MP: सड़े चावल के बाद सड़ा गेहूं बांटने की तैयारी! पीडीएस दुकानों पर सप्लाई के लिए अफसरों का दवाब
मध्य प्रदेश में घटिया चावल देने का मामला अभी थमा नहीं कि शाजापुर जिले में 2 साल से रखा सड़ा हुआ गेहूं पीडीएस की दुकानों में वितरण के लिए भेजा जा रहा है. वेयरहाउस में रखा गेहूं बारिश के पानी में भीगकर सड़ चुका है और अब ये जानवरों के खाने लायक भी नहीं बचा है. सरकारी सिस्टम की बानगी ये है कि गेहूं को गरीबों की थाली का निवाला बनाने की साज़िश हो रही है. मामला जानकारी में आने के बाद अधिकारी अब कह रहे हैं कि खराब गेहूं ट्रांसपोर्ट नहीं किया जा सकता.
बड़ा सवाल ये है कि सड़ा गेहूं-चावल गरीबों के लिए आखिर भेजा ही क्यों जा रहा है. क्या सरकारी सिस्टम की लापरवाही छुपाने का ये तरीका है या फिर किसी बड़े भ्रष्टाचार की आहट है मध्य प्रदेश में. आरोप है कि जब ट्रांसपोर्टर ने इस सड़े गेहूं को ले जाने से मना किया तो अधिकारियों ने उस पर दबाव बनाया और अब वह मजबूरी में सड़ा गेहूं पीडीएस की दुकानों तक परिवहन कर रहा है.
शाजापुर जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर ग्राम भदौनी में स्थित चौधरी वेयरहाउस पर 2 साल पुराना 10 हजार क्विंटल गेहूं रखा हुआ है. ये गेहूं इंसान तो क्या जानवरों के खाने लायक भी नहीं रह गया है. कहीं इसमें कचरा मिक्स है तो कहीं फंगस लगी हुई है. गेहूं वेयरहाउस में रखे-रखे खराब हो गया है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अपनी गलती को छुपाने के लिए इस गेहूं को पीडीएस की 115 दुकानों पर वितरण करने के लिए भेज रहे हैं.
ट्रांसपोर्टर के मना करने के बाद अधिकारियों ने बनाया दबाव
गेहूं को पीडीएस दुकानों तक परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टर ने भी इसे ले जाने से मना कर दिया क्योंकि ट्रांसपोर्टर को राशन देखकर ले जाना होता है. ट्रांसपोर्टर के मना करने के बाद अधिकारियों ने दबाव बनाया कि उसे गेहूं ले जाना होगा, मजबूरी में आकर ट्रांसपोर्टर ने मीडिया को बुलाकर जानकारी दे दी कि अधिकारी खराब गेहूं भरवा रहे हैं उसकी कोई गलती नहीं है.
अधिकारियों के निर्देश के आगे बेबस ट्रांसपोर्टर ने उस सड़े गेहूं का परिवहन शुरू करवा दिया. ट्रांसपोर्टर शानू खान का कहना है यह गेहूं पूरी तरह से खराब है इसमें कीड़े भी लगे हुए हैं उसके बाद भी इसे जबरन वितरण के लिए भेजा जा रहा है. मेरे द्वारा अधिकारियों को अवगत भी करा दिया लेकिन वह मानने के लिए तैयार नहीं हैं.
लापरवाही की इंतहा
गौरतलब है कि शाजापुर जिले में पीडीएस की 348 दुकाने हैं, जिनके माध्यम से 16149 परिवारों को राशन दिया जाता है. सस्ते अनाज के नाम पर गरीब परिवारों को मध्य प्रदेश में कैसा भोजन दिया जा रहा है, इसकी तस्वीर सभी के सामने है. पहले मंडला औऱ बालाघाट में जानवरों के खाने योग्य चावल पकड़ा गया और अब अधिकारियों की मनमानी के चलते सड़ा हुआ गेहूं वितरण करने की तैयारी की जा रही है.
लापरवाही की इंतहा ये है कि अब तक उचित मूल्य की दुकानों पर अच्छे गेहूं के साथ हजारों क्विंटल सड़ा हुआ गेहूं भी पहुंचाया जा चुका है.
पीडीएस के तहत नियम है कि नागरिक आपूर्ति निगम एवं खाद्य विभाग के अधिकारी पीडीएस की दुकानों पर माल भेजने से पहले उसकी गुणवत्ता को देखें, साथ ही माल का परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टर की भी जिम्मेदारी है खराब माल होने पर वह उसका परिवहन ना करें.
क्या सस्ते के नाम पर सड़ा हुआ गेहूं-चावल दिया जाएगा?
असिस्टेंट फूड ऑफिसर महेंद्र भरकतिया का कहना है कि अगर गेहूं खराब गुणवत्ता का है तो उसका परिवहन नहीं किया जा सकता. प्रदेश में सरकार दावा कर रही है कि गरीबों को 1 रुपये किलो गेहूं, चावल मिल रहा है. लेकिन उसकी गुणवत्ता किस तरह की हो इसे लेकर कई बार लापरवाही बरती जा रही है. सवाल ये है कि अगर गरीब को सस्ते में राशन उपलब्ध कराने का वादा किया जा रहा है तो क्या सस्ते के नाम पर उसे सड़ा हुआ गेहूं चावल दिया जाएगा. ज़िम्मेदारों के जवाब का इंतज़ार है.
‘सरकार किसी को बक्शने वाली नहीं’
मध्य प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा, ”आजकल सरकार की संजीदगी से ट्रांसपोर्टर भी चौकन्ने है. वो जानते हैं कि शिवराज सिंह के शासन में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ये बात सही है कि कई बार असमय बारिश से नुकसान हुआ लेकिन गेहूं का वितरण कैसे होगा, इस पर अधिकारियों को गंभीरता रखनी चाहिए क्योंकि लापरवाही बरतने पर सरकार किसी को बक्शने वाली नहीं है.”
‘घोटालेबाजों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा’
एमपी कांग्रेस के मीडिया कॉर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने कहा, ”जबसे शिवराज सिंह चौहान की सरकार आई है, मिलावटखोरी और घोटाले लगातार सामने आ रहे हैं. इन सभी घोटालेबाजों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है. कमलनाथ सरकार ने माफिया के खिलाफ कार्रवाई की थी. इसके विपरीत शिवराज सरकार कार्रवाई तो दूर इन्हें बढ़ावा दे रही है. घटिया चावल के मामले में कमलनाथ जी ने सीबीआई जांच की मांग की है. सीबीआई की जांच होगी तो पीडीएस को लेकर जो जो घोटाले हुए हैं सभी का खुलासा हो जाएगा.”
गौरतलब है कि हाल ही में मंडला और बालाघाट में सड़े हुए चावल बांटने की केंद्र की एक रिपोर्ट आने के बाद ईओडब्ल्यू केस की जांच कर रही है.