‘सत्य की जीत, इतिहास का काला दिन…’, बाबरी पर फैसले से यूं बंटे राजनीतिक दल

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले (Babri Masjid Case Verdict) पर सीबीआई की स्पेशल कोर्ट का कल यानी बुधवार को फैसला आया. इसमें सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया, जिसमें लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती जैसे तमाम लोग शामिल थे. बाबरी पर स्पेशल कोर्ट के इस फैसले ने राजनीतिक जगत में भी हलचल पैदा की. किसी के लिए यह सत्य की जीत है तो किसी के लिए कल का दिन इतिहास में काले दिन के तौर पर याद रखा जाएगा.

बता दें कि बुघवार को लखनऊ में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 28 साल पुराने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले (Babri Masjid Case Verdict) पर फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि उन्हें इन 32 लोगों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं. यह भी कहा गया कि बाबरी गिराने के पीछे पहले से कोई साजिश नहीं थी, सब अराजक तत्वों ने अचानक किया.

बीजेपी के नेताओं ने बताया सत्य की जीत

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर फैसला आते ही इसपर राजनेताओं की प्रतिक्रिया आने लगीं. भारतीय जनता पार्टी (BJP on Babri Masjid Case Verdict) के ज्यादातर नेताओं जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ भी शामिल थे उन्होंने इसे सत्य की जीत बताया. फैसले पर लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत बाकी सभी 32 आरोपमुक्त लोगों ने इसपर खुशी जाहिर की.

विपक्ष ने बताया काला दिन

कांग्रेस, सीपीआई (एम), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) समेत बाकी विपक्षी पार्टियों (Congress on Babri Masjid Case Verdict) ने बाबरी मस्जिद फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी. कांग्रेस और सीपीआई (एम) की तरफ से कहा गया कि केंद्र और यूपी सरकार को सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करनी चाहिए. कहा गया कि स्पेशल कोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बिल्कुल उलट है. कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि बाबरी का गिरना नियमों का साफ उल्लंघन था.

वहीं फैसले पर आपत्ति जताते हुए असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi on Babri Masjid Case Verdict) ने कहा कि यह भारतीय कोर्ट के लिए काला दिन है. साथ ही पूछा कि अगर मस्जिद गिराने में किसी का रोल नहीं था तो क्या वह जादू से गिर गई थी.

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