UP शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा: 15 जुलाई तक Data सत्यापन न हुआ तो BSA पर गिरेगी गाज

यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद में हुए फर्जीवाड़े की रिपोर्ट्स सामने आने के बाद शिक्षा विभाग चौकन्ना हो गया है. विभाग से जुड़े सभी कर्मचारियों का डेटा सत्यापन कराया जा रहा है. इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से चेतावनी ये भी दी गई है कि तय अवधि यानि 15 जुलाई स्कूलों और दफ्तरों में काम कर रहे सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का डेटा सत्यापन न होने की स्थिति में एक्शन जिले के BSA पर लिया जाएगा.

15 जुलाई तक होगा डेटा सत्यापन 
अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने वर्ष 2019 में ही डेटा सत्यापन के लिए कहा था, जो 30 जून तक पूरा होना था. फिलहाल इसकी तारीख बढ़ाकर 15 जुलाई तक कर दी गई है. हालात ये हैं कि अब वक्त बेहद कम है, फिर भी विभाग में सिर्फ 50 फीसदी शिक्षकों का ही डेटा सत्यापन हो सका है. इसी बीच शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े को लेकर आ रहे हर रोज के नए मामलों को देखते हुए बेसिक शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि डेटा सत्यापन पूरा न होने की स्थिति में जिम्मेदारी बीएसए की होगी और गाज भी उन्हीं पर गिरेगी.

 जिलों में कितना डेटा सत्यापन

डेटा सत्यापन को लेकर सरकार जितनी गंभीर है, निचले स्तर पर उतनी गंभीरता नजर नहीं आ रही है. अब तक जहां भी डेटा सत्यापन हुए हैं, उनका प्रतिशत बेहद कम है. सबसे कम संतकबीरनगर में 22 प्रतिशत ही डेटा सत्यापित हुए हैं. बस्ती में 23 प्रतिशत, आगरा 24 प्रतिशत, कानपुर देहात 24 प्रतिशत, देवरिया 26 प्रतिशत, कुशीनगर 28 प्रतिशत, सिद्धार्थनगर 28 प्रतिशत, प्रतापगढ़ 31 प्रतिशत, संभल में 33 प्रतिशत, अंबेडकर नगर में 35 प्रतिशत और आज़मगढ़ में 36 प्रतिशत डेटा सत्यापित हो सके हैं.

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