‘हेलो! दिल्ली पुलिस आपकी सेवा में नहीं है’…सुरक्षा पर उठे सवाल ?

‘हेलो! दिल्ली पुलिस आपकी सेवा में नहीं है’, यमुनापार के थानों के लैंडलाइन पर नहीं बजती घंटी; सुरक्षा पर उठे सवाल

यमुनापार के थानों के लैंडलाइन पर घंटी नहीं बजती है। बताया जा रहा है कि सभी नंबर बंद है। सभी अधिकारियों के सरकारी नंबर व थानों के लैंडलाइन नंबर है। यह नंबर जगह-जगह बने पुलिस बूथों के बाहर भी लिखे होते हैं। आम लोग इन नंबरों का उपयोग कर पा रहे हैं या नहीं। या सिर्फ पुलिस खानापूर्ति कर रही है।

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हेलो! दिल्ली पुलिस आपकी सेवा में नहीं है, यमुना पार के थाने को नहीं बजती घंटी।
  1. दिल्ली पुलिस के ऐप पर दिए गए थानों के लैंडलाइन नंबर बंद पड़े
  2. ड्यूटी अफसर के पास होता है लैंडलाइन फोन
पूर्वी दिल्ली। हेलो.. दिल्ली पुलिस आपकी सेवा नहीं है। यमुनापार के थानों के लैंडलाइन पर घंटी नहीं बजती है, कॉल करने वालों को यही सुनाई देता है जिस नंबर से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, वह सेवा में नहीं है। यह हाल उस पुलिस का है जो देश की तेज तर्रार होने का दावा करती है।
एक आम व्यक्ति को अगर अपने क्षेत्र के बीट अफसर या फिर जांच अधिकारी का नंबर चाहिए होता है तो उसे थाने ही जाना पड़ता है। यमुनापार में 39 थाने हैं। सभी थानों में लैंडलाइन का एक ही जैसा हाल है, उन नंबरों की जगह कोई वैकल्पिक नंबर भी पुलिस के पास नहीं है।
लैंडलाइन नंबर थाने के ड्यूटी अफसर के पास होता है
लैंडलाइन नंबर थाने के ड्यूटी अफसर के पास होता है। अगर कोई वारदात होती है तो ड्यूटी अफसर को ही पता होता है कितना स्टाफ व किस जांच अधिकारी को मौके पर भेजा गया है। पुलिस का “तत्पर” नाम से एक एप है। इस एप पर आम लोगों के लिए कई तरह की सुविधाएं हैं। इसमें पुलिस की डिजिटल फोन बुक भी है।
नंबर जगह-जगह बने पुलिस बूथों के बाहर भी लिखे होते
सभी अधिकारियों के सरकारी नंबर व थानों के लैंडलाइन नंबर है। यह नंबर जगह-जगह बने पुलिस बूथों के बाहर भी लिखे होते हैं। आम लोग इन नंबरों का उपयोग कर पा रहे हैं या नहीं। या सिर्फ पुलिस खानापूर्ति कर रही है। यह जांचने के लिए जागरण संवाददाता ने पुलिस के ऐप से लैंडलाइन नंबर निकाले और सभी थानों में दो दिनों तक अलग-अलग समय पर कॉल की।
खराब पड़े लैंडलाइन नंबर पर कोई ध्यान ही नहीं दे रही
अधिकतर नंबर सेवा में नहीं थे। कुछ पर सुनने को मिला कि नंबर दोबारा से जांच करें। एक तरफ पुलिस लोगों की समस्या के समाधान के लिए हर शनिवार को जनसुनवाई कर रही है। लेकिन अपने खराब पड़े लैंडलाइन नंबर पर कोई ध्यान ही नहीं दे रही है। सवाल यह है कि जब लैंडलाइन नंबर खराब पड़े हैं तो पुलिस उसकी जगह कोई वैकल्पिक नंबर की व्यवस्था क्यों नहीं कर पा रही है।
लैंडलाइन नंबर से परेशान हैं थानाध्यक्ष
एप पर थानों के लैंडलाइन नंबर के साथ ही थानाध्यक्षों की सरकारी नंबर है। लैंडलाइन नंबर बंद होने से लोग छोटे से छोटे काम के लिए भी थानाध्यक्ष को फोन करते हैं। कई थानाध्यक्षों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनका फोन नंबर सरकारी है, इसलिए वह बंद नहीं कर सकते हैं।
एक दिन में सौ से अधिक काल आती हैं। अधिकतर काल जांच अधिकारी, बीट अफसर का नंबर लेने के लिए आती है। क्षेत्र की शिकायतों के लिए भी थानाध्यक्षों का कॉल की जाती है। लैंडलाइन नंबर बंद होने से ड्यूटी अफसर पर फोन सुनने का दबाव ही नहीं रहता।

हो सकता है कि किसी तरह की खराबी के कारण लैंडलाइन नंबर बंद आ रहा हो। जहां समस्या होगी वहां ठीक करवाई जाएगी। – मनसवी जैन, अतिरिक्त जिला पुलिस उपायुक्त, उत्तर पूर्वी जिला

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