दिग्विजय सिंह की चेतावनी …. रतलाम में बोले- 2023 का चुनाव आखिरी, ईमानदारी से नहीं लड़े तो कांग्रेस वापस नहीं आने वाली, वर्कर भी नहीं मिलेगा

राज्यसभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को फटकार लगाते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘आखिरी चुनाव है 2023 का मैं बता देता हूं आपको, अगर आप ईमानदारी से चुनाव नहीं लड़े तो घर बैठिए आप सब, फिर कांग्रेस वापस नहीं आने वाली, वर्कर नहीं मिलेगा आपको काम करने वाला’।

दिग्विजय सिंह शनिवार सुबह रतलाम सर्किट हाउस में थे। उनसे मिलने पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ता अलग-अलग गुट बनाकर खड़े थे। इस पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को फटकार लगा दी। उन्होंने कार्यकर्ताओं को चेताते हुए कहा- सभी अलग-अलग खड़े हैं। इससे काम नहीं चलेगा। हर ग्रुप अलग मिलेगा, मेरा सिर खपाना भी बेकार है। कमलनाथ भी कुछ नहीं कर पाएंगे। आप लोग आमने-सामने बात करने को तैयार नहीं हैं। दिग्विजय सिंह ने इस चर्चा का VIDEO बना रहे कार्यकर्ताओं को भी डांटा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिग्विजय सिंह ने फसल बीमा योजना पर सवाल खड़े करते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर निजी बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप भी लगाया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिग्विजय सिंह ने फसल बीमा योजना पर सवाल खड़े करते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर निजी बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप भी लगाया।

भगवान राम को बेच रही BJP और RSS
कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद दिग्विजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में BJP और RSS पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा, संघ, विहिप और बजरंग दल भगवान राम को बेच रहे हैं। धर्म का उपयोग राजनीतिक हथियार के रूप में नहीं होना चाहिए। कांग्रेस कभी धर्म के आधार पर वोट नहीं मांगती।

हिजाब, घूंघट परंपरा अपनी-अपनी

हिजाब वाले मुद्दे पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि हर धर्म की परंपरा और अपनी मान्यताएं होती हैं। कोई घूंघट निकालता है, कोई सिर ढंकता है। पर्दा करता है। हिजाब और बुर्का दोनों अलग-अलग हैं। जब भी हम सरकार से हिसाब-किताब की बात करते हैं, तो वह हिजाब की बात करते हैं। यह ठीक नहीं है। सांप्रदायिक सद्भावना जरूरी है।

उमा शराबबंदी की बात करती हैं, प्रज्ञा इसे आयुर्वेदिक दवा बताती हैं…
मध्यप्रदेश में शराबबंदी के मामले पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा में उमा भारती शराबबंदी की बात करती हैं। साध्वी प्रज्ञा इसे आयुर्वेदिक दवा बताती हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शराबबंदी पर कुछ और बोलते हैं। शराबबंदी को लेकर भाजपा में ही विरोधाभास है।

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