Diwali 2020 : MP के इस शहर के श्मशान में धूम धाम से मनाई जाती है दिवाली, जानिए क्यों?
आमतौर पर श्मशान में मुर्दे ही जला करते हैं. वहीं महिलाओं का मुक्तिधाम में प्रवेश भी वर्जित रहता है. हालांकि, मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के शहर रतलाम (Ratlam) में हर साल दिवाली (Diwali) के मौके पर कुछ ऐसा देखने को मिलता है, जिसे देख-सुनकर लोग हैरान रह जाते हैं. रतलाम में रूप चौदस के दिन दीपोत्सव का एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है.
यहां श्मशान घाट पर दीप जलते हैं, रंगोली सजाई जाती है और पिछले साल तो यहां महिलाओं ने डांस भी किया था. रूप चौदस को यम चौदस भी कहा जाता है. यही कारण है कि मुक्तिधाम में पिछले 11 सालों से लगातार दीपोत्सव मनाया जा रहा है.
कई सालों से श्मशान में मना रहे हैं दिवाली
इस आयोजन में शामिल होने वाले लोग बताते हैं कि वो ये कार्यक्रम पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए करते हैं. पिछले साल महिलाओं ने श्मशान में दीप जलाए, नाचकर, पटाखे फोड़कर अपने पूर्वजों की शांति के लिए प्रार्थना की थी.
यहां दीवाली मनाने वाले लोगों का मानना है कि जो दुनिया से चला जाता है, उसे वो श्मशान में महसूस करते हैं. उनके साथ दीवाली मनाते हैं. प्रेरणा सामाजिक संस्था पिछले कई सालों से श्मशान में दिवाली मना रही है. पहले कुछ लोग इस आयोजन से जुड़े, लेकिन अब कई लोग मिलकर अपने परिवार के साथ यहां आते हैं और श्मशान में दिवाली मनाते हैं.
प्रेरणा संस्था के संयोजक कहते हैं कि श्मशान में हमारे पूर्वजों के साथ दिवाली की खुशियां बांटने के लिए हम लोग यह आयोजन करते हैं. इस दिन यम चौदस का भी महत्व है और इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्मशान में दीये जलाते हैं.