चुनाव में कालेधन के इस्तेमाल पर एक्शन में आया इलेक्शन कमीशन, करेगा MP के शीर्ष अधिकारियों से करेगा बात

चुनाव आयोग अगले महीने मध्य प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों को बुलाकर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान काले धन के इस्तेमाल में कथित भूमिका के लिए तीन आईपीएस अधिकारियों और अन्य के खिलाफ ‘आपराधिक कार्रवाई’ शुरू करने को लेकर अपने आदेश से उन्हें अवगत कराएगा. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी सहयोगियों पर आयकर विभाग के छापे के बाद यह मामला सामने आया था.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने स्पष्ट कर दिया कि अधिकारियों को ‘‘तलब नहीं किया जाएगा’’ बल्कि आयोग द्वारा उन्हें बुलाया जाएगा. अरोड़ा ने मंगलवार को बताया, ‘‘आयोग मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव और गृह सचिव को 10 जनवरी को बुलाकर चर्चा करेगा कि क्या कदम उठाए गए हैं…उन्हें प्रगति से अवगत कराने के लिए बुलाया जाएगा.’’

आयोग ने 16 दिसंबर को एक बयान जारी कर कहा था कि उसने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को तीन आईपीएस अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ ‘आपराधिक कार्रवाई’ की शिकायत दर्ज करने को कहा है. पिछले साल आम चुनाव के दौरान कमलनाथ के करीबी सहयोगियों पर आयकर विभाग के छापे के बाद काले धन के इस्तेमाल में इन अधिकारियों की भूमिका कथित तौर पर सामने आयी थी.

आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश

आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव से भी आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ ‘उपयुक्त विभागीय कार्रवाई’ शुरू करने को कहा है और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव से भी राज्य की पुलिस सेवा के एक अधिकारी के खिलाफ ‘‘इसी तरह की कार्रवाई’’ के लिए कहा है. चुनाव आयोग के एक बयान में कहा गया कि सीबीडीटी की रिपोर्ट में आयोग को बताया गया कि किसी खास राजनीतिक दल की ओर से अनधिकृत तरीके से बेनामी रकम के लेन-देन में कुछ लोग शामिल थे. ईसी की रिपोर्ट में किसी पार्टी का नाम नहीं लिया गया लेकिन कई खबरों में कहा गया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कांग्रेस का जिक्र किया था.

ये हैं आईपीएस अधिकारी

बयान में कहा गया, ‘‘रिपोर्ट में खास तौर पर बेनामी रकम के लेन-देन में सरकारी सेवकों की संलिप्तता उजागर की गयी. ’’ चुनाव आयेाग के सूत्रों ने तीनों आईपीएस अधिकारियों की पहचान सुशोभन बनर्जी, संजय माने, वी मधु कुमार और राज्य पुलिससेवा के अधिकारी अरूण मिश्रा के तौर पर की.

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