आपातकाल वाली मानसिकता…’ अर्णब की गिरफ्तारी पर बोले अमित शाह, एडिटर्स गिल्ड ने कहा- शॉकिंग

रिपब्लिक टीवी के मालिक और मुख्य संपादक अर्णब गोस्वामी को आज यानी बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया. 2018 के एक आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार अर्णब गोस्वामी को लेकर महाराष्ट्र सरकार को घेरा जा रहा है. केंद्र सरकार के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े नेता इसे बदले की कार्रवाई बता रहे हैं. इसे प्रेस की आजादी पर हमला बताया जा रहा है और आपातकाल से तुलना तक हो रही है.

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणनीवस, सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी, बीजेपी नेता कीरीट सौम्या ने इसे (Arnab Goswami Arrested) प्रेस की आजादी पर हमला बताया है.

अर्णब की गिरफ्तारी पर महाराष्ट्र सरकार को घेरा

गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा, ‘कांग्रेस और उनके सहयोगियों ने फिर एकबार लोकतंत्र को शर्मसार किया है. राज्य सरकार की ताकत का इस्तेमाल करके पत्रकार अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार करना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है. यह हमें आपातकाल की याद दिलाता है. इसका विरोध होना ही चाहिए.’

 

देवेंद्र फडणनीवस ने लिखा, ‘आपातकाल 1977 में ख़त्म हुआ पर मानसिकता बनी रही. आपातकाल का समर्थन करनेवाली कांग्रेस-शिवसेना साथ आने के बाद उसी मानसिकता का दर्शन दे रहे है. सरकार विरोधी हर आवाज को कुचलने का प्रयास लोकतंत्र पर धब्बा है. भारत ने एक ही बात सीखी है, हर ज़ोर ज़ुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है.

 

एटिडर्स गिल्ड ने भी अर्णब की गिरफ्तारी पर विरोध जताया है. उन्होंने इसे ‘शॉकिंग’ बताते हुए महाराष्ट्र सीएम से अपील की है कि मामले की जांच बिना किसी पक्षपात के हो. हमारे ग्रुप टीवी9 भारतवर्ष ने भी इस गिरफ्तारी की निंदा की है. न्यूज डायरेक्टर हेमंत शर्मा ने कहा कि सभी पत्रकारों को इसपर एकजुट होना चाहिए.

वहीं सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लिखा, ‘मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है. यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं.’

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि जिस तरह से अर्नब को गिरफ्तार किया गया है वह कांग्रेस पार्टी और महाराष्ट्र सरकार की मानसिकता दिखाता है. उन्होंने इसे पत्रकारिता और लोकतंत्र पर हमला बताया और इसका विरोध किया.

केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने लिखा, ‘जो लोग आज अर्णब के सपोर्ट में खड़े नहीं होंगे वे इस फासीवाद को सपोर्ट कर रहे होंगे. हो सकता है आप उन्हें पसंद ना करें, लेकिन अगर आप चुप रहे तो आप इस दमन का समर्थन करेंगे. अगर आप अगले हुए तो आपके लिए कौन बोलेगा?’

 

बीजेपी नेता कीरीट सौम्या ने लिखा, ‘हम ठाकरे सरकार के पुलिस राज, पत्रकार और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट्स के उत्पीड़न की कड़ी निंदा करते है, जो नेवी के अधिकारी की पिटाई करते है, पत्रकारों को जेल में भेजते हैं. अर्णब गोस्वामी को जिस प्रकार से गिरफ्तार किया ठाकरे सरकार को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.’

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