फेसबुक विवाद के बाद क्या TRP पर केंद्र को घेरने की तैयारी में कांग्रेस? जांच कर सकता है संसदीय IT पैनल

कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली आईटी मामलों की संसदीय समिति टीआरपी मामले को जांच कर सकती है. कांग्रेस सांसद और समिति के सदस्य कार्ति चिदंबरम ने एक पत्र लिखकर टीआरपी मामले की जांच शुरू करने के लिए शशि थरूर को पत्र लिखा है. पत्र के ज़रिए सूचना प्रसारण मंत्रालय से भी मामले में सवाल-जवाब करने की सलाह दी गई है.

बताया जा रहा है कि समिति इस मामले को गंभीरता से ले रही है. कार्ति ने अपने पत्र में कहा कि फर्जी आंकड़ों के ज़रिए जनता के पैसे की बर्बादी हो रही है. सरकार का विज्ञापनों का खर्च टीआरपी पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक व्यय फर्जी आंकड़ों पर आधारित नहीं होना चाहिए. इस स्थिति को समझने की जरूरत है.

 15 अक्टूबर को अगली बैठक

यह महत्वपूर्ण है कि सूचना प्रौद्योगिकी पर स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए. इसलिएआपसे अनुरोध करता हूं कि मौजूदा स्थिति पर आवश्यक स्पष्टीकरण लेने के लिए जिम्मेदार मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के संबंधित अधिकारियों को समिति के सामने पेश होने को कहा जाए. समिति की अगली बैठक 15 अक्टूबर को है, अगली बैठक के एजेंडे में “न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और प्रसार भारती के प्रतिनिधि ‘विषय पर’ मीडिया कवरेज में नैतिक मानक ‘ पर सुनवाई है.

कहीं मुद्दा तो नहीं तलाश रही कांग्रेस

कार्ति के पत्र के बाद कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री ने भी उनका समर्थन करते हुए कहा है कि संसद को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. ऐसे में ये साफ होने लगा है कि कांग्रेस इस मामले को लेकर सरकार पर हमला करने का मन बना चुकी है. हो सकता है फेसबुक विवाद को लेकर जिस तरह से आईटी पैनल ने मामले पर सरकार पर हलावर होने की कोशिश की थी, कुछ वैसा ही आने वाले वक्त में देखने को मिले.

क्या है पूरा मामला

दरअसल फर्जी TRP को लेकर मुंबई पुलिस ने खुलासा किया था. मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने गुरुवार को इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा था कि पैसा देकर फॉल्स TRP सर्वे कराया जाता था. इस मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने तीन चैनलों के नाम लिए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पैसे देकर टीआरपी ख़रीदी जाती थी.

मुंबई पुलिस कमिश्नर का कहना है कि BARC एजेंसी TRP को मेजर करने का काम करती है. BARC ने ये काम एक हंसा नाम की एजेंसी को दिया गया है. फेक TRP के लिए ये बैरो मीटर लगाते हैं. करीब 2000 हज़ार बैरो मीटर मुंबई में लगाए गए हैं. ये बैरो मीटर कहा लगाया गया है ये बहुत कांफीडेंशिएल होता है. कुछ पुराने कर्मचारियों द्वारा ये डिटेल्स चैनल्स से शेयर की जाती है.

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