BJP के लकी साबित हुए VD शर्मा, इस तरह लिखी सत्ता में वापसी की पठकथा

वीडी शर्मा ने जब से मध्य प्रदेश में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान संभाली है. वे पार्टी के लिए लकी साबित हुए हैं. उपचुनाव में मिली जीत में भी उनका बड़ा योगदान रहा है. जानिए उनकी कुछ खास बातें.

भोपालः मध्य प्रदेश के उपचुनाव में बीजेपी को मिली जीत में जहां सीएम शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया की चर्चा हर तरफ हो रही है. तो एक चेहरा ऐसा भी है. जो बीजेपी के लिए लकी साबित हुआ है. जब से पार्टी की बागडोर उनके हाथ में आयी. तब से ही मध्य प्रदेश में बीजेपी की किस्मत बदल गयी. बात कर रहे हैं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की जिनके प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद मध्य प्रदेश में बीजेपी को जबरदस्त फायदा हुआ है.

अध्यक्ष बनते ही बनी सरकार 
खजुराहो लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद वीडी शर्मा को राकेश सिंह की जगह प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. 15 महीने पहले जब उन्होंने यह पद संभाला तब प्रदेश में कमलनाथ सरकार थी. लेकिन वीडी शर्मा बीजेपी के लिए लकी साबित हुए और अचानक से कांग्रेस में घमासान मच गया. ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और प्रदेश में फिर से बीजेपी की वापसी हो गयी.

उपचुनाव में मिली सफलता 
वीडी शर्मा के नेतृत्व में 28 विधानसभा सीटों पर लड़े गए उपचुनाव में भी बीजेपी की को 19 सीटों पर जीत मिली. जिसमें वीडी शर्मा को अहम योगदान रहा. अध्यक्ष बनते ही वीडी शर्मा ने जिला स्तर पर पार्टी में संगठनात्मक बदलाव किए और कई जिलों में युवा नेताओं का जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी.  जबकि सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद संगठन में समन्वय बना के रखा और एकजुटता के साथ उपचुनाव लड़ा. जिसका फायदा बीजेपी को मिला और पार्टी ने उपचुनाव में 28 में से 19 सीटें जीत ली.

कौन हैं वीडी शर्मा 
वीडी शर्मा मूल रूप से मुरैना जिले के सुरजनपुर गांव के हैं. छात्र जीवन से ही आरएसएस से प्रभावित वीडी शर्मा अखिल विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए और छात्र नेता के रूप से सक्रिए हो गए. एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और 2013 में आधिकारिक तौर पर बीजेपी में प्रवेश किया. जिसके बाद उन्होंने कई राज्यों में पार्टी की तरफ से चुनावों की जिम्मेदारी संभाली. 13 अगस्त 2016 को उन्हें मध्य प्रदेश बीजेपी में महासचिव बनाया गया और 2019 के लोकसभा चुनाव में खजुराहो सीट से मैदान में उतारा जहां वीडी शर्मा ने बड़ी जीत दर्ज की. सांसद बनने के कुछ दिनों बाद ही उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गयी.

विधानसभा नहीं सीधे संसद पहुंचे वीडी शर्मा 
वीडी शर्मा ने संघ के प्रचारक के तौर पर अपने राजनीति करियर की शुरुआत की थी. वे लगभग 22 साल तक प्रचारक रहे. 2018 के विधानसभा चुनाव में वीडी शर्मा के चुनाव लड़ने की चर्चा थी. लेकिन वे चुनाव में नहीं उतरे. 2019 से लोकसभा चुनाव में जब वीडी शर्मा को खजुराहो से टिकिट दिया गया तो तमाम राजनीतिक जानकार भी हैरान रह गए. विरोध के बाद भी वीडी शर्मा ने यहां से कांग्रेस की कविता सिंह को चुनाव हराया. जबकि उन पर बाहरी प्रत्याशी होने का आरोप लग रहा था. प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी मिलने पर भी सियासी जानकारों का मानना है कि संघ से वीडी शर्मा की करीबी ने उन्हें सीनियर नेताओं को पीछे छोड़ते हुए सीधे प्रदेश अध्यक्ष बनवा दिया. जिसका नतीजा अब दिख रहा है.

मुद्दों को भुनाया 
वीडी शर्मा ने उपचुनाव में प्रचार के दौरान आक्रमक रुख अपनाया और कमलनाथ और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस नेता ने जब सीएम शिवराज को नंगा भूखा कहा. तो बीजेपी ने ‘में भी शिवराज’ अभियान चलाया. जिसमें वीडी शर्मा का बड़ा रोल रहा. उन्होंने सोशल मीडिया पर इस अभियान को खूब प्रचारित करवाया जिसका फायदा बीजेपी को मिला.

अपने गढ़ में मिली हार 
हालांकि उपचुनाव की सफलता के बीच वीडी शर्मा को अपने ही गढ़ में हार का सामना करना पड़ा. वीडी शर्मा मूल रुप से मुरैना जिले से आते हैं. लेकिन इस जिले की पांच में से केवल दो ही विधानसभा सीटों पर बीजेपी को जीत मिली. यानि भले ही बीजेपी अन्य अंचलों में जीत गयी. लेकिन वीडी शर्मा को अपने ही गढ़ में हार का सामना करना पड़ा.

वीडी शर्मा पर बड़े नेताओं की थी नजर 

वीडी शर्मा छात्र जीवन से ही बीजेपी के बड़े नेताओं की नजर में रहे. उनके कुशल नेतृत्व के चलते वे पिछले कुछ सालों में पीएम मोदी और अमित शाह की नजरों में पहले थे. जिससे उन्हें पार्टी में इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गयी. जिस पर अब तक तो वे सफल नजर आए हैं.

वीडी शर्मा के सामने आने वाली चुनौतियां 
उपचुनाव में जीत के बाद वीडी शर्मा की चुनौतियां अभी कम नहीं हुई है. आने वाले वक्त में अब निगम और पंचायत चुनाव होंगे जो वीडी के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे. जिनमें पार्टी का अच्छा प्रदर्शन कराना वीडी शर्मा की जिम्मेदारी होगी. इसके अलावा सिंधिया के जिन समर्थकों को हार मिली हैं वीडी शर्मा उन्हें संगठन या अन्य कोई बड़ी जिम्मेदारी देते हैं यह सब भी वीडी शर्मा के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

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