Pulwama Attack Case: DNA और फोरेंसिक टेस्ट की ली गई मदद, पढ़ें, NIA ने कैसे तैयार की चार्जशीट

जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Attack) की जांच शुरू की, जिसमें पिछले साल CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे, तो उसके हाथ अपराधियों के खिलाफ ठोस सबूत ने होने के चलते खाली थे.

DNA प्रोफाइलिंग सहित फोरेंसिक टेस्ट की ली मदद

NIA ने इस मामले में कई चुनौतियों का सामना किया, जैसे कि सात आरोपियों के मुठभेड़ और आत्मघाती हमले में मारे जाने से कई सबूत नहीं मिले, लेकिन केंद्रीय एजेंसी ने सबूत जुटाने के लिए DNA प्रोफाइलिंग सहित फोरेंसिक टेस्ट की मदद ली.

हमारे लिए यह एक अंधा मामला था”

PTI न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मामले की जांच में करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह हमारे लिए एक अंधा मामला था. बहुत सारे अनुमान थे, लेकिन अदालत में संदेह से परे सब कुछ स्थापित करने की जरूरत होती है.”

ब्लास्ट की गई कार की जानकारी जुटाना ही पहली चुनौती

मंगलवार को जम्मू की एक विशेष अदालत में NIA की तरफ से दायर चार्जशीट के अनुसार, आत्मघाती हमलावर, आदिल अहमद डार द्वारा इस्तेमाल की गई कार की जानकारी जुटाना ही पहली चुनौती थी. इस कार में 200 किलो RDX, कैल्शियम-अमोनियम नाइट्रेट, जिलेटिन स्टिक्स और एल्यूमीनियम पाउडर के कॉकटेल के अलावा कुछ नहीं था.

गाड़ी के टुकड़ों को जोड़ कर निकाला गया मालिक का पता

चार्जशीट के अनुसार, फोरेंसिक तरीकों और सघन जांच की मदद से, ब्लास्ट की गई गाड़ी के टुकड़ों से कार का सीरियल नंबर निकाला गया और कुछ ही समय गाड़ी के पहले से लेकर आखिरी मालिक तक का पता लगाया गया.

एनकाउंटर में मारा गया कार का मालिक सज्जाद भट

हालांकि, कार का आखिरी मालिक, अनंतनाग जिले के बिजबेहरा का सज्जाद भट (चार्जशीट में आरोपी) 14 फरवरी, 2019 के हमले से कुछ घंटे पहले ही गायब हो गए था और जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गए थे. बाद में उसे पिछले साल जून में एक मुठभेड़ में मार दिया गया था.

“साबित करनी थी आदिल अहमद डार की पहचान”

पहचान ने बताने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया, “यह तो साफ था कि आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार था, लेकिन इस बात को सबूतों के साथ साबित किया जाना था. इसके लिए अलग-अलग स्थानों से मानव अवशेष लेने के बाद, उन्हें DNA प्रोफाइलिंग के लिए भेजा गया था.”

पिता के DNA से हुई आदिल की पहचान

उन्होंने आगे बताया कि आत्मघाती हमलावर की पहचान ब्लास्ट की गई कार और उसके पिता के DNA के साथ मैच कर के की गई. इसके अलावा एनआईए की तरफ से मामले में वांटेड सात आरोपी 2019 में अलग-अलग एनकाउंट में मारे गए थे.

मसूद अजहर का भतीजा था मुख्य साजिशकर्ता 

NIA की चार्जशीट में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के भतीजे मोहम्मद उमर फारूक को इस आत्मघाती हमले का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है. अधिकारियों के अनुसार, फारूक ने अप्रैल 2018 में भारत में घुसपैठ की थी और बाद में पिछले साल दक्षिण कश्मीर में एक मुठभेड़ में मारा गया था.

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