समर्थन देने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे जामिया के छात्र, किसानों से बोले- ये हमारी लड़ाई, वापस लौटाया

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन को तीन हफ्ते होने जा रहे हैं, लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. वहीं किसानों पर आंदोलन को लेकर कई तरह के आरोप भी लगने लगे हैं. ऐसे में रविवार दोपहर गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में जामिया मिलिया इस्लामिया के कुछ छात्र किसानों के समर्थन करने के लिए बॉर्डर पहुंच गए.

डीएसपी अंशु जैन के मुताबिक, इन छात्रों में 4 से 5 लड़कियां थीं, जबकि एक लड़का भी था, लेकिन बॉर्डर पर बैठे किसानों ने इन छात्रों को देख तुरंत अपना विरोध दर्ज करा दिया, जिसके बाद बॉर्डर पर माहौल गरम हो गया. किसानों के इस विरोध को देखते हुए मौके पर पुलिस भी पहुंच गई.

प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से छात्रों को बॉर्डर से जाने को कह दिया. कुछ देर की कहा सुनी के बाद बॉर्डर पहुंचे छात्रों को वापस जाना पड़ा. इस घटना के वक्त मौजूद अर्जुन ने आईएएनएस को बताया कि जामिया के कुछ छात्र किसानों का समर्थन देने के लिए बॉर्डर पहुंचे थे. हाथों में डफली और एक दो पोस्टर भी लिए हुए थे.

“किसानों की एकता तोड़ना चाहती है सरकार”
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि कुछ छात्र किसानों को समर्थन देने के लिए वहां आए थे, लेकिन उन्हें स्पष्ट रूप से बताया गया कि यह केवल किसानों का प्रदर्शन है. इसके बाद छात्र जल्द ही वहां से चले गए. उन्होंने कहा, “सरकार किसानों की एकता को तोड़ना चाहती है.”

टिकैत ने कहा कि किसान अब भी बड़ी संख्या में विरोध स्थल पर पहुंच रहे हैं और तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा आंदोलन “ऐतिहासिक” होगा. किसान नेता सोमवार को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक भूख हड़ताल करेंगे. साथ ही सभी जिला मुख्यालयों पर भी किसान सोमवार को प्रदर्शन करेंगे.

वहीं हरियाणा में चरखी दादरी के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान और राष्ट्रीय बाल्मीकि महा संघ, दिल्ली के शादिपुर के अध्यक्ष मदन लाल बाल्मीकि ने भी टिकैत को समर्थन पत्र सौंपा है.

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