संजय राउत बोले- किसानों के साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया

नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनकारी किसान दिल्ली कूच के लिए राजधानी के बॉर्डरों पर डेरा जमाए बैठे हुए हैं। एक तरफ जहां दिल्ली के सिंघु और टिकरी सीमा पर हरियाणा और पंजाब के किसान डटे हुए हैं तो वहीं, यूपी सीमा पर भी भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत के नेतृत्‍व में किसान हजारों की संख्या में डेरा डाल रखा है। पुलिस ने बताया कि आंदोलनकारी किसान शांति से बैठे हैं और अब तक सहयोग कर रहे हैं। इससे पहले दिल्ली के बॉर्डरों पर डेरा जमाए बैठे आंदोलनकारी किसानों से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपील की है कि वह आंदोलन खत्म करें, सरकार बातचीत के लिए तैयार है।

किसान आंदोलन लाइव अपडेट्स-

– शिवसेना सांसद संजय राउत ने बताया कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया है, ऐसा लग रहा है कि जैसे वे इस देश के हैं ही नहीं। उनके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया है। चूंकि वे सिख हैं और पंजाब और हरियाणा से आए हैं, इसलिए उन्हें खालिस्तानी कहा जा रहा है। यह किसानों का अपमान है।

– दूसरे राज्यों के दिल्ली की ओर जाने वाले यात्रियों को सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर नाकेबंदी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक यात्री ने कहा कि हम विरोध के कारण कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। स्थिर संचार के लिए कोई वाहन नहीं है।

– दिल्ली उत्तरी रेंज के संयुक्त सीपी सुरेंद्र यादव ने बताया कि आंदोलनकारी किसान शांति से बैठे हैं और अब तक सहयोग कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना है और यह सुनिश्चित करना है कि व्यवस्था उनके आंदोलन को सुविधाजनक बनाने के लिए हो।

– बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि से संबंधित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित व आंदोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर।

– कृषि कानूनों के विरोध में किसान प्रदर्शनकारी गाज़ीपुर बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा कि हम आज दिल्ली कूच करेंगे और जंतर-मंतर या संसद भवन जाएंगे।

– सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर किसानों का विरोध जारी, सुरक्षाकर्मी तैनात। यहां पर किसानों ने कल फैसला किया कि वे यहां अपना विरोध जारी रखेंगे और कहीं और नहीं जाएंगे। यह भी तय किया गया था कि वे रणनीति पर चर्चा करने के लिए रोजाना सुबह 11 बजे मिलेंगे।

– यूपी गेट पर धरने पर बैठे किसान। इस दौरान वे सड़क पर बैठकर खाना खा रहे थे।

– बुराड़ी स्थित निरंकारी सत्संग मैदान किसानों को दिए जाने के 24 घंटे बाद भी किसान सिंधु बॉर्डर पर डटे हुए हैं।

बुराड़ी में राजनीतिक दलों का जमावड़ा लगा
किसानों के समर्थन में बुराड़ी के निरंकारी सत्संग मैदान में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। पंजाब में मुख्य विपक्षी दल और दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी किसानों समर्थन में खुलकर सामने आ गई है। बुराड़ी मैदान में दिल्ली सरकार की ओर से सारी व्यवस्था की जा रही है। बुराड़ी से विधायक संजीव झा ने खुद मोर्चा संभाल रखा है। वहीं कांग्रेस के नेता भी अपनी हाजिरी लगा रहे हैं। शनिवार को अलका लांबा भी बुराड़ी सत्संग मैदान पहुंचीं।

किसानों को क्या है नए कानून से डर
– पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र द्वारा हाल ही में लागू किए गये कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी
– उनकी दलील है कि कालांतर में बड़े कॉरपोरेट घराने अपनी मर्जी चलाएंगे और किसानों को उनकी उपज का कम दाम मिलेगा
– नए कानूनों के कारण मंडी प्रणाली खत्म हो जाएगा। किसानों को अपनी फसलों का समुचित दाम नहीं मिलेगा और आढ़ती भी इस धंधे से बाहर हो जाएंगे

क्या है मांग
अहम मांग इन तीनों कानूनों को वापस लेने की है जिनके बारे में उनका दावा है कि ये कानून उनकी फसलों की बिक्री को विनियमन से दूर करते हैं। किसान प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2020 को भी वापस लेने की मांग कर रहे। उन्हें आशंका है कि इस कानून के बाद उन्हें बिजली पर सब्सिडी नहीं मिलेगी।

 

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