मथुरा: दिल्ली से हाथरस जा रहे 4 संदिग्ध को पुलिस ने हिरासत में लिया, दंगों की साजिश का शक
यूपी में दंगे भड़काने की साजिश के खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्कता बरत रही हैं. सभी ज़िलों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. 5 अक्टूबर को सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध दिल्ली से हाथरस की तरफ जा रहे थे. टोल प्लाजा मांट पर संदिग्ध वाहनों की चेकिंग के दौरान एक गाड़ी में सवार चार संदिग्धों से पूछताछ की गई.
संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. जिसके बाद इनकी पहचान अतीक उर रहमान पुत्र रौनक अली निवासी नगला थाना, मुजफ्फरनगर, सिद्दकी पुत्र मोहम्मद चैरूर, बेंगारा थाना मल्लपुरम, मसूद अहमद, जरवल थाना, बहराइज और आलम पुत्र लाइक पहलवान थाना घेर फतेहखान ज़िला बहराइच के रूप में हुई.
इनके पास से संदिग्ध साहित्य बरामद
इनके कब्जे से मोबाइल, लैपटॉप और संदिग्ध साहित्य (शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला) प्राप्त हुआ. पुलिस के पूछताछ किए जाने पर इनका संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहसंगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से मिला है. स्थानीय थाना मांट जनपद मथुरा ने चारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इन्हें हिरासत में ले लिया. आगे की पूछताछ के बाद अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले दंगे की वेबसाइट का हुआ था खुलासा
आपको बता दें कि यूपी में जातीय दंगे करा कर पीएम मोदी (PM Modi) और योगी की छवि बदनाम करने के लिये ‘दंगे की वेबसाइट’ बनाई गयी थी. दंगे के लिए बनाई गई वेबसाइट का कनेक्शन संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल से निकलने की बात सामने आई है. कई इस्लामिक देशों से इसके लिए जमकर फंडिंग की. जांच एजेंसियों को वेबसाइट की डिटेल्स और पुख्ता जानकारी मिली है. अमेरिका में हुए दंगों की तर्ज पर ही यूपी की घटना को लेकर देश भर में जातीय दंगे कराने की तैयारी थी. बहुसंख्यक समाज में फूट डालने के लिए मुस्लिम देशों और इस्लामिक कट्टरपंथी संगठनों ने पैसा दिया था.
जस्टिस फॉर हाथरस नाम से रातों रात वेबसाइट तैयारी की गई. वेबसाइट में फ़र्ज़ी आईडी से हज़ारों लोगों को जोड़ा गया. विरोध प्रदर्शन की आड़ लेकर दंगों के लिए फंडिंग की जा रही थी. फंडिंग से अफवाहें फैलाने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया के दुरुपयोग के भी अहम सुराग मिले हैं.
इन संगठनों की अहम भूमिका
सीएए उपद्रव के दौरान हिंसा में शामिल रहे पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों ने बेवसाइट तैयार कराने में अहम भूमिका निभाई. वेबसाइट पर हाथरस मामले को लेकर भ्रामक, भड़काऊ और तमाम आपत्तिजनक जानकारियां दी गईं. रात में सुरक्षा एजेंसियों के सक्रिय होते ही वेबसाइट को बंद कर दिया गया. एंजेंसियों के पास वेबसाइट का सारा कंटेंट मौजूद है.
पुलिस ने की सख्त कार्रवाई, दंगाइयों के खिलाफ केस
उत्तर प्रदेश (UP) में जातीय दंगा (Communal Riots) कराने की साजिश के मामले में अंतरराष्ट्रीय साजिश के खुलासे के बाद यूपी पुलिस (UP Police) ने सख्त एक्शन लेते हुए दंगाइयों के खिलाफ 20 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. हाथरस पुलिस ने देशद्रोह, साज़िश, अपराध के लिए उकसाना, धर्म के आधार पर भेदभाव करना, नकली इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को बनाना ,राज्य के खिलाफ सार्वजनिक साजिश, मानहानि समेत धाराओं में केस दर्ज (Case File) किया है.