एमपी उपचुनाव: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने गढ़ में किया सचिन पायलट का स्वागत

भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को अपने पूर्व सहयोगी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सचिन पायलट से मिले और ग्वालियर में उनका स्वागत किया. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि वह ग्वालियर में अपने पूर्व सहयोगी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सचिन पायलट से मिले.

सिंधिया ने कहा 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव  के लिए राज्य में उनका स्वागत है.सिंधिया ने बताया कि राज्य के ग्वालियर, शिवपुरी, भिंड और मुरैना जिलों में कांग्रेस उम्मीदवारों के प्रचार के लिए पायलट मंगलवार सुबह दो दिवसीय दौरे पर मध्य प्रदेश पहुंचे. मार्च में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सिंधिया ने कहा, “मैं उनसे ग्वालियर में मिला और उनका स्वागत किया.”

“मध्यप्रदेश की धरती पर सभी का स्वागत करने की परंपरा”

पूर्ववर्ती ग्वालियर शाही परिवार के वंशज सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में अपनी धरती पर सभी का स्वागत करने की परंपरा है, इसलिए उनका (पायलट) यहां भी स्वागत है.

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी (पायलट की) उपस्थिति का उपचुनावों में किसी भी तरह का विरोध करेंगे, सिंधिया ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को प्रचार करने का अधिकार है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के तहत तीन नवंबर को मतदान से पहले ग्वालियर-चंबल इलाके में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ कई बैठकें करेंगे.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा के मुताबिक पायलट मुरैना विधानसभा सीट के नूराबाद, दिमनी विधानसभा क्षेत्र के मनबसाई में, गोरमी (मेंहगांव सीट) और गोहद में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकों में शामिल होंगे. पायलट 28 अक्टूबर को ग्वालियर में एक पत्रकार वार्ता भी करेंगे.

इसलिए पायलट को संभालना पड़ा मोर्चा
बता दें कि ग्वालियर-चंबल इलाके में 16 सीटों पर उपचुनाव होना हैं और इस क्षेत्र में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का काफी प्रभाव माना जाता है. इन सीटों पर गुर्जर समुदाय का भी प्रभाव है और पायलट इसी समुदाय से आते हैं.

पायलट ने कुछ माह पहले राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी हालांकि बाद में उन्होंने पार्टी से सामंजस्य बना लिया. बता दें कि मध्यप्रदेश में उपचुनाव के तहत तीन नवंबर को मतदान के बाद 10 नवंबर को मतों की गिनती होगी

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