर खाता नंबर दिया जाता था। उनके द्वारा दिए गए बैंक खाते में पैसा जमा करने पर रसीद भी व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजी जाती थी। व्यापारी ने 21 मई से 5 जुलाई के बीच 1,22,50,000 रुपए जमा कर दिए गए। वॉलेट से अपना मुनाफा निकालने के दौरान जालसाजों ने कहा कि मुनाफे का 20% जमा करने के बाद ही आप रकम निकाल सकेंगे।
खाते का किराया 50 हजार जांच के बाद पुलिस ने उन 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिन्होंने फर्जी नाम-पते से बैंक खाते खुलवाए थे। ये आरोपी और भी कई गिरोहों से जुड़े हैं। बैंक खातों में रकम आते ही आरोपी उसे अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते थे। इसके लिए उन्हें प्रति लेन-देन की दर से पैसा भी दिया जाता था।
उन्हें गिरोह को फर्जी बैंक खाता किराए पर देने के लिए प्रति खाता 50 हजार रुपए तक मिलते थे। पकड़े गए आरोपियों में कूच बिहार निवासी मुस्तफा मुशर्रफ हुसैन, निहार आलम,आशीफुल हक और नागपुर निवासी तामस गणेश शेडमाके व पिन्टू सुरेश सिंह बैस शामिल हैं। इनमें मुस्तफा ने डी.फार्मा, आशीफुल ने बीएड की पढ़ाई की है।