Tractor Rally में हंगामा खड़ा करने के लिए BJP ने दीप सिद्धू को प्लांट किया: आम आदमी पार्टी

किसान यूनियनों के कई नेताओं ने भी ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान हिंसा भड़काने के लिए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू (Deep Sidhu) को जिम्मेदार ठहराया है.

आम आदमी पार्टी (AAP) ने बुधवार को आरोप लगाया कि गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हंगामा खड़ा करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दीप सिद्धू को प्लांट किया था. मंगलवार को आयोजित किसानों की ट्रैक्टर रैली का लक्ष्य कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग करना था.

किसान यूनियनों के नेताओं ने ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा भड़काने के लिए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी और सिद्धू के बीच संबंधों पर सवाल उठाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ दीप सिद्धू की तस्वीरें दिखाईं. उन्होंने कहा, “किसानों की ट्रैक्टर परेड में हंगामा खड़ा करने के लिए बीजेपी ने दीप सिद्धू को प्लांट किया.”

सिद्धू उन प्रदर्शनकारियों में शामिल थे जिन्होंने लाल किले पर झंडा लगाया. 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान गुरदासपुर से सनी देओल के चुनाव लड़ने के दौरान एक्टर सिद्धू उनके सहयोगी थे. दिसंबर 2020 में किसान आंदोलन से जुड़ने के बाद ही उन्होंने खुद को बीजेपी सांसद सनी देओल से अलग किया. लाल किले पर झंडा लगाने को लेकर सभी ओर से आलोचना झेल रहे सिद्धू ने बचाव में कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज नहीं उतारा था और सिर्फ सांकेतिक प्रदर्शन के रूप में ‘निशान साहिब’ का झंडा लगाया था.

‘निशान साहिब’ झंडा सिख धर्म का प्रतीक है और उसे सभी गुरुद्वारों पर लगा हुआ देखा जा सकता है. मंगलवार की शाम फेसबुक पर डाले गए एक वीडियो में सिद्धू ने दावा किया कि यह सोच-समझ कर नहीं किया गया था और उसे कोई साम्प्रदायिक रंग नहीं देना चाहिए या कट्टरपंथ नहीं बताया जाना चाहिए.

दिल्ली पुलिस ने राजपथ पर समारोह समाप्त होने के बाद तय रास्ते से ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दी थी, लेकिन हजारों की संख्या में किसान समय से पहले विभिन्न सीमाओं पर लगे बैरिकेड्स को तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश कर गए. कई जगह पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई और पुलिस को लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा. किसानों का एक समूह लाल किला भी पहुंच गया और वहां गुंबद पर तथा ध्वजारोहण स्तंभ पर झंडे लगा दिए. इस स्तंभ पर केवल राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाता है.

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