चक्का जामः इंदौर में किसानों से ज्यादा संख्या पुलिस-पत्रकारों की रही, ग्वालियर में किसान कम कांग्रेसी ज्यादा जुटे

इंदौर में महाराणा प्रताप चौराहा, राऊ पिगडंबर एबी रोड पर 6 फरवरी की दोपहर में किसानों ने हाईवे जाम करने की घोषणा की थी. लेकिन दोपहर 1 बजे तक सिर्फ 15 से 20 किसान यहां पहुंचे और हाईवे पर बैठ गए. लेकिन सड़क पर आवाजाही बाधित नहीं कर सके.

भोपालः दिल्ली बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे 40 किसान यूनियनों ने 6 फरवरी को देश में 3 घंटे के लिए चक्का जाम किया. मध्य प्रदेश में के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर और सागर जिलों में चक्का जाम की औपचारिकता किसानों द्वारा निभाई गई. इंदौर में सिर्फ 15 से 20 किसान चक्का जाम करने पहुंचे थे. इतनी कम संख्या में पहुंचे किसान हाईवे जाम नहीं कर सके और ज्ञापन सौंपकर वापस लौट गए. वहीं उज्जैन में किसानों ने चक्काजाम के दौरान सड़क चूल्हा जलाकर रोटी बनाई और डेढ़ घंटे में ही आंदोलन समाप्त कर दिया.

जबलपुर SDM को ज्ञापन सौंपने की औपचारिकता निभाई
जबलपुर में भी एसडीएम को ज्ञापन सौंपने की औपचारिकता निभाई गई तो ग्वालियर के बड़ा गांव, रायरू और मोहना के पास हाईवे कसानों ने जाम किया. ये हाल तब रहा जब कांग्रेस ने किसानों के चक्का जाम का समर्थन किया था. बड़ागांव हाइवे पर ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार, पूर्व विधायक रामवरन सिंह गुर्जर, कांग्रेस जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, कांग्रेस नेता सुनील शर्मा प्रदर्शन में शामिल हुए.  कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कृषि कानूनों के विरोध में लोगों से अपील की थी कि वे किसानों का चक्का जाम सफल बनाने में सहयोग करें.

इंदौर में चक्का जाम करने सिर्फ 15 से 20 किसान जुटे
इंदौर में महाराणा प्रताप चौराहा, राऊ पिगडंबर एबी रोड पर 6 फरवरी की दोपहर में किसानों ने हाईवे जाम करने की घोषणा की थी. लेकिन दोपहर 1 बजे तक सिर्फ 15 से 20 किसान यहां पहुंचे और हाईवे पर बैठ गए. लेकिन सड़क पर आवाजाही बाधित नहीं कर सके. आलम यह था कि किसानों से ज्यादा संख्या पुलिस वालों और मीडियाकर्मी की थी. इसके बाद इन किसानों ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को कृषि कानूनों को रद्द करने के संबंध में ज्ञापन सौंपा और लौट गए.

उज्जैन में डेढ़ घंटे में चक्का जाम समाप्त हुआ
उज्जैन में डेढ़ घंटे में चक्का जाम समाप्त हो गया. कांग्रेस पार्षद माया राजेश त्रिवेदी ने महंगाई का मुद्दा उठाया और कहा कि गैस सिलेंडर के दाम रोज बढ़ रहे हैं. घर का चूल्हा जलना मुश्किल हो गया है. इसलिए उन्होंने सड़क पर चूल्हा जला कर रोटियां सेंकी. उज्जैन में चक्का जाम के लिए कांग्रेस विधायक रामलाल मालवीय, कांग्रेस जिला अध्यक्ष महेश सोनी, उज्जैन ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष कमल पटेल, बटुक शंकर जोशी इत्यादि नेता मौजूद रहे.

भोपाल में चक्का जाम का असर नहीं रहा, खातेगांव पहुंचे नेता
भोपाल में चक्का जाम बिल्कुल निष्प्रभावी रहा. क्योंकि यहां कोई किसान नेता या कांग्रेसी नेता चक्का जाम के लिए सड़क पर नहीं उतरा. शहर से खातेगांव में महापंचायत में नेता और किसान जुटे. सागर में भी चक्का जाम का असर नहीं रहा. यहां एक किसान परिवार में गमी होने से इसे स्थगित कर दिया गया. कांग्रेस ने सिर्फ 10 मिनट का विरोध प्रदर्शन किया.

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