विक्रम विश्वविद्यालय में भिड़ गए दो प्रोफेसर, एक का फटा कपड़ा तो दूसरा हुआ लहूलुहान
इस मारपीट में दिव्यांग प्रोफेसर कामरान सुल्तान के मुंह से खून निकलने लगा तो वहीं प्रोफेसर दीनदयाल के कपड़े फट गए.
उज्जैनः अक्सर आपने देखा होगा कि कॉलेज के छात्र आपस में लड़ लेते हैं तो शिक्षक को बीच बचाव करना पड़ता है. लेकिन इस बार उल्टा हुआ है. उच्च शिक्षा मंत्री के गृह नगर में स्थित विक्रम विश्वविद्यालय के एमबीए डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर आपस में भिड़ गए. एक प्रोफेसर ने दूसरे के कपड़े फाड़ दिए तो दूसरे ने चाबी से हमला कर पहले प्रोफेसर के चेहरे से खून निकाल दिया. दोनों प्रोफेसर रजिस्ट्रार और कुलपति ऑफिस के बाहर एक दूसरे से भिड़े थे.
मारपीट का कारण बना एमएलएम कोर्स
विक्रम विश्वविद्यालय के एमबीए डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ कामरान सुल्तान और डॉ दीनदयाल बेदी के बीच विवाद हुआ. दरअसल डॉ कामरान एलएलएम करना चाहते हैं, इसलिए वह अपनी एमबीए की क्लास का समय बदलवाना चाहते थे. इस बात की आपत्ति डॉ बेदी ने उठाई कि अगर दिन में कामरान एलएलएम पढ़ने जाएंगे तो एमबीए डिपार्टमेंट की क्लास प्रभावित होगी. इस पर दोनों चर्चा के लिए रजिस्ट्रार के पास पंहुचे थे. लेकिन बात किसी नतीजे तक पहुंचती उससे पहले दोनों आपस में ही भिड़ गए.
छात्रों ने की नारेबाजी
इस मारपीट में दिव्यांग प्रोफेसर कामरान सुल्तान के मुंह से खून निकलने लगा तो वहीं प्रोफेसर दीनदयाल के कपड़े फट गए. जब दोनों प्रोफेसर कुलपति से पूरे विवाद पर बात कर ही रहे थे, तभी छात्र नेता जितेंद्र परमार अपने समर्थकों के साथ कुलपति दफ्तर में घुस गए. प्रोफेसरों के बीच घटी इस घटना को लेकर छात्र जमकर नारेबाजी करने लगे. उन्होंने कामरान और दीनदयाल पर विश्वविद्यालय को बदनाम करने का आरोप लगाया.
कुलपति ने माफीनामा लिखवाया
इस मुद्दे को लेकर कुलपति के तेवर भी गर्म हो गए. उन्होंने दोनों प्रोफेसरों पर कार्रवाई करने की बात कह दी. कुलपति ने दोनों को अंतिम चेतावनी देते हुए माफीनामा लिखवाया और आगे से इस तरह की घटना से दूर रहने की हिदायत देते हुए सख्त कार्रवाई की बात कही. गौरतलब है कि उज्जैन शहर भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली भी रही है. जहां भगवान श्री कृष्ण सुदामा और बलराम गुरु सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण करते थे. लेकिन आज दो प्रोफेसरों का विवाद इतना बढ़ा कि नौबत मारपीट तक की आ गई.