बारिश से किसानों पर आफत…:1.40 लाख हेक्टेर में सरसों का बीज खराब 2 लाख हेक्टे. में खड़ी धान को भी नुकसान
ग्वालियर-चंबल अंचल में रविवार-सोमवार को हुई बारिश किसानों पर आफत के रूप में बरसी। अंचल में अगस्त में आई बाढ़ से पहले ही बड़ा नुकसान झेल चुके किसान इस बारिश के बाद और टूट गए हैं। भिंड-मुरैना सहित अंचल में करीब 1.40 लाख हेक्टेयर में सरसों की बोवनी हो चुकी थी। इस बारिश से सरसों का बीज सहित खाद का नुकसान हो गया।
कृषि वैज्ञानिक भी मान रहे हैं कि सरसों का बोया गया बीज अब अंकुरित नहीं होगा। यदि अंकुरण हो गया तो उसमें सरसों का दाना नहीं बनेगा। वहीं डबरा-भितरवार, दतिया सहित पूरे अंचल में करीब 2 लाख हेक्टेयर खेतों में धान की फसल तैयार खड़ी है। तेज हवा के साथ हुई बारिश से यह फसल खेतों में ही पसर गई है। इससे भी फसल को नुकसान होगा। वहीं किसान धान की फसल काट चुके थे जो खेतों में पानी भरने से खराब हो गई।
ग्वालियर: 1.38 लाख हे. में बोवनी, सबसे ज्यादा धान को हानि
उपसंचालक कृषि एमके शर्मा के मुताबिक जिले में 1.38 लाख हेक्टेयर में बोवनी हुई थी। इसमें सबसे ज्यादा रकबा 96 हजार हेक्टेयर धान का है, वह भी डबरा और भितरवार क्षेत्र में। यहां धान की फसल को बारिश से नुकसान पहुंचा है।
सिंघारन के बड़े किसानों में शामिल भूदेव शर्मा किसानों को प्रति बीघा में होने वाले नुकसान का हिसाब लगाते हुए कहते हैं- एक बीघा में लगाई गई धान की फसल के लिए 7 हजार रुपए का खर्च तो निदाई, रोपाई और जुताई पर ही होता है। इसके साथ ही डीएपी और दवा भी लगती है। सरसों का बीज 20 हजार रुपए तो मटर का बीज 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव से आता है। बारिश से इन दोनों की बोवनी का बीज खराब हो रहा है।
किसान बोले – हमारा 70 फीसदी तक हुआ नुकसान
1. श्योपुर के चोपना गांव के किसान सुनील मीणा ने बताया कि 12 बीघा में खड़ी धान की फसल पूरी तरह पसर गई है। इससे 70% नुकसान हुआ है क्योंकि धान हरी थी, जिसमें दाना पकना शेष था। अब दाना कमजोर रह जाएगा। 2. श्योपुर के काचरमूली गांव निवासी देवीराम मीणा का कहना है कि 20 बीघा में खड़ी धान की फसल खेत में पसर गई। फसल पकने में अभी 20-25 दिन का समय था। बारिश से 70-80 फीसदी तक नुकसान हो गया। 3. भिंड के गोहद क्षेत्र के फतेहपुर निवासी किसान अमरजीत सिंह का कहना है कि बारिश और तेज हवा के साथ धान की फसल खेत में ही पसर गई। इससे 60 प्रतिशत से ज्यादा का नुकसान हुआ है। 4. भिंड के पीपरी गांव के रहने वाले ऋषिकेश त्रिपाठी ने बताया कि एक हेक्टेयर में एक सप्ताह पहले ही सरसों की बोवनी की थी। अंकुरण भी हो चुका था। बारिश से खेत लबालब हो गया और पूरा खाद-बीज खराब हो गया। इससे उन्हें करीब 14 हजार रुपए का नुकसान हो गया। अब दोबारा बोवनी करनी पड़ेगी।