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स्कूल बस-वैन की ट्रैकिंग के लिए एप बना रहा परिवहन विभाग, फिर ट्रक आएंगे दायरे में
आपका छोटा बच्चा भी अगर स्कूल वैन से आता-जाता है तो अभिभावकों को उसकी सुरक्षा की चिंता सताती रहती है। बच्चा स्कूल पहुंचा या नहीं, या स्कूल से कब तक लौटेगा, इसकी मॉनिटरिंग या ट्रैकिंग का कोई साध नहीं है। अब मध्य प्रदेश परिवहन विभाग इस चिंता को दूर करने के लिए मध्य प्रदेश परिवहन विभाग एक एप बनाने जा रहा है। ससे प्रदेशभर के 4 लाख से ज्यादा और भोपाल के 90 हजार बच्चों की स्कूल बस व वैन की ऑनलाइन ट्रैकिंग हो सकेगी।
परिवहन विभाग, नेशनल इंफोर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) के वाहन-4 के माध्यम से ऑनलाइन ट्रैकिंग मोबाइल एप बनवा रहा है। इसका ट्रायल अक्टूबर के अंत में होगा। इस एप के जरिए स्कूल-कॉलेज के प्रिंसिपल, अभिभावक और ट्रांसपोर्ट मैनेजर बच्चों को लेकर आने और छोड़ने के दौरान बस, वैन को ट्रैक कर सकेंगे। पहले चरण में स्कूल-कॉलेज प्रिंसिपल को इस मोबाइल एप का उपयोग करने के राइट दिए जाएंगे। इसके बाद संबंधित स्कूल-कॉलेज के ट्रांसपोर्ट मैनेजर और अभिभावकों को एप के राइट मिलेंगे।
अभी स्कूल-कॉलेज बसों, अधिकृत स्कूल वैन की निगरानी करने का कोई सरकारी साधन नहीं है। कुछ स्कूलों ने अपने एप बना रखे हैं, पर देशभर में बच्चों के साथ हुई घटनाओं को देखते हुए केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों में मोबाइल एप से स्कूल-कॉलेज बस व वैन की निगरानी निर्णय लिया है। मॉनिटरिंग के लिए परिवहन विभाग के स्टेट कंट्रोल एंड कमांड रूम्स का उपयोग हर राज्य में होगा।
2 लाख लोगों से फीडबैक के बाद लिया निर्णय
इस व्यवस्था को शुरू करने के पीछे केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को विभिन्न राज्यों से मिला फीडबैक है। फीडबैक में राज्यों में मौजूद करीब दो लाख से ज्यादा लोगों ने इस ओर चिंता जताई थी।
विदिशा-नर्मदापुरम के बाद भोपाल में शुरू होगी
प्रदेश में विदिशा या नर्मदापुरम में सबसे पहले ऑनलाइन मॉनिटरिंग शुरू की जाएगी। रिजल्ट अच्छे मिलने पर भोपाल या ग्वालियर में इस व्यवस्था को कायम किया जाएगा। उसके बाद पूरे प्रदेश में व्यवस्था लागू होगी। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर एसके झा के अनुसार, बस-वैन के बाद अलग-अलग चरणों में स्कूल-कॉलेज बस के अलावा देशभर में नेशनल परमिट पर चल रहे ट्रकों और बसों की भी ऑनलाइन मॉनिटरिंग शुरू की जाएगी।
नेशनल पर्मिट वाली बसों में व्यवस्था की तैयारी
अगले चरण में प्रदेश के करीब 50 हजार ट्रकों की ऑनलाइन ट्रैकिंग होगी। इसमें सफलता मिलने पर करीब 35 हजार नेशनल परमिट बसों को इस व्यवस्था से जोड़ दिया जाएगा। तैयारी की जा रही है।