किसानों के हुड़दंग के बाद अमरिंदर सिंह ने की पीएम मोदी से यह अपील
गणतंत्र दिवस के मौके पर दंगाईयों ने कई जगह पर पुलिसकर्मियों पर हमला किया और जमकर तांडव किया। प्रदर्शनकारी हाथ में डंडे लेकर पुलिसकर्मियों को दौड़ाते हुए भी दिखे। इस हिंसा के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से किसानों की मांगों को स्वीकार करने की अपील की।
नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर दंगाईयों ने कई जगह पर पुलिसकर्मियों पर हमला किया और जमकर तांडव किया। प्रदर्शनकारी हाथ में डंडे लेकर पुलिसकर्मियों को दौड़ाते हुए भी दिखे। इस हिंसा के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से किसानों की मांगों को स्वीकार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून पूरी तरह से गलत हैं। सिंह ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर जो बुजुर्ग किसान बैठे हैं वे अपने लिए नहीं बल्कि अपने बच्चों और भावी पीढ़ियों के लिए वहां हैं। मुख्यमंत्री ने राजा भालिंद्र सिंह स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद कहा, ‘‘कृषि कानून पूरी तरह से गलत हैं क्योंकि ये संघवाद के विरोधाभासी हैं और संविधान की अनुसूची सात के तहत कृषि राज्य का विषय है।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री से आंदोलनरत किसानों की मांगों को पूरा करने की अपील की। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि किसानों की ट्रैक्टर परेड उनके अब तक के आंदोलन की तरह ही शांतिपूर्ण रहेगी। उन्होंने कहा था, ‘‘शांतिपूर्ण रहें और देश आपके साथ है।’’ सिंह ने कहा था कि गणतंत्र दिवस समारोह के बीच उनका ह्रदय किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के 122 सांसदों ने किसानों के पक्ष में आवाज उठाई है तथा अन्य देशों ने भी प्रदर्शनों का समर्थन किया है क्योंकि अब तक किसान शांतिपूर्ण रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र ने शुरुआत में उच्च स्तरीय समिति से पंजाब को जानबूझकर बाहर रखा था क्योंकि उन्हें पता था कि यहां से विरोध की आवाजें उठेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘ये आवाजें तब तक ऊंची होती रहेंगी जब तक कि किसानों की हितों की रक्षा नहीं होती।’’ सिंह ने कहा कि पंजाब को समिति में तब जाकर शामिल किया गया जब उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र को व्यक्तिगत पत्र लिखा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि काले कृषि कानूनों के बारे में उनसे या उनकी सरकार से कभी भी परामर्श नहीं लिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि ऐसा दिन भी देखना पड़ेगा जब पंजाब के किसान जिन्होंने हरित क्रांति लाकर खाद्यान्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाया, उन्हें इस तरह से भुला दिया जाएगा। सिंह ने कहा, ‘‘उन्होंने (किसानों ने) हमारे देश के लिए जो किया उसे हम कभी नहीं भूल सकते।’’ उन्होंने कहा कि अब जब गंगा, कावेरी और नर्मदा नदी घाटी क्षेत्रों में कृषि उत्पादन हो रहा है तो ऐसे में पंजाब के किसानों को दरकिनार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘भगवान न करे कि एक दिन ऐसा आए जब पूरे देश को पंजाब पर ही आश्रित होना पड़े।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी संकेत नहीं दिया कि एमएसपी को वापस लिया जाएगा या भारतीय खाद्य निगम को बंद किया जाएगा। सिंह ने कहा कि देश की सेना में 20 फीसदी पंजाबी हैं। उन्होंने राजग सरकार पर राज्य के सैनिकों के परिवारों की परवाह नहीं करने का आरोप लगाया।